विराट छप्पन भोग महोत्सव में बना भक्ति का इंद्रधनुष, आठ हजार भक्त बने साक्षी
इटारसी से वरिष्ठ पत्रकार व चिंतक चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट
इटारसी। विश्व व देश में द्वारिका,मथुरा,वृंदावन आदि तीर्थों की तरह ही , एक ही कसौटी पत्थर से निर्मित, चमत्कारिक रूप से प्रकट हुई, श्री द्वारकाधीश की अद्भुत प्रतिमा व उनके चमत्कारों के लिए सुविख्यात श्री ठाकुर द्वारिका धीश जी बड़ा मंदिर में , आज आंवला नवमी पर 3 साल के कोविड संक्रमण के बाद मंदिर उत्सव समिति द्वारा पुनः पूर्ववत विराट छप्पन भोग महोत्सव हुआ। इस अवसर पर मंदिर प्रांगण अत्यंत मनोहारी रूप से सजाया गया था। प्रारंभ गाय माता के गोबर से निर्मित श्री गिरिराजधरण व भगवान गोवर्धन की शास्त्रोक्त पूजन से हुआ।
फिर उन्हें व श्री द्वारकाधीश जी को छप्पन भोग समर्पित कर,महाआरती की गई,जिसमें हजारों भक्त शरीक हुए। फिर कतार बद्ध खड़े हजारों पुरुषों,महिलाओं,बहनों,बच्चों को छप्पन भोग प्रसादी का वितरण घोषित समय पर रात्रि ठीक 7.30 बजे प्रारंभ हुआ। व्यवस्था ऐसी थी कि एक मिनिट में 50 भक्तों को बहुत तत्परता से वितरण हो रहा था। समाचार लिखने तक रात्रि 10.30 बजे तक हजारों भक्त छप्पन भोग प्रसादी प्राप्त कर चुके थे व हजारों भक्ति भाव से कतार बद्ध थे। बुजुर्ग बताते हैं कि एक समय था जब प्रतिमा की तेजस्विता से भक्तों को अपनी हर समस्या,पीड़ा,में भक्ति भाव से दर्शन करने मात्र से ही तुरंत मानसिक रूप से मार्गदर्शन मिल जाता था। आज भी सच्चे भक्तों को कई बार ऐसी ही अनुभूति होती है। सिर्फ भक्त के भाव मात्र से प्रसन्न हो जाने वाले श्री द्वारिकाधीश जी यहां भक्तों में ठाकुर जी के नाम से जाने जाते हैं।