Punishment from Patna Sahib & Akal Takht : सुखबीर सिंह बादल तनखैया घोषित, पटना साहिब और अकाल तख्त दोनों से सजा मिली!

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Punishment from Patna Sahib & Akal Takht : सुखबीर सिंह बादल तनखैया घोषित, पटना साहिब और अकाल तख्त दोनों से सजा मिली!

धार्मिक मामलों में लापरवाही और साजिश रचने का आरोप, सिख समुदाय में गहमा-गहमी!

Patna / Amratsar : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को फिर तनखैया घोषित किया गया। इस बार तख्त श्री हरमिंदर जी पटना साहिब (बिहार) ने यह फैसला सुनाया। जानकारी के मुताबिक तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब (बिहार) में आज शनिवार को पंज प्यारे सिंह साहिबानों का विशेष समागम हुआ, जिसमें यह फैसला सुनाया गया।

यह फैसला 21 मई 2025 से शुरू हुए घटनाक्रम के मद्देनजर लिया गया, जिसमें अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार भाई कुलदीप सिंह गरगज्ज और तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार भाई टेक सिंह ने तख्त पटना साहिब की गरिमा, संविधान और उपनियमों को चुनौती देकर असंवैधानिक हस्तक्षेप किया था।

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को सिख धार्मिक मर्यादाओं के उल्लंघन के चलते यह सजा सुनाई गई। तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पंच प्यारों ने उन्हें तनखैया घोषित किया। इससे पहले अकाल तख्त से भी उन्हें धार्मिक मामलों में लापरवाही को लेकर सजा मिल चुकी है। 4 जुलाई 2025 को जारी हुक्मनामे में स्पष्ट किया गया कि सुखबीर सिंह पर तख्त के मामलों में साजिश रचने और आदेश की अवहेलना के गंभीर आरोप हैं।

श्री अकाल तख्त साहिब ने 21 मई को आदेश दिया था कि सुखबीर सिंह पटना साहिब में सशरीर पेश होकर अपना पक्ष रखें, जो पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह जी की सेवा बहाली और वर्तमान जत्थेदार को हटाने की प्रक्रिया से जुड़ा था। इसके बावजूद सुखबीर ने आदेश की अनदेखी की और कई बार बुलाने पर भी उपस्थित नहीं हुए।

इस घटनाक्रम ने न केवल सिख धार्मिक संस्थानों में बल्कि राजनीतिक हलकों में भी उथल-पुथल मचा दी। शिरोमणि अकाली दल पहले से ही आंतरिक मतभेदों और घटती जनसमर्थन की चुनौतियों से जूझ रहा है। अब सुखबीर सिंह पर लगे ये धार्मिक आरोप उनकी साख और नेतृत्व दोनों के लिए एक और बड़ा झटका माने जा रहे हैं।