RBI Payment Aggregator License: देश में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा दे रही ये कंपनी

RBI ने 32 एग्रीगेटर्स को दी सैद्धांतिक मंजूरी

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RBI Payment Aggregator License: देश में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा दे रही ये कंपनी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से देश में ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) को लेकर बड़ी खबर आ रही है. आरबीआई बैंक ने बुधवार को कहा कि, देश में 32 मौजूदा पेमेंट एग्रीगेटर्स को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर (Online Payment Aggregators) के रूप में काम करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.

इससे देश में ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करने के लिए जनता के पास कई तरह के विकल्प मार्केट में उपलब्ध हो जाएंगे.

इन्हें मिली सैद्धांतिक मंजूरी

RBI ने जानकारी में कहा कि जिन पेमेंट एग्रीगेटर्स (Payment Aggregator- PA) को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी गई है, उनमें अमेजन (पे) इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Amazon Pay India Private Limited), गूगल इंडिया डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Google India Digital Services Private Limited), इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड (Infibeam Avenues Limited), रिलायंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड (Reliance Payment Solutions Limited) और जोमैटो पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (Zomato Payments Private Limited) को शामिल है. रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि, अभी 18 और मौजूदा पेमेंट एग्रीगेटर्स, आवेदन की प्रक्रिया में चल रहे है. जल्द ही उन्हें भी मंजरी दी जा सकती है.

RBI ने ट्विटर पर दी जानकारी

 

 

 

 

आरबीआई ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर शेयर की है. RBI ने अपने आधिकारिक ट्विटर से बताया कि पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम एक्ट 2007 के तहत प्राप्त ऑनलाइन भुगतान एग्रीगेटर्स के आवेदन की स्थिति क्या है. Cred, Razorpay और PhonePe सहित कम से कम 185 फिनटेक फर्मों ने पेमेंट एग्रीगेटर्स लाइसेंस के लिए आवेदन प्रस्तुत किए थे.

आवेदन के लिए बढ़ाया समय

आरबीआई की तरफ आवेदन की तारीख बढ़ाई जा चुकी है. RBI ने 17 मार्च 2020 और 31 मार्च 2021 को पेमेंट एग्रीगेटर्स और पेमेंट गेटवेज के रेगुलेशन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. नए दिशानिर्देशों के अनुसार, 17 मार्च 2020 तक सभी ऑनलाइन नॉन-बैंक पेमेंट एग्रीगेटर्स (PA) को पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम एक्ट 2007 के तहत मंजूरी लेने के लिए 30 सितंबर 2021 से पहले अपना आवेदन जमा करना था. लेकिन बाद में RBI ने आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख को 1 साल के लिए बढ़ाकर 30 सिंतबर 2022 किया था. तब आरबीआई ने कहा कि जब तक कोई संस्था पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम एक्ट की धारा-7 के तहत मंजूरी नहीं हासिल करती, तब तक उसे सैद्धांतिक मंजूरी को वैध नहीं माना जाएगा.