फिल्मों की राखी बनकर रह गई दोयम दर्जे की कहानी!

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फिल्मों की राखी बनकर रह गई दोयम दर्जे की कहानी!

● अशोक जोशी

हिन्दी फिल्मों को चलाने के लिए अक्सर निर्माता निर्देशक तरह तरह के टोटके करते हैं। उन्हे पता है कि हमारा दर्शक बहुत भावुक और संवेदनशील है, इसलिए वे चुन चुनकर ऐसे विषयों को परदे पर उतारते रहे हैं जो दर्शकों की भावना को छुकर फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर सफलता दिला सके। रक्षाबंधन , राखी या भाई बहन का प्यार भी ऐसा ही विषय है जिसे निर्माताओं ने बार बार भुनवाया है। पर, ऐसी किसी फिल्म में भाई-बहन के प्यार को सशक्त रूप से नहीं दिखाया गया। अधिकांश फिल्मों में बहन को शोषित और हालात का शिकार बताया गया।

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रक्षाबंधन पर बनने वाली फिल्मों में 1959 में आयी छोटी बहन का उल्लेख जरूरी है, क्योंकि यह फिल्म न केवल भाई-बहन के प्यार का सशक्त दस्तावेज थी बल्कि इसका एक गीत भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना 64 साल से बिना नागा किए रक्षाबंधन पर बजता रहा है। इस फिल्म में बलराज साहनी, नंदा, महमूद और रहमान ने मुख्य भूमिका निभाई थी। 1962 में अशोक कुमार वहीदा रहमान और प्रदीप कुमार अभिनीत राखी फिल्म आयी थी जिसका गीत राखी धागों का त्यौहार खासा लोकप्रिय हुआ था। इस फिल्म में वहीदा रहमान ने अशोक कुमार की बहन का रोल किया था। फिल्म की सफलता के बाद वहीदा रहमान हर साल अशोक कुमार की कलाई पर राखी बांधती थी।

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मीना कुमारी और धर्मेन्द्र की फिल्म काजल में भी भाई-बहन के इस प्यार की चासनी उंडेली गई थी। इस फिल्म में धर्मेन्द्र ने मीना कुमारी के भाई की भूमिका निभायी थी। इसका एक गीत मेरे भैया मेरे चंदा भी खासा लोकप्रिय हुआ था। साल 1974 में आई फिल्म ’रेशम की डोरी’ में भाई-बहन के बीच के प्यार को बखूबी दिखाया गया है। इस फिल्म गाना ’बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है’ काफी हिट रहा। 1971 की ये फिल्म हरे राम हरे कृष्ण भी भाई-बहन की भावुक कहानी को बयां करती है। इस फिल्म के साथ एक दिलचस्प बात यह भी जुड़ी है कि फिल्म में अपनी बहन की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री को ढूंढने में देव आनंद को बहुत पापड़ बेलने पड़े थे। क्योंकि, कोई भी नायिका उनके साथ बहन की भूमिका करना नहीं चाहती थी। आखिर जीनत अमान इसके लिए तैयार हुई। फिल्म का गीत फूलों का तारों का … श्रोताओं का पसंदीदा राखी गीत है।

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1975 की फिल्म धर्मात्मा (1975) में फरीदा जलाल ने फिरोज खान की बहन की भूमिका निभाई थी जो अपने पति की रक्षा के लिए उनकी कलाई पर राखी बांधती है। पारिवारिक फिल्म ’हम साथ-साथ हैं’ ब्लॉकबस्टर हिट रही थी। इस फिल्म में हर रिश्ते को बड़ी ही खूबसूरती से दर्शाया गया है। फिल्म में सलमान खान, सैफ अली खान और मोहनीश बहल शानदार रोल निभाते नजर आए थे। फिल्म में तीनों की बहन के किरदार में एक्ट्रेस नीलम नजर आई थीं। इसके बाद सलमान खान भाईजान बनकर फिल्मों में अपनी बहनों पर खूब प्यार लुटात रहे। इस तरह की फिल्मों में सलमान खान, जैकी श्रॉफ और रंभा अभिनीत ’बंधन’ भी बहुत लोकप्रिय हुई जिसमं सलमान और अश्विनी भावे ने भाई-बहन का रोल निभाया था। सलमान की ही फिल्म सनम बेवफा में रक्षाबंधन के पर्व को धर्मों से ऊपर दिखाया गया था। एक मुस्लिम लड़की अपनी दोस्त के पांच राजपूत भाइयों को राखी बांधती है।

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राज कुमार और नाना पाटेकर की फिल्म तिरंगा में भी रक्षाबंधन के रंग देखने को मिले थे। इस फिल्म में वर्षा उसगांवकर अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधते हुए इसे समझो ना रेशम का तार भैया गाना गाती हैं। अक्षय कुमार की फिल्म ’रक्षा बंधन’ में भाई-बहन के प्यार की कहानी दिखाई है। फिल्म में अक्षय अपनी 4 बहनों के इकलौते भाई बने नजर आए हैं। साल 2000 में आई ऋतिक रोशन और करिश्मा कपूर की फिल्म फिजा भाई-बहन के रिश्ते पर आधारित है। फिल्म में दोनों की एक्टिंग को हर किसी ने पसंद किया था। फिल्म की कहानी कश्मीर में आतंकवाद के इर्द-गिर्द घूमती हैं। फिल्म क्रोध में सुनील शेट्टी ने 5 बहनों के ऐसे भाई का किरदार निभाया है जो अपनी बहनों का काफी ध्यान रखते हैं। 2016 में आई फिल्म सरबजीत में रणदीप हुड्डा और ऐश्वर्या राय बच्चन ने भाई-बहन का रोल निभाया है। आपको बता दें, ये फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है। ऐश्वर्या इससे पहले जोश में शाहरुख खान की बहन की भूमिका में दिखाई दी थी।

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वास्तव में देखा जाए तो अभी तक बॉलीवुड में ऐसी कोई फिल्म नहीं बनी, जिसमें भाई बहन के प्यार की कहानी को सशक्त रूप से दिखाया गया हो। ज्यादातर फिल्मों में बहन को शोषित और हालात का शिकार दिखाया जाता है। इस तरह की फिल्मों के लिए नाज, नाजिमा, नंदा जैसी अभिनेत्रियां ज्यादा उपयुक्त लगती थी। इन लाचार बहनों के साथ कभी ससुराल में अत्याचार किया जाता है तो कभी खलनायक इनकी इज्जत लूट कर इन्हें भटकने को छोड़ देता है। इसके बाद नायक अपनी बहन को न्याय दिलाने के लिए फिल्म की आखिरी रील में मारपीट कर खलनायक को रास्ते पर लाता दिखाई देता है। राजेन्द्र कुमार की अनजाना, शम्मी कपूर की तुमसे अच्छा कौन है इसी तरह की फिल्में थी जिनमें एक राखी सीन एक गीत के साथ इस पर्व की औपचारिकता निभाई गई थी। इसके अलावा फिल्म जगत में राखी गुलजार और राखी सावंत के नाम रक्षाबंधन की याद तो दिलाते हैं लेकिन इनका इस पर्व से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है।