Saif’s Attacker’s Lies Exposed : सैफ अली के हमलावर ने एजेंसी के मालिक से झूठ बोलकर ₹1 हजार लिए, नाम भी गलत बताया!

जानिए, शरीफुक इस्लाम ने अमित पांडे से क्या-क्या झूठ बोला!

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Saif’s Attacker’s Lies Exposed : सैफ अली के हमलावर ने एजेंसी के मालिक से झूठ बोलकर ₹1 हजार लिए, नाम भी गलत बताया!

Mumbai : एक्टर सैफ अली खान पर हुए हमले में एक और बड़ा खुलासा हुआ। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि जिस व्यक्ति ने सैफ अली पर हमला किया उसे नौकरी देने वाला मुंबई के सायन इलाके का रहने वाला अमित पांडे है। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तब पांडे ने पुलिस को बताया कि वो श्री ओम फैसिलिटी सर्विसेज, नाम की एक हाउस कीपिंग मैनपावर एजेंसी में सुपरवाइजर के रूप में काम करता है।

नवंबर 2024 में उसकी मुलाकात शरीफुक इस्लाम से हुई। पांडे ने बताया कि उसकी एजेंसी काम करने के लिए आने वाले लोगों को उनकी ज़रूरत के हिसाब से अलग-अलग जगहों पर होटलों में रखने का काम भी करती है। जुलाई 2024 में एक व्यक्ति हमारे पास आया और हमारी एजेंसी में काम करने वाले परिचित विशाल (पूरा नाम पता नहीं) से हाउस कीपिंग का काम मांगा। उसने अपना नाम विजय दास बताया।

जब उससे आधार कार्ड और दूसरे दस्तावेज़ मांगे, तो उसने कहा कि वो बाद में दे देगा। दो दिन बाद मैंने उसे वर्ली कोलीवाड़ा, मुंबई में स्थित एक पब में हाउस कीपर के तौर पर काम पर रख लिया और हमारी एजेंसी में काम करने वाले अन्य लोगों के साथ उसे रहने के लिए वर्ली कोलीवाड़ा, में रहने की व्यवस्था की। विजय ने पब में चार महीने तक काम किया। पांडे ने बताया कि नवंबर 2024 में, हमारी एजेंसी को ठाणे पश्चिम, ठाणे के हीरानंदानी एस्टेट में एक होटल में हाउसकीपिंग के काम के लिए कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था। उस समय मैंने विजय को वहां काम करने के लिए भेजा और पास के लेबर कैम्प में उसके रहने की व्यवस्था की।

विजय दास ने 15 दिसंबर, 2024 तक उस जगह पर काम किया। 15 दिसंबर, 2024 को हमारा कॉन्ट्रेक्ट पूरा हो गया। उसके बाद विजय फिर से वर्ली कोलीवाड़ा में रहने आया। वर्ली कोलीवाड़ा जाने के बाद, मैंने विजय को प्रभादेवी, मुंबई में हमारी एजेंसी में काम पर रखा। उसने दस दिनों तक उसने उस जगह पर काम किया। विजय ने 5 जनवरी, 2025 तक उस जगह पर काम किया। उसके बाद मैंने उसे 9 जनवरी 2025 से बांद्रा पश्चिम में होटल में काम करने के लिए भेज दिया। विजय उक्त स्थान पर शाम 5 बजे से रात 1 बजे तक काम करता था और सोने के लिए वर्ली कोलीवाड़ा में अपने कमरे में चला जाता था।

विजय ने 13 जनवरी 2025 तक बांद्रा में काम किया। उसके बाद मुझे जानकारी मिली कि विजय दो-तीन दिन से काम पर नहीं आया। उस समय मैंने उसे बार-बार कॉल करने की कोशिश की। लेकिन, विजय का फोन बंद आ रहा था। फिर 16 जनवरी को करीब 11 बजे मुझे एक अनजान मोबाइल नंबर से कॉल आया। मैं नहीं बता सकता कि कौन सा नंबर है, क्योंकि मेरे फोन में बहुत सारे कॉल हैं। उसने मुझे बताया कि विजय दास बोल रहा हूं। इस पर मैंने पूछा कि दो दिन से काम पर क्यों नहीं आया, तो उसने मुझे बताया कि काम पर आते समय माहिम में ट्रेन में मेरा एक व्यक्ति से झगड़ा हो गया।

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विजय ने मुझे बताया कि वो व्यक्ति पुलिसवाला था, इसलिए उसने मुझे पुलिस स्टेशन ले जाकर बंद कर दिया। उस समय जब मैंने उससे पूछा कि वह किस पुलिस स्टेशन में बंद है, तो उसने नहीं बताया। दिन में करीब 7:30 बजे शाम को विजय ने हमारे एजेंसी वर्ली कोलीवाड़ा में रहने वाले रोहित यादव नामक व्यक्ति के फोन से मुझे कॉल किया और कहा कि उसे पैसों की ज़रूरत है। उसने मुझे रोहित के फोन पर पैसे भेजने के लिए कहा। मैंने उस समय रोहित के फोन-पे नंबर पर विजय को 1000 रुपये भेजे।

हमलावर के मालिक ने बताया कि 18 जनवरी की रात जब मैं घर पर टीवी देख रहा था, तो मैंने अभिनेता सैफ अली खान पर हमले का समाचार देखा। उसमें एक व्यक्ति की फोटो दिखाई दे रही थी, जिसने सैफ अली खान पर हमला किया था। उस संदिग्ध का चेहरा और उसने जो शर्ट पहनी थी, उसे देखकर मुझे एहसास हुआ कि वो हमारी एजेंसी में काम करने वाला विजय दास था।

मैंने अगली सुबह पुलिस को मामले की सूचना देने का फैसला किया। लेकिन, अगले दिन मैंने टीवी पर सुना कि वो पकड़ गया। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में, जब पुलिस ने मुझे बुलाया और मुझसे पूछताछ की, तो मुझे पता चला कि विजय दास का असली नाम मोहम्मद शरीफुल सज्जाद रोहुल अमीन फकीर है और वह बांग्लादेश का नागरिक है।