निकायों में पेयजल, सीवरेज प्रबंधन के खर्च की शत प्रतिशत वसूली की तैयारी, हर साल पंद्रह प्रतिशत बढ़ेगा प्रभार

गैर आवासीय, व्यावसायिक इकाईयों पर तीन साल में सौ प्रतिशत तक बढ़ेगा उपभोक्ता प्रभार

418
आदिवासियों को साधने के लिए सरकार

निकायों में पेयजल, सीवरेज प्रबंधन के खर्च की शत प्रतिशत वसूली की तैयारी, हर साल पंद्रह प्रतिशत बढ़ेगा प्रभार

भोपाल
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों पर पेयजल, सीवरेज और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के खर्च का बोझ बढ़ने वाला है। नगरीय प्रशासन विभाग ने इसके लिए होनें वाले खर्च की शत-प्रतिशत वसूली करने की तैयारी कर ली है। आवासीय इकाईयों में इसके लिए होंने वाले खर्च पर उपभोक्ता प्रभार की वसूली को हर साल पंद्रह प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकेगा वहीं औद्योगिक इकाईयों और शासकीय सम्पत्तियों पर लगने वाले शुल्क को सौ प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकेगा।
आयुक्त नगरीय प्रशासन भरत यादव ने सभी नगर निगम आयुक्त और नगर पालिका परिषद तथा नगर परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को उपभोक्ता प्रभारों की दरों के निर्धारण के लिए बने नियमों का क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए है। इसमें मध्यप्रदेश नगर पालिका जलप्रदाय, मल-जल तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं के लिए उपभोक्ता प्रभारों की दरों को तय किया जाना है। मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 132 क तथ मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 127 ख के तहत राज्य शासन द्वारा जलप्रदाय, मल-जल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं पर उपभोक्ता प्रभार की दरों का निर्धारण करने के लिए नियम बनाए गए है। ये नियम वर्ष 2020 में बनाए गए थे। इन नियमों में आमजनता पर बहुत अधिक बोझ पड़ रहा था जिसके चलते दिसंबर 2021 में नगरीय प्रशासन विभाग ने इसमें आंशिक संशोधन किया है।

वास्तविक खर्च के आधार पर तय होंगें नए उपभोक्ता प्रभार-
सभी नगरीय निकाय अपने क्षेत्रों में जलप्रदाय, मल-जल निकासी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्रचालन और संधारण ओ एंड एम) पर आने वाले वार्षिक खर्च का आंकलन करेंगे। इसके आंकलन के लिए स्थानीय निधि संपरीक्षा विभाग या चार्टर्ड एकाउंटेंट की मदद ली जाएगी। इसमें जलप्रदाय और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं के प्रचालन और संधारण पर आने वाले वार्षिक खर्च की शत प्रतिशत वसूली का फार्मूला बनाना होगा। ऐसी नगर पालिका जिसमें मल-जल सेवाएं उपबंधित है वहां मल-जल सेवाओं के लिए उपभोक्ताओं के लिए उपभोक्ता प्रभार जलप्रदाय सेवाओं के लिए लगने वाले उपभोक्ता प्रभार का न्यूनतम चालीस प्रतिशत निर्धारित किया जा सकेगा। फीकल(मल)सेप्टेज मैनेजमेंट के लिए उपभोक्ता प्रभ्ज्ञार परिवहन तथा उपचार की वास्तविक लागत के आधार पर निर्धारित किया जाएगा तथा सेप्टिक टैंक के मलत्याग(डेस्लजिंग) पर प्रभारित किया जाएगा। आवासीय इकाईयों के संबंध में उपभोक्ता प्रभार की प्रचलित दरें किसी भी वित्तीय वर्ष में पंद्रह प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ाई जाएगी।
गैर आवासीय इकाईयों, औद्योगिक इकाईयों तथा शासकीय और अर्द्धशासकीय इकाईयों के संबंध में उपभोक्ता प्रभार की दरों में सौ प्रतिशत से अधिक वृद्धि करने की जरुरत हो तो यह वृद्धि तीन वर्ष में तीन चरणों में की जा सकेगी।
राज्य और संभाग स्तरीय समिति करेंगी वास्तविक खर्च का निर्धारण-निकायों में जलप्रदाय, मल-जल और ठोस अपशिष्ट प्रबध्ांन पर होेंने वाले वास्तविक खर्च का आंकलन सहीं किया गया है या नहीं इसके लिए राज्य स्तरन पर आयुक्त नगरीय प्रशासन की अध्यक्षता वाली समिति और नगर पालिका परिषद और नगर परिषदों के लिए संभागायुक्त अथवा उनके द्वारा नामांकित अधिकारी की अध्यक्षता में समितियां बनाई गई है।

चुनाव के कारण रुकी थी वृद्धि अब फिर लगाने की तैयारी-
वर्ष 2020 में जब नियम बने थे उस समय चुनावों के कारण उपभोक्ता प्रभारों में इजाफे और वास्तविक खर्च की शत प्रतिशत वसूली को लागू करने से रोक दिया गया था। अब नगरीय निकायों के चुनाव हो चुके है और निकायों की माली हालत ठीक नहीं है इसलिए अब फिर से उपभोक्ता प्रभारों को बढ़ाने के निर्देश सभी निकायों को दिए गए है।