Recovery Aborted : रिटायर्ड महिला कर्मचारी पर 7 लाख की रिकवरी हाईकोर्ट ने निरस्त की!
Indore : स्वास्थ्य केंद्र में चतुर्थ श्रेणी के पद से रिटायर्ड एक महिला कर्मचारी के पास एक पत्र आया जिसमें लिखा कि 20 साल पहले आपको गलत वेतन वृद्धि दी गई थी जिसकी वसूली की जाना है। यह रिकवरी 7 लाख की है, जिसे हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले से रिटायर्ड महिला को राहत मिली।
मामला इस प्रकार है कि राजेंद्र नगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रिटायर हुई महिला कर्मचारी के मुताबिक उसे सरकार की ओर से एक पत्र मिला था जिसमें कहा गया कि 20 साल में 7 लाख रुपए ज्यादा वेतन मिला है, जिसकी किस्तों में वसूली की जाएगी। इस पत्र को महिला ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने रिटायर होने के बाद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से इस तरह वसूली किए जाने को पूरी तरह गलत बताते हुए सरकार का आदेश निरस्त कर दिया। जस्टिस विवेक रूसिया की खंडपीठ ने यहां आदेश जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सियादेवी पिछले दिनों रिटायर हुई थी। रिटायर्ड होने के बाद पेंशन वाले भत्तों के लिए प्रयास कर रही थी इसी बीच उन पर रिकवरी निकाले जाने का आदेश जारी हुआ। याचिका में उल्लेख किया कि गलत वेतन वृद्धि दी गई थी तो शासन को नौकरी में रहते हुए 20 साल पहले इसके बारे में निर्णय लेना चाहिए था। 20 साल तक वेतन देने और रिटायर होने के बाद इस तरह पैसे लौटाने का आदेश पूरी तरह गलत है।