बागेश्वर धाम महाराज, नारायण और विंध्य प्रदेश का पुनर्निर्माण…
विंध्य क्षेत्र की तीस विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं और समूची आबादी को इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन का उत्सुकता से इंतजार है। इस बीच मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने ताल ठोक दी है। मैहर में एक सभा कर नारायण ने घोषणा कर दी है कि उन्होंने विंध्य की पार्टी का गठन कर लिया है। अब उनका लक्ष्य विंध्य की सारी विधानसभा सीटों पर काबिज होना है। और विंध्य की सभी तीस सीटें उनकी झोली में आ गईं तो वह 2024 तक विंध्य प्रदेश बनाकर मतदाताओं की झोली में डाल देंगे। उन्होंने अपनी तुलना भी सुभाष चन्द्र बोस से की है कि बोस ने कहा था कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। और अब नारायण ने कह दिया है कि तुम मुझे तीस सीटें दे दो, मैं तुम्हें विंध्य प्रदेश दूंगा। वह भी तीस विधानसभा सीटों वाला नहीं बल्कि विस्तृत विंध्य प्रदेश। जब मोदी विंध्य से विरोधियों को आइना दिखाएंगे, तब नारायण अपनी नई पार्टी के बैनर पर मोदी के कमल दल को धूल चटाने की विस्तृत योजना बनाने में तल्लीन होंगे। और मई में सनातन धर्म के इस समय सबसे बड़े चेहरा बन चुके बाबा बागेश्वर सरकार की कथा कराकर वह धीरेंद्र शास्त्री का आशीर्वाद लेने की तैयारी भी कर चुके हैं।
नारायण त्रिपाठी का हाल ही का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि ” मैं विश्वास और दावे के साथ कह सकता हूं कि विंध्य प्रदेश का पुनर्निर्माण कराएंगे। हम जल्दी 2 मई से बाबा बागेश्वर धाम महाराज की कथा चालू होगी और 7 मई को खत्म होगी। इसके बाद ये अभियान जैसा पहले चालू था, अब विंध्य की पार्टी का रजिस्ट्रेशन लगभग पूर्ण हो चुका है। 15 तारीख के अंदर विंध्य की पार्टी का रजिस्ट्रेशन आ जाएगा और विंध्य के लोग तैयार हो जाएं, मन बना लें और तैयारी कर लें। विंध्य प्रदेश पर विंध्य के लोग चुनाव लड़ेंगे, अपने दल से चुनाव लड़ेंगे। और पार्टी बनाकर आप लोगों के बीच में आएंगे, आप लोग आशीर्वाद दीजिए। मैं दावे के साथ कहता हूं सुभाष चंद्र बोस जी बोले थे कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। मैं कहता हूं कि आप मुझे तीस दे दो, रीवा और शहडोल संभाग, सात जिले, तीस सीट। जहां भाषा, बोली, संस्कृति, रीति रिवाज, खाना, शादी, रस्म परंपरा, खाना पीना, शादी विवाह सब एक जैसे हैं। और यह तीस विधानसभा वाला प्रदेश नहीं बनेगा। जब विंध्य प्रदेश बनेगा तो जैसा पुराना विंध्य प्रदेश था वह बनेगा। पहले हम अपने घर को ठीक कर लें। यह हमारा तीस विधानसभा का घर ठीक हो गया तो मैं कहता हूं कि तुम मुझे तीस दे दो, मैं तीस सितंबर 2024 के अंदर विंध्य प्रदेश बनाकर आप सबके हवाले कर दूंगा। आज यहां के माध्यम से विंध्यवासियों से अपील और प्रार्थना करता हूं कि हे माई शारदा, हे प्रभु राम यह लड़ाई हम अंतिम मुकाम तक ले जाएंगे विंध्य प्रदेश का पुनर्गठन कराएंगे। ताकि हमारे विंध्य के बच्चों का भविष्य बने, रोजगार मिले। यह लड़ाई है। अब लड़ाई राजनीति की नहीं है। ज्यादा समय नहीं लूंगा मैंने प्रजेंटेशन दे दिया है। आगे भी प्रजेंटेशन दूंगा। मैहर जिला भी बनेगा, मैहर को जिला बनाना पड़ेगा और विंध्य प्रदेश का पुनर्निर्माण भी होगा।” और फिर उस ग्राउंड का हवाला भी नारायण ने दिया जहां पर भाषण दे रहे थे। चौके छक्के लगने और 199 रन बनने की बात कही।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि नारायण त्रिपाठी और भाजपा के रिश्ते अब कैसे रहेंगे? आगामी दिनों जब प्रधानमंत्री विंध्य की धरती पर मध्यप्रदेश में फिर भाजपा सरकार और केंद्र में एनडीए गठबंधन सरकार बनाने का दावा करेंगे, तब क्या नारायण की निष्ठा मोदी के वचनों के प्रति रह सकेगी। शायद कतई नहीं। अब जब आगामी विधानसभा चुनाव सिर पर ही आ गया है और सत्ता में वापसी के समय से संदेहों में घिरे त्रिपाठी ने पूरी तरह से अपना एजेंडा साफ कर यह जता दिया है कि उनकी निष्ठा आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रति बिल्कुल भी नहीं बची, तब आगामी सियासी फैसला लेने का मन क्या भाजपा भी बनाएगी? और अब एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम पर सभी की निगाहें रहेंगीं कि बागेश्वर धाम महाराज की कथा के मंच पर कहीं विंध्य की पार्टी, विंध्य प्रदेश के पुनर्निर्माण और नारायण के गुणगान जैसे दृश्य तो देखने को नहीं मिलेंगे। यदि ऐसा होता है, तब चुनावी साल में स्थानीय नागरिक और मतदाता भी बगावत पर उतारू हो सकते हैं। क्योंकि जन-जन की आस्था राम में है, सनातन धर्म में है और बागेश्वर धाम में है। और बागेश्वर महाराज के मंच पर लगने वाले दिव्य दरबार में भी है। पर मंच से राजनीति की बात मतदाताओं को शायद ही रास आए। हालांकि नारायण भी यह सब बखूबी जानते हैं, भाजपा भी जानती है और बागेश्वर धाम महाराज भी जानते हैं। देखना यही है कि अब आगे मैहर में क्या देखने को मिलने वाला है…!