शर्मनाक : दिव्यांग महिला को गार्ड ने थप्पड़ मारा, उसके गिरहबान पर हाथ डाला, तो RPF-GRP ने उसे दिव्यांग कोच से ही उतार दिया
संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की खबर
इटारसी। पुणे से चलकर जम्मू तवी को जाने वाली झेलम एक्सप्रेस में आज गुरुवार सुबह करीब 8 बजे पैर से एक दिव्यांग महिला यात्री से गार्ड ने विवाद किया। विवाद इतना बढ़ा कि गार्ड ने महिला को थप्पड़ मार, उसके गिरहबान पर हाथ तक डाल दिया। बात यहीं खत्म नहीं हुई । इटारसी रेलवे स्टेशन पर गार्ड ने RPF-GRP को सूचना देकर पैरों से दिव्यांग महिला को उसकी मासूम बेटी, पति के साथ ट्रेन से ही उतरवा दिया।
वैसाखी के सहारे चल रही महिला, प्लेटफार्म पर गार्ड द्वारा थप्पड मारने व गिरेबान पर हाथ डालने की बात बार-बार कहती रही, लेकिन ऑन ड्यूटी जीआरपी, आरपीएफ के अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा। महिला यात्री ने जीआरपी, आरपीएफ के अधिकारियों पर यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने मुझ पर दवाब डाला कि लिखकर दो कि कोच में गार्ड और आपके बीच सिर्फ बहस हुई है। इसके बाद बिना किसी कार्रवाई के उस महिला यात्री,उसकी मासूम बेटी व उसके पति को दिल्ली जाने वाली दक्षिण एक्सप्रेस से जाने के लिए कह दिया गया। जिसके बाद वैसाखी लेकर दिव्यांग महिला, अपनी मासूम बेटी और पति के साथ वहीं बैठ गई। यह सम्पूर्ण घटनाक्रम गुरुवार सुबह करीब 8.15 बजे इटारसी जंक्शन के प्लेटफार्म क्रमांक 1 पर हुआ।
महिला यात्री मनीषा जो पैर से दिव्यांग है, ने बताया कि वह अपनी बेटी और पति के साथ पुणे से लुधियाना जाने के लिए बुधवार शाम को दिव्यांग कोच में बैठी थी। दिव्यांग कोच में मेरे अलावा ओर तीन-चार दिव्यांग यात्री बैठे थे। इटारसी आने के एक स्टेशन पहले बानापुरा में दिव्यांग कोच में जनरल यात्री को बैठाने के लिए गार्ड ने आकर गेट खुलवाने का दवाब बनाया। नहीं खोलने पर बाहर से बहस की। फिर खिड़की से अंदर हाथ डालकर मुझे थप्पड़ मारा, मेरे गिरहबां पर हाथ डाला। इटारसी पहुंचने पर महिला एसआई पिंकी झारिया, जीआरपी से कोच में जनरल यात्री को कोच में बैठाने के लिए गार्ड ने आकर फिर गेट खुलवाने का दवाब बनाया। नहीं खोलने पर बाहर से बहस की। फिर खिड़की से अंदर हाथ डालकर मुझे थप्पड़ मारा, मेरे गिरेबान पर हाथ डाला। इटारसी पहुंचने पर आरपीएफ की महिला एसआई पिंकी झारिया, जीआरपी से एएसआई अनिता दास स्टॉफ के साथ प्लेटफार्म पर पहुंचे। दिव्यांग महिला, उसकी बच्ची, पति को दिव्यांग कोच से उतार प्लेटफार्म पर खड़ा कर दिया गया। महिला ने बताया कि जीआरपी,आरपीएफ ने हमारी पीड़ा सुनने, उस पर कोई कार्रवाई करने के बजाय मुझे ही उल्टे कहा कि तुम हमारे सामने इतनी तेज आवाज में बोल रही, तो कोच में कितना विवाद किया होगा। मुझे कहा कि तुम लिखकर दो कि कोई थप्पड़ नहीं मारा, केवल बहस हुई। विकलांग कोच में यात्रा कर रहे अन्य यात्रियों ने भी कहा कि गार्ड जबरदस्ती जनरल यात्री को बैठाने के लिए कोच खोलने का बोल रहे थे। पहले गार्ड ने हाथ उठाया। उसके बाद महिला गुस्सा हुई। इधर गार्ड की सूचना पर आरपीएफ, जीआरपी पहुंची थी। ऐसी शिकायत थी कि महिला यात्री ने गार्ड को मारा है। इस मामले में आरपीएफ की एसआई से पिंकी झारिया से बात की। लेकिन उन्होंने कहा कि वे कुछ भी कहने के लिए अधिकृत नहीं हैं। आप मेरे वरिष्ठ अधिकारी से पूछे। सोशल मीडिया पर यह शर्मनाक प्रकरण उजागर होने पर रेलवे सलाहकार समिति सदस्य व सांसद प्रतिनिधि राजा तिवारी ने जबलपुर जीएम, आरपीएफ आईजी को व्हाट्सएप में लिखित शिकायत की। अब वे अपने ट्विटर हैंडल से शीघ्र ही रेल मंत्रालय एवं अन्य रेलवे के संबंधित विभाग को शिकायत कर जांच की मांग भी करेंगे,ऐसा उन्होंने मीडिया से कहा। श्री तिवारी ने माना कि यह अत्यंत निंदनीय एवं दुखद घटना है। रेलवे के लिए इस तरह का अमानवीय व्यवहार ठीक नहीं है। उन्होंने इटारसी स्टेशन के एस एस से मोबाइल पर पूरे घटनाक्रम पर बात की। ताकि उक्त पीड़ित महिला को मदद दी जा सके। सोशल मीडिया पर उन्होंने इस मामले को सांसद उदय प्रताप सिंह के संज्ञान में लाने का भरोसा भी दिलाया है।
7 घंटे से इटारसी स्टेशन पर परेशान हो रही उक्त विकलांग महिला को दोपहर 3 बजे तक अपने गंतव्य तक जाने के लिए कोई ट्रेन नहीं मिल सकी थी। जानकारों के अनुसार जी आर पी की क्यू आर टी टीम चाहती तो महिला को बिना ट्रेन से उतारे महिला व गार्ड की शिकायतों को ट्रेन में ही सुनकर उचित कार्यवाही कर सकती थी। पर जैसे ही महिला ने गार्ड द्वारा स्वयं को थप्पड़ मारने व अपने गिरहबान पर हाथ डालने का आरोप लगाया वैसे ही जी आर पी व आर पी एफ के तैवर बदल गए।