Silver Screen:भ्रष्टाचार से मुकाबले के लिए 28 साल बाद फिर आए कमल हासन   

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Silver Screen:भ्रष्टाचार से मुकाबले के लिए 28 साल बाद फिर आए कमल हासन 

कमल हासन की नई फिल्म ‘इंडियन’ का सीक्वल 28 साल बाद परदे पर उतर आया। कमल हासन ने ‘इंडियन’ में सेनापति का किरदार निभाया था। वे देश में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़े थे। अब ‘हिंदुस्तानी-2’ उसी कहानी का अगला हिस्सा है। फर्क इतना है कि उस फिल्म का शीर्षक अंग्रेजी में ‘इंडियन’ था, जबकि नई फिल्म का हिंदी में ‘हिंदुस्तानी 2’ है। ट्रेलर से ही फिल्म में कमल हासन के वही तेवर दिखाई दिए। इस फिल्म को लेकर कमल हासन का कहना है ‘क्या मैं नफरत करूं या शुक्रिया अदा करूं? आखिर हमने क्या किया है? यह हम ही हैं, राजनेता कोई और नहीं, बल्कि हम में से ही एक है। हम सभी भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार हैं। हम सभी को अपने विचार बदलना चाहिए और अपना विचार बदलने का सबसे अच्छा समय चुनाव के दौरान है। ये सिर्फ याद दिलाते हैं कि हम कितने भ्रष्ट हो गए हैं। भ्रष्टाचार की वजह से कुछ नहीं बदला, हम सब एक साथ आएंगे और अपना विवेक लगाएंगे तो उसकी बदौलत सब कुछ बदल जाएगा।’ फिल्म के पहले भाग यानी ‘इंडियन’ की कहानी में का कथानक था कि एक आदमी ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ता है। उसे गिरफ्तार करके प्रताड़ित किया जाता है। देश की आजादी के बाद वह भ्रष्टाचार से लड़ने का प्रयास करता है, पर वह इस बात से अनजान रहता है, कि उसका ही बेटा भ्रष्ट है।

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फिल्म के 2 मिनट 37 सेकंड के ट्रेलर में एक्शन और देशभक्ति की भरमार रही। इसमें सिद्धार्थ और रकुल प्रीत सिंह भी नजर आए। ट्रेलर देखकर मालूम होता था कि सिद्धार्थ और रकुल उन लोगों से परेशान हैं, जो सिस्टम को गंदा कर रहे हैं। दोनों उनसे लड़ लड़कर थक गए। लेकिन, सिद्धार्थ समझ जाते हैं, कि उनके अकेले से यह ठीक नहीं होगा। इसके खात्मे के लिए ‘हंटिंग डॉग’ को आना चाहिए। इसके बाद ही ट्रेलर में सेनापति (कमल हासन) की धमाकेदार इंट्री होती है। जो स्वतंत्रता सेनानी वीर सेकरन सेनापति की भूमिका में हैं। जिसकी इंट्री जबरदस्त एक्शन के साथ होती है। इसमें कमल हासन सिस्टम की गंदगी को साफ करने के लिए कई अलग-अलग अवतार में दिखाई दिए। वे कहते हैं ‘ ये स्वतंत्रता का नया जन्म है। यहां गांधी के रास्ते पर तुम हो, नेता जी के रास्ते पर मैं हूं। आगे कहते हैं ‘टॉम एंड जेरी का खेल अब शुरू हो चुका है।’ इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत है 69 साल की उम्र के कमल हासन का जबरदस्त एक्शन।

फिल्म में कमल हासन को अपने सिग्नेचर स्टाइल मार्शल आर्ट के साथ स्टंट करते दिखाया गया है। ट्रेलर से यह फिल्म भ्रष्टाचार से जंग पर केंद्रित कहानी नजर आ रही है। इसकी कहानी वीर सेकरन सेनापति नाम के स्वतंत्रता सेनानी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो सिस्टम में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की हर संभव कोशिश करता है। इस आधार पर कमल हासन की फिल्म ‘हिंदुस्तानी-2’ को बेहतरीन थ्रिलर फिल्म बताया जा रहा है। ‘2.0’ और ‘अन्नियन’ जैसी हिट फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले एस शंकर निर्देशित फिल्म ‘हिंदुस्तानी-2’ में कमल हासन का किरदार कुछ अलग है। फिल्म में बेरोजगारी और लचर कानून व्यवस्था को राजनीतिक कारण बताया गया है। सामान्यतः व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाना फिल्मकारों के लिए आसान नहीं है। लेकिन, यह पूरी फिल्म इसी कथानक पर गढ़ी गई।

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इस बारे में कमल हासन का कहना है कि यह समस्या अंग्रेजों के समय से है। लोग तब भी फिल्में बनाते थे, हम भी ऐसी फिल्में बनाते रहेंगे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सत्ता के शीर्ष पर कौन है। सरकार से सवाल पूछना नागरिकों का अधिकार है। सिर्फ फिल्म निर्माता का ही नहीं, सवाल पूछना तो नागरिकों के अधिकार में भी शामिल है। कलाकारों को राजनीतिक फिल्में बनाते समय मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, यह बात सही है। हम कलाकार के रूप में आम जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस बात को भी मानते हैं कि हम उनके प्रतिनिधि हैं। इसलिए हम नतीजों के बारे में सोचे बिना, हिम्मत के साथ मुद्दों के बारे में बात करते हैं। इसमें मुश्किल भी होती है। सरकार नाराज भी हो सकती है लेकिन जनता का स्नेह उस आग को बुझा देगा।

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‘हिंदुस्तानी-2’ की टैगलाइन ‘जीरो टॉलरेंस’ है। इस पर कमल हासन ने कहा कि मैं गांधी जी का फैन हूं। उन्होंने टॉलरेंस सिखाया है। मैं कहता हूं कि मैं उस सहिष्णुता के बिजनेस का फैन नहीं हूं। गांधी मेरे हीरो हैं। लेकिन, आप किसे बर्दाश्त करते हैं, किसी दोस्त को तो नहीं, मैं चाहता हूं कि इस दुनिया में दोस्ती खूब बढ़े। आप जो बर्दाश्त करते हो, वो सिरदर्द है। जो कुछ समाज के लिए सिरदर्द है, उसके लिए आपको जीरो टॉलरेंस रखना चाहिए। कोई दवा खोजिए जो इस सिरदर्द को खत्म करे।

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इस फिल्म की एक खासियत है कमल हासन का मेकअप। शूटिंग के दौरान कमल हासन को सामान्य ढंग से पानी तक पीने को नहीं मिलता था। उन्हें मेकअप को पूरा करने में 3 घंटे लगते थे और वे पूरा दिन उसी मेकअप में बैठते थे। कमल हासन भी अपने मेकअप बनाए रखने के लिए अपनी तरफ से कोई गलती नहीं करते थे। वे स्ट्रॉ से पानी पीते और शूटिंग के दौरान सिर्फ लिक्विड डाइट लेते रहे। कमल हासन को मेकअप हटाने में भी ढाई घंटे का समय लगता था। एस शंकर निर्देशित यह फिल्म कमल हासन को 28 साल बाद फिर एक्शन अवतार में दिखाएगी। इसमें वे स्वतंत्रता सेनानी से लेकर समाज को लेकर सतर्क करने वाले शख्स तक की भूमिका में हैं। फिल्म से जुड़े लोगों का कहना है कि ‘हिंदुस्तानी-2’ के सतर्क नायक ने सेनापति के रूप में कमाल की वापसी की है। कमल हासन ने दिखा दिया कि एक्टिंग में उनका कोई जोड़ नहीं। फिल्म में शंकर और रॉकस्टार अनिरुद्ध रविचंदर का संयोजन भी देखने को मिलेगा। फिल्म के साउंडट्रैक को भी सराहना मिल चुकी है।

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‘हिंदुस्तानी-2’ की कहानी फिल्म के क्लाइमेक्स के साथ ख़त्म नहीं होगी। इसलिए अभी यह कहा नहीं जा सकता कि यह कहानी आगे भी बढे। संभवतः इसका तीसरा भाग भी आए। इस कहानी को दो हिस्सों तक बढ़ाने का कारण यही था कि निर्देशक एस शंकर को एडिटिंग के दौरान फिल्म का हर सीन अच्छा लगा। वे इन्हें काटने के मूड में नहीं थे। इसका एक ही हल था कि फिल्म के कथानक को दूसरे भाग तक बढ़ाया जाए। यही वजह थी, कि ‘हिंदुस्तानी-2’ बनाई गई। दोनों फिल्मों में फर्क यह है कि ‘इंडियन’ की कहानी एक राज्य के आस-पास घूमती थी। जबकि, ‘हिंदुस्तानी-2’ की कहानी देशभर की है। ऐसे में ‘हिंदुस्तानी-2’ में एक लंबी कहानी देखने को मिली। इसलिए कि फिल्म की मूल कहानी बेहद विस्तृत और जटिल है। जब इस कहानी को आगे बढ़ाया तो उन्हें एहसास हुआ कि इसे एक ही फिल्म में समेटना बहुत मुश्किल है। इसलिए उन्होंने इसे दो भागों में बनाने का फैसला किया, ताकि कहानी के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को सही ढंग से दिखाया किया जा सके। पहला पार्ट एक राज्य के इर्द-गिर्द घूमता है। पहली फिल्म अपने आप में तीन घंटे 20 मिनट की फिल्म है। अब कहानी पूरे देश में सभी राज्यों में फैल गई है। इसलिए कहानी बड़ी हो गई और दर्शकों के दिलों पर छा भी गई!

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हेमंत पाल

चार दशक से हिंदी पत्रकारिता से जुड़े हेमंत पाल ने देश के सभी प्रतिष्ठित अख़बारों और पत्रिकाओं में कई विषयों पर अपनी लेखनी चलाई। लेकिन, राजनीति और फिल्म पर लेखन उनके प्रिय विषय हैं। दो दशक से ज्यादा समय तक 'नईदुनिया' में पत्रकारिता की, लम्बे समय तक 'चुनाव डेस्क' के प्रभारी रहे। वे 'जनसत्ता' (मुंबई) में भी रहे और सभी संस्करणों के लिए फिल्म/टीवी पेज के प्रभारी के रूप में काम किया। फ़िलहाल 'सुबह सवेरे' इंदौर संस्करण के स्थानीय संपादक हैं।

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