Rly in a Big Facelift Mode:अगले 2-3 साल में भारतीय रेल्वे की शक्ल सूरत बदलना तय!
अजय कुमार चतुर्वेदी की विशेष रिपोर्ट
अगले दो से तीन साल में भारतीय रेल्वे की शक्ल सूरत बदलना तय है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि रेल्वे बड़े पैमाने पर ढांचागत सुविधाओं मे जोरदार सुधार कर रहा है। आंध्र प्रदेश के छोटे बडे आधा दर्जन रेलवे स्टेशनों का ढांचागत विकास भी इसी के तहत किया जा रहा है। स्टेशनों के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए रेल्वे ने दो योजनाएं बनाई हैं। पहली योजना को बड़े स्टेशनों का पुनरुद्धार और अमृत भारत योजना के तहत छोटे शहरों के स्टेशनों का विकास किया जाएगा। तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में 23 स्टेशनों का विकास होना है।
हैदराबाद, सिकंदराबाद, नेल्लोर, बेगमपेट और तिरुपति स्टेशनों का विकास किया जा रहा है। विकास योजना में सर्वाधिक ध्यान दिव्यांग यात्रियों की सहूलियतों पर दिया जा रहा है। इन स्टेशनों पर आगमन और प्रस्थान के अलग अलग रास्ते बनाए जा रहे हैं। एयरपोर्ट जैसी कई सुविधाओं का इन स्टेशनों पर मुहैया कराने की योजना है।
स्टेशनों के पुनर्निर्माण के लिए बजट भी भारी-भरकम है। अकेले सिकंदराबाद स्टेशन के लिए 700 करोड़ रुपये का बजट हे। बड़े पैमाने पर सिकंदराबाद स्टेशन का विकास पहली बार हो रहा है। यह स्टेडियम 1874 से अस्तित्व में है।
यह तय है कि पुनर्निर्माण कार्य के बाद स्टेशनों पर यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलने लगेगी। रेल्वे के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यात्रियों के बढ़ते दबाव के कारण छोटे स्टेशनों को भी विकसित करना समय की जरूरत है।