
Police Lawyer Controversy : पुलिस और वकीलों में हुए विवाद मामले की जांच कमेटी करेगी!
Indore : वकील और पुलिस के बीच पनपे विवाद का साझा बैठक के बाद पटाक्षेप हो गया। पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। यह कमेटी वीडियो फुटेज और अन्य साक्ष्यों को देखने के बाद कार्रवाई की अनुशंसा करेगी। वहीं, हाईकोर्ट के सामने हुए प्रदर्शन और पुलिस अधिकारियों से अभद्र व्यवहार मामले में जांच के बाद जो भी दोषी होगी, उसकी जानकारी न्यायालय को देकर कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय बैठक में लिया गया।

पलासिया स्थित कंट्रोल रुम में हुई बैठक में प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेन्द्र वर्मा, पुलिस आयुक्त संतोष सिंह, पीड़ित वकील अरविंद जैन आदि उपस्थित थे। बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमित सिंह के मुताबिक, बैठक में दो मुद्दे रखे गए थे। पहला, परदेशीपुरा पुलिस द्वारा वकीलों से मारपीट तथा दूसरा, हाईकोर्ट पर चक्काजाम करते हुए तुकोगंज थाना प्रभारी जितेन्द्र सिंह यादव, सहायक पुलिस आयुक्त विनोद दीक्षित के साथ बदसलूकी का था।
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के सामने प्रदर्शन वाले मामले में तीन केस दर्ज हुए हैं। इसमें एक केस बगैर अनुमति चक्काजाम करना, दूसरे में टीआई ने बदसलूकी तथा तीसरे में फरियादी के साथ वकीलों ने मारपीट की, के संबंध में केस दर्ज हुए हैं। पूरे मामले में पुलिस ने 200 अज्ञात वकीलों पर केस दर्ज किया था। इसके पहले पुलिस ने वीडियो रिकार्डिंग की थी।
ये रहेंगे जांच के बिंदू
– पहले मामले में फरियादी राजू गौड़ से पुलिस के संबंध।
– वकील अरविंद जैन से मारपीट और जबरन गाड़ी में बैठाने।
– पांच पुलिसकर्मियों की भूमिका।
– फुटेज के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई होगी।
– दोषी का नाम सामने आने पर वीडियो न्यायालय के समक्ष रखा जाएगा।
– किसी को बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा।
सुबह भारी बंदोबस्त किए
पुलिस को जानकारी मिली थी, कि वकील हाईकोर्ट के सामने दोबारा प्रदर्शन कर सकते हैं। इसके चलते डीसीपी हंसराज के निर्देश पर कोर्ट के समक्ष 8 थानों का बल, वाटर कैनन के साथ पुलिस ने भारी बंदोबस्त कर रखा था। लेकिन, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आदेश के बाद वकीलों ने प्रदर्शन नहीं किया।
अंदर प्रवेश नहीं करने दिया
प्रदर्शन के बाद पुलिस की टीम जिला कोर्ट में वीडियो के आधार पर कुछ वकीलों को गिरफ्तार करने पहुंची थी। आरोप है इस दौरान वकीलों ने पुलिस को यह कहकर अंदर प्रवेश करने से रोक दिया कि वह पहले न्यायालय से गिरफ्तारी के आदेश लेकर आए।





