
दिवाली से पहले राजधानी की हवा का स्तर बेहद खराब स्थिति में
New Delhi : इस बार यदि आतिशबाजी पर काबू नहीं किया गया तो राजधानी नई दिल्ली में तहने वाले लोगों का दम घुट जाएगा। पटाखों के धुंए के अलावा पराली जलने से होने वाला प्रदूषण(Pollution )सबसे ज्यादा दुःख देगा।
4 से 6 नवंबर के बीच पराली से होने वाला प्रदूषण 20% से 38% तक रहने का अनुमान है। प्रदूषण के नजरिए से 4 नवंबर की रात को गंभीर माना जा रहा है।
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था ‘सफर’ के पूर्वानुमान के अनुसार New Delhi में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर है। ये लगातार बिगड़ती जा रही है। यदि 2019 के मुकाबले दिवाली पर लोगों ने आधे पटाखे भी जलाए तो राजधानी का दम घुट जाएगा।
संस्था ‘सफर’ ने यह पूर्वानुमान दिवाली पर होने वाले संभावित प्रदूषण(Pollution) को लेकर लगाया है मंगलवार को नई दिल्ली की हवा बहुत ज्यादा प्रदूषित आंकी गई।
आतिशबाजी के अलावा पराली जलने से होने वाला धुआं लोगों की सांस संबंधी समस्याएं बढ़ा सकता है। पूर्वानुमान के अनुसार, 4 से 6 नवंबर के बीच पराली जलने का प्रदूषण 20% से 38% तक हो सकता है।
राजधानी में यदि 2019 की तुलना में 50% आतिशबाजी भी होती है, तो 4 नवंबर की रात प्रदूषण गंभीर स्थिति में पहुंच जाएगा। 5 नवंबर को भी प्रदूषण(Pollution ) की स्थिति ऐसी ही रहेगी। 6 नवंबर को थोड़े सुधार का अनुमान है! पर, प्रदूषण ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर स्थिति’ के बीच बढ़कर कम होता रहेगा।
4 से 6 नवंबर तक पराली से होने वाला प्रदूषण भी 20% से 40% तक रह सकता है। यह तब रहेगा, जब दिवाली पर पराली के मामले भी पिछली दिवाली जितने रहे। अनुमान के मुताबिक, 5 नवंबर को पराली का प्रदूषण पीक रहेगा। यदि पराली जलाने के मामले 4000 के आसपास रहते हैं, तो प्रदूषण 40% के करीब होगा। यदि राजधानी और एनसीआर में आतिशबाजी नहीं होती, तो 4 से 6 नवंबर के बीच Ph 2.5 का स्तर बेहद खराब श्रेणी में रह सकता है। AQI 370 के आसपास रह सकता है।

गाजियाबाद देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर, एनसीआर में भी स्थिति बदतर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर बुलेटिन के अनुसार, राजधानी में मंगलवार को Air Quality Index (AQI) 303 रहा। मंगलवार को प्रदूषण (Pollution )का स्तर बेहद खराब स्तर पर रहा।
अगले दो दिनों तक स्थिति ऐसी ही खराब रहने का अनुमान है। मंगलवार को पराली से होने वाला प्रदूषण मात्र 6% रहा। पराली जलाने के मामलों में सोमवार की तुलना में काफी गिरावट आई है।
अनुमान है कि हवा की गति तेज होने से पराली जलाने के बावजूद पराली प्रदूषण 10% के आसपास ही रह सकता है। मंगलवार को 1789 जगहों पर पराली जली, लेकिन पराली प्रदूषण(Pollution ) मात्र 6% रहा।
लेकिन, 4 नवंबर को पराली जलाने का असर राजधानी की हवा पर भी पड़ेगा। क्योंकि, 4 नवंबर से हवाओं की दिशा नार्थ वेस्टर्ली हो जाएगी जिसकी वजह से पराली का धुआं राजधानी पहुंचने लगेगा, जो अभी नहीं आ रहा है।
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हवा की बहुत खराब श्रेणी वाले शहर (AQI)
देश के 135 शहरों की स्थिति मंगलवार को बहुत ख़राब रही। Central Pollution Control Board (CPCB) ने शाम चार बजे एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) जारी किया। उसमें सबसे अधिक AQI गाजियाबाद का रहा, जो 334 दर्ज किया गया है। 2 दिन पहले गाजियाबाद का AQI 350 के आसपास पहुंच गया था। NCR के दिल्ली, नोएडा और फरीदाबाद का AQI भी बहुत खराब था।
– गाजियाबाद – 334
– फरीदाबाद – 306
– दिल्ली – 303
– नोएडा – 303
– ग्रेटर नोएडा – 276
– गुड़गांव – 287





