

सड़क गुणवत्ता की जांच शुरुआत में हो : कलेक्टर श्रीमती गर्ग, सीतामऊ – सुवासरा सड़क मार्ग सर्वे जल्द पूर्ण हो
जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक संपन्न
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक सोमवार शाम सुशासन भवन सभागृह में आयोजित की गई।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने निर्देश देते हुए कहा कि सड़क निर्माण के साथ ही गुणवत्ता की जांच शुरुआत में ही की जाए। सड़क के सैंपल लेकर गवर्नमेंट एजेंसी को जांच करने के लिए भेजें। पीडब्ल्यूडी विभाग रोड इंजीनियर से चेक करवाए। सड़कों पर आवश्यकता अनुसार सीसीटीवी कैमरे लगवाएं। इसके लिए स्थल चिन्हित करें। सीतामऊ रोड पर शोल्डर, साइनेज, पुलिया पर रंग रोगन, पेड़ कटाई के कार्य करें। सीतामऊ से सुवासरा रोड का स्थल सर्वे एमपीआरडीसी जल्द पूर्ण करें। बैठक के दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री अनुकूल जैन, अपर कलेक्टर श्रीमती एकता जायसवाल, एडिशनल एसपी श्री गौतम सिंह सोलंकी, आर टी ओ श्री वीरेंद्र यादव, एसडीएम श्री शिवलाल शाक्य, लोक निर्माण विभाग एग्जीक्यूटिव इंजीनियर श्री आदित्य सोनी, जिला सड़क सुरक्षा समिति से संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
राष्ट्रीय राजमार्गों NHAI पुलिस के साथ सीसीटीवी डाटा शेयर करें। जिले से गुजरने वाले दिल्ली – मुंबई एक्सप्रेस वे 8 लाइन पर टोल प्लाजा के बाद रेस्ट हाउस को सक्रिय करें। वहां पर रेस्टोरेंट व्यवस्था सुनिश्चित करें। गरोठ क्षेत्र में एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम बढ़ाएं।
ज्ञातव्य है कि विगत दिनों महाकुंभ के चलते एक्सप्रेस वे 8 लेन पर गरोठ के आसपास यात्रियों के वाहनों दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं और कुछ लोगों की मृत्यु हुई है।
कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग ने निर्देश दिये कि ट्रैफिक पुलिस एवं परिवहन विभाग यात्रीबस ऑपरेटरों के आंख की जांच अनिवार्य रूप से करें। स्कूलों की बसें, नगर सेवा के टेंपो इत्यादि के फिटनेस, ड्राइवर का चरित्र प्रमाण पत्र, रजिस्ट्रेशन चेक करें। नॉन लाइसेंस गाड़ियों के ड्राइवर का चरित्र सत्यापन करें। विभाग चालानी कार्यवाही अधिक से अधिक करें।
आपने कहा कि सड़क निगम 31 मार्च तक रोड मरम्मत का कार्य पूर्ण करें। इसके लिए 1 मार्च से शेड्यूल बनाएं। साथ ही आईआरएडी से दुर्घटनाओं का डाटा सभी थानों से प्राप्त कर नये ब्लैक स्पाट को चिन्हित करना। ब्लैक स्पॉट परिशोधन के संबंध में निर्माण एजेंसी द्वारा कार्यवाही की जाएं। सभी निर्माणाधीन मार्गो में आवश्यक रोड़ फर्निचर एवं सुरक्षात्मक सूचना बोर्ड लगाएं। सड़क सुरक्षा के संबंध में स्कूल और कॉलेजो में ट्रेनिंग प्रोग्राम करवाएं। मार्गो के जंक्शन पर रंबल स्ट्रीप लगाएं। ट्रेक्टर तथा ट्रॉलियों पर सुरक्षात्मक दृष्टिकोण हेतु रेडियम लगाना अनिवार्य है।
आरटीओ द्वारा ट्रेक्टर तथा ट्रॉलियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रूप से करें। लेजर स्पीड मॉनिटरिंग सिस्टम का हाईवें पर उपयोग करें।