भाजपा और कांग्रेस के मेनिफेस्टों में पर्यावरण सुधार का वादा, चुनाव प्रचार में कोई चर्चा नहीं
भोपाल। लोकसभा के पहले और दूसरे फेज में मतदान कम होने से भाजपा- कांग्रेस के अलावा अन्य राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज चिंतित है। दूसरे फेज में मतदान फीसदी बढ़ाने को लेकर निर्वाचन आयोग से लेकर भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारक मतदाताओं से अधिक से अधिक मतदान प्रक्रिया में भाग लेने की लेकिन उसका बहुत ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया।
प्रदेश की 12 लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है। तीसरे और चौथे चरण के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपना – अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया है।
भाजपा और कांग्रेस के मेनिफेस्टों की बात करे तो दोनों पार्टियों ने पर्यावरण सुधार को अपने- अपने मेनिफेस्टों में स्थान दिया है। यह अलग बात है कि दोनों पार्टियों ने पर्यावरण जैसे संवेदनशील मुद्दों को सबसे अंत में जगह दी है। सबसे अधिक गौर करने वाली बात यह है कि भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज अपने चुनावी भाषण में आरोप- प्रत्यारोप तक ही सीमित होकर रह जाते हैं। पर्यावरण सुधार को लेकर कोई राजनेता जिक्र तक नहीं करता है।
प्रदेश की कुल भूमि में 30 फीसदी क्षेत्र में वन फैला हुआ है। देश के मानचित्र में प्रदेश का नाम चीता, टाइगर घड़ियाल और गिद्ध स्टेट के नाम से जाना जाता है। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी चुनावी भाषणों में प्रदेश में इंन बिंदूओं पर कांग्रेस के नेता हो या भाजपा के नेता कुछ भी बोलने से बचते हैं।
वन मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनिता चौहान झाबुआ – रतलाम लोकसभा से बीजेपी की उम्मीदवार है।
*पर्यावरण पर कांग्रेस की सोच-*
कांग्रेस ने अपने 2024 के न्याय पत्र में दो पृष्ठों में पर्यावरण, जलवायु, आपदा प्रबंधन, जल और स्वच्छता से संबंधित मुद्दों का जिक्र किया है। इससे पहले भी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने पर्यावरण एंव तटीय प्रबंधन को लेकर जिक्र करती आ रही है। कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर देश में उसकी सरकार बनती है तो पर्यावरण को बचाने के लिए डायवर्शन सहित अन्य नियमों में बड़ा बदलाव करेगी। कांग्रेस ने दावा किया है कि पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए देश में पर्यावरण प्राधिकरण बनाएगी। हरित परिवर्तन और नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने के लिए एक कोष बनाने का वादा की।
*पर्यावरण पर बीजेपी का दृष्टिकोण-*
ग्लोबल वार्मिग के बढ़ते खतरे को देखते हुए बीजेपी ने अपने 2024 के संकल्प पत्र में वर्ष 2027 तक उत्सर्जन नेट जीरो करना, गैर- जीवाश्म स्रोतोें का इस्तेमाल करना। भाजपा ने दावा किया है कि अगर उसकी सरकार बनती है तो जल प्रबंधन के लिए सभी नदियों की स्थिति में बेहतर सुधार करना , देश के प्रमुख शहरों के वायु गुणवत्ता में सुधार लाना। पर्यावरण संरक्षण के लिए वन क्षेत्रों का विस्तार करना और तटीय प्रबंध पर विशेष ध्यान देना।