

Policy on Forced Marriage : कंपनी ने कुंआरे कर्मचारियों को सितंबर तक शादी का अल्टीमेटम दिया, फिर क्या हुआ!
कंपनी ने तीन-तीन महीने बाद होने वाली कार्रवाई के बारे में भी कर्मचारियों को सूचना दी!
Beijing : किसी व्यक्ति को शादी कब करना है उसे करना भी है या नहीं करना है या उसका या आपके परिवार का व्यक्तिगत मामला होता है। लेकिन, चीन की एक कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए एक बाध्यकारी फैसला लिया कि उन्हें इस साल सितंबर तक किसी भी स्थिति में शादी करना होगी। लेकिन, नियम कानून से अलग मामला होने और विरोध होने के कारण उसे अपने इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। इसके पीछे कंपनी का तर्क था कि कर्मचारियों में मेहनत, दया, लॉयल्टी और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देना था।
चीनी कंपनी शंटियन केमिकल ग्रुप ने अपने कर्मचारियों को शादी करने का अल्टीमेटम दिया था। कहा कि शादी न करने पर उन्हें नौकरी से भी निकाला जा सकता है। इस गैरवाजिब नीति के सामने आने के बाद कंपनी की भारी आलोचना हुई। क्योंकि, उसने सितंबर तक शादी न करने वाले सिंगल और तलाकशुदा कर्मियों को बर्खास्त करने तक की धमकी दी थी। शेडोंग के इस केमिकल ग्रुप को आलोचना, जनआक्रोश तथा सरकारी दखल के बाद आखिर अपना आदेश वापस लेना पड़ा।
इसी साल जनवरी में शंटियन केमिकल ग्रुप ने 28 से 58 वर्ष आयु के कर्मियों के लिए नीति बनाई कि सभी कुंआरे और तलाकशुदा अविवाहित कर्मचारी सितंबर तक शादी करके अपने घर बसा लें। जो मार्च तक अविवाहित रहेंगे, उन्हें अपनी निंदा का पत्र लिखकर देना होगा। जो व्यक्ति जून तक शादी नहीं करता उसका मूल्यांकन किया जाएगा। अगर सितंबर तक शादी नहीं की गई तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
बाद में चीनी मानवाधिकार और सामाजिक सुरक्षा ब्यूरो ने मामले में दखल दिया और कंपनी को नोटिस रद्द करना पड़ा। ‘साउथ चाइना माॉर्निंग पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, शेडोंग के शंटियन केमिकल ग्रुप द्वारा लागू की गई इस नीति की आलोचना, आक्रोश और सरकारी हस्तक्षेप के बाद वापस ले लिया गया।
कंपनी ने आदेश रद्द कर गलती स्वीकारी
कंपनी के इस आदेश के लगातार हो रहे विरोध के बाद स्थानीय ह्यूमन रिसोर्स और सोशल सिक्योरिटी ब्यूरो ने मामले में दखल दिया और एक संशोधन आदेश जारी करते हुए कंपनी के नोटिस को रद्द कर दिया। अधिकारियों ने पुष्टि की, कि कंपनी की नीति ने लेबर कानूनों का उल्लंघन किया है। इतनी आलोचनाओं और विरोध के बाद कंपनी ने भी अपनी गलती स्वीकार कर ली है।
वायरल हुआ कंपनी का आदेश
कंपनी का ये आदेश चीनी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और इसकी आलोचना भी हुई। लोगों ने कंपनी पर लेबर कानूनों के उल्लंघन को लेकर आलोचना की और कर्मचारियों के निजी जीवन में दखल देने का आरोप भी लगाया। एक यूजर ने लिखा ‘कंपनी के नियम कानून सामाजिक नैतिक मूल्यों से बढ़कर नहीं हो सकते हैं।’ जबकि एक अन्य यूजर ने लिखा ‘चीन का विवाह कानून फ्रीडम ऑफ चॉइस की गारंटी देता है।’