Results of BJP Core Meeting: संघ का हिंदुत्व के एजेंडे पर जोर, ‘MP फतह- 2023’ की तैयारी में जुटा संगठन
हेमंत पाल की ख़ास खबर
New Delhi : भारतीय जनता पार्टी (BJP) का केंद्रीय संगठन एक बार फिर ‘मध्यप्रदेश फतह’ की तैयारी में जुट गया। गुरुवार को दिल्ली में हुई भाजपा कोर ग्रुप की बैठक (BJP Core Meeting) में जो तय हुआ, वो भाजपा की चुनावी तैयारियों का हिस्सा है!
कोर ग्रुप की इस बैठक (BJP Core Meeting) में पार्टी संगठन और संघ के बड़े पदाधिकारी मौजूद रहे! इस बैठक में सरकार के कामकाज की रिपोर्ट पर भी चर्चा हुई।
बैठक (BJP Core Meeting) में संघ ने स्पष्ट कहा कि जब संघ के हिंदुत्व के एजेंडे पर उत्तर प्रदेश में चुनाव जीता सकता है, तो मध्यप्रदेश में क्यों नहीं! इस निष्कर्ष से समझा जा सकता है कि जल्दी ही प्रदेश में बहुत कुछ बदलेगा!
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भ्रष्ट और बेलगाम नौकरशाहों, नतीजे नहीं दे सकने वाले मंत्रियों, प्रदेश भाजपा के कमजोर आईटी-सेल के अलावा चुनाव को लेकर आदिवासी नीति बदलने पर भी बैठक में विस्तार से बातचीत हुई।
सुगबुगाहट इस बात की भी थी, कि जब सरकार का पूरा फोकस आदिवासी वोटर्स पर है, तो बैठक (BJP Core Meeting) में किसी आदिवासी नेता को शामिल क्यों नहीं किया गया।
जबकि, केंद्र में फग्गन सिंह और प्रदेश मंत्रिमंडल में भी विजय शाह समेत कुछ आदिवासी मंत्री हैं। संघ नेताओं ने आदिवासी वर्ग के बीच सरकार के खिलाफ जहर घोलने का काम कर रहे जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) और अनुसूचित जाति वर्ग के बीच वैमनस्य फैलाने वाले ‘भीम आर्मी’ का मुद्दा भी उठाया।
कहा गया कि इन संगठनों से निपटना बड़ी चुनौती है। इनके पीछे कांग्रेस खड़ी है। कांग्रेस से सीधी लड़ाई है, लेकिन उसका साथ देने वाले और समाज में अशांति फैलाने वाले इन संगठनों को रोकने की रणनीति बनानी होगी।
कहा गया कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जब मध्यप्रदेश में चुनाव मैदान में थी, तो उससे भाजपा (BJP Core Meeting) को नुकसान नहीं हुआ था! पर, ‘जयस’ से सीधे भाजपा (BJP Core Meeting) का आदिवासी वोट बैंक प्रभावित हो रहा है।
मौजूद नेताओं ने सत्ता-संगठन के नेताओं के बीच समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि ऐसी बैठकें (BJP Core Meeting)अब निरंतर होनी चाहिए। निर्णय चाहे सरकार के स्तर पर हो या संगठन के स्तर पर, सामूहिकता का भाव दिखना चाहिए।
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भाजपा (BJP Core Meeting) और संघ के बीच समन्वय के प्रभारी अरुण कुमार ने मुख्यमंत्री से स्पष्ट कहा कि चुनाव जीतने के लिए सरकार के भ्रष्ट और ढीले-ढाले मंत्रियों के अलावा बेलगाम अफसरों को भी हटाना होगा।
प्रदेश में बढ़ते भ्रष्टाचार से भी संघ पदाधिकारी नाराज नजर आए। ऐसे अफसरों पर नामजद चर्चा हुई, जिनके कारण पार्टी की छवि बिगड़ रही है और इसका खामियाजा सरकार को अगले चुनाव भुगतना पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री को ऐसे अफसरों की लिस्ट बनाने को भी कहा गया है।
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अब सरकार और संगठन में कसावट लाने के लिए सत्ता और संगठन स्तर पर सर्जरी की संभावना है। मंत्रिमंडल विस्तार में उन मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है, जिनके विभागों में फैले भ्रष्टाचार के कारण सरकार की छवि प्रभावित हो रही है।
भाजपा (BJP Core Meeting) के अशोका रोड स्थित पुराने कार्यालय पर यह बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक हुई। इसमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संघ के समन्वय प्रभारी अरुण कुमार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के अलावा प्रदेश के पार्टी प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश सरकार में गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा मौजूद थे।
गृह मंत्री अमित शाह के इसमें शामिल होने का अंदाजा था, पर वे नहीं आए।
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बैठक (BJP Core Meeting) में प्रदेश सरकार, उसके मंत्री, संगठन और प्रदेश पदाधिकारियों के कामकाज पर मंथन हुआ। नॉन परफॉर्मिंग मंत्रियों की छुट्टी करने का भी फैसला लिया गया। कुछ मंत्रियों के विभाग बदलने को लेकर भी चर्चा हुई।
इसके साथ ही जो मंत्री दो-दो मलाईदार विभाग भी संभाल रहे है, उनसे एक विभाग वापस लिए के निर्देश दिए गए। गृह मंत्री अमित शाह के भोपाल दौरे पर उन्होंने प्रदेश के बड़े नेताओं व मंत्रियों की बैठक ली थी।
इसके बाद दिल्ली में कोर ग्रुप की बैठक (BJP Core Meeting) में उन्हीं मुद्दों पर यह बुलाई गई।
इस बैठक (BJP Core Meeting) में मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश किया।
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लेकिन, संघ के पदाधिकारियों का कहना था कि उसका आउटपुट क्या निकला! मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के जमीनी विकास का ब्यौरा भी बैठक (BJP Core Meeting) में दिया।
लेकिन, जानकारी बताती है कि संघ का जोर इस बात पर था कि उससे सरकार या पार्टी को क्या फ़ायदा हुआ और क्या उससे चुनाव जीता जा सकता है! बैठक (BJP Core Meeting) में मध्यप्रदेश के आईटी सेल के कामकाज की भी खिंचाई हुई!
जिस तरह कांग्रेस सरकार के कामकाज पर हमले कर रही है, कहा गया कि आईटी सेल को सुधारा जाना जरुरी है।
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बैठक (BJP Core Meeting) में विभिन्न नेताओं ने जो बात कही, उसके बाद तय किया गया कि चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार के स्तर पर कसावट लाई जाए और निर्णय सामूहिक हों।
पिछले विधानसभा चुनाव में जिस अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की भाजपा (BJP Core Meeting) से दूरी बन गई है, उसे दूर करने के लिए इस वर्ग में नया नेतृत्व तैयार किया जाए।
संघ नेताओं ने खरगोन में हुए दंगे में पीएफआई और उसके साथ खड़ी कांग्रेस की चुनौतियों से निपटने के लिए संगठन के विस्तार की बात कही।