Police Commissionerate System : अधिकारी संगठन विरोध में उतरे, मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

सबसे बातचीत के बाद ही निर्णय लिया जाना था, एक पक्षीय नहीं!

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Police Commissionerate System

Police Commissionerate System : अधिकारी संगठन विरोध में उतरे, मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

Bhopal : इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू किए जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ ही अधिकारी संगठनों की तरफ से इसका विरोध शुरू हो गया। मध्य प्रदेश प्रशासनिक सेवा संघ और मप्र राजस्व अधिकारी संघ ने इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव को पत्र लिखे हैं।

प्रशासनिक सेवा संघ ने प्रमुख सचिव और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपना पक्ष रखने का समय मांगा है। यह उस स्थिति में हुआ, जब प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस व्यवस्था को अगले एक सप्ताह में लागू किए जाने की घोषणा की।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर और भोपाल में बढ़ते अपराधों के मद्देनजर राज्य के इन दो बडे शहरों में पुलिस कमिश्नरी लागू किए जाने की घोषणा की थी।                                                                            IMG 20211125 WA0039

मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी कर्मचारी और राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने भी मुख्यमंत्री को इस आशय का पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा कि यह आम जनता से जुड़ा विषय होने से इस प्रणाली के लागू होने के संबंध में अंतिम निर्णय लेने से पहले मंत्रिमंडलीय समूह, सचिव स्तरीय, सभी अधिवक्ता परिषद एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा नागरिक संगठनों के मध्य पुलिस कमिश्नर प्रणाली के संबंध में विस्तृत विचार विमर्श किया जाना उचित होगा। इतना महत्वपूर्ण निर्णय एक पक्षीय किया जाना न्याय संगत नहीं होगा। अतः उक्त निर्णय पर पुनर्विचार करने की कृपा करें।                                                                    IMG 20211125 WA0038

राज्य की IAS लॉबी शुरू से ही इस व्यवस्था को लागू किए जाने के विरोध में रही है। वह नहीं चाहती कि इंदौर और भोपाल जैसे बड़े शहर उसकी प्रशासनिक व्यवस्था से बाहर निकले। इसलिए माना जा रहा है की पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू होने से पहले सरकार को कई सारी बाधाओं से गुजरना पड़ेगा यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी जब इस तरह की घोषणा हुई, इसे किसी न किसी तरह अटकाया गया। राज्य प्रशासनिक सेवा और राजस्व अधिकारी संघ का पत्र इसी तरह के कदम का हिस्सा माना जा रहा है।