Punishment : मूक-बधिर से बलात्कार करने वाले को 10 साल की सजा,DNA रिपोर्ट बनी सजा का मुख्य आधार

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*रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट*

Ratlam : अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी नंदलाल उर्फ नंदू पिता फकीरचंद गुजराती को मूक बधिर के साथ दुष्कर्म के आरोप में धारा 376(2)(एल)भादवि में 10 साल की सजा 5 हज़ार के जुर्माने से दंडित किया। सजा का मुख्य आधार आरोपी की DNA रिपोर्ट को माना गया।

    पीड़िता के ताऊ ने जावरा पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, कि वह ग्राम मामट खेडा में रहता है। उसका छोटा भाई और पूरा परिवार दाह संस्कार में ग्राम गुराडिया गए थे। उसके भाई की 22 वर्षीय लडकी मानसिक रूप से विक्षिप्त होकर गुंगी और बहरी है। हम दोनों घर पर ही थे। दिन में 4 बजे मेरे भाई की लडकी घर के बाहर घूम रही थी। जब वो नहीं दिखी तो मैं उसकी तलाश गांव में करने लगा। दशरथ पिता बाबू निवासी मामट खेडा ने मुझे बताया कि तुम्हारी भतीजी को नंदू पिता फकीर चंद अपने साथ आंगनवाडी तरफ ले जाते हुए देखा गया। मैं उसी समय दशरथ को साथ लेकर उसकी मोटर साइकल पर बैठकर आंगनवाडी के पीछे पहुंचा और देखा कि नंदू मेरी भतीजी के साथ कुकर्म कर रहा था। मैंने नंदू को पकड़ा तो वह हाथ छुडाकर वहा से भाग गया।

   इस तरह आरोपी के विरुद्ध पीड़ित युवती ने उक्त घटना पर आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कराई। पुलिस ने विवेचना के दौरान पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाया और गवाहों के बयान दर्ज करवाए।
अपराध में आरोपी नंदू द्वारा बलात्कार में नाम आने पर उसे गिरफ्तार कर मेडिकल और DNA और खून की जांच की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की। अदालत ने उसे जेल भेजने का आदेश दिया।
पुलिस ने पड़ताल के बाद अभियोग पत्र आरोपी के विरूद्ध धारा 376(2)(एल) भादवि के अंतर्गत अदालत में पेश किया गया। जहां गवाहों के साक्ष्य, DNA रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने उसे 10 साल की सजा सुनाई।