Silver Screen:इन कलाकारों को नाम से ज्यादा पहचान मिली ‘निक नेम’ से!
फिल्मों में कलाकारों के नाम का बहुत महत्व है। इतना ज्यादा कि कई कलाकारों ने इंडस्ट्री में आकर अपने नाम बदले। फिल्म इंडस्ट्री में नाम बदलने का चलन बरसों पुराना है। बहुत से कलाकार ने अपना नाम बदलकर ही दर्शकों के दिलों पर राज किया। युसूफ खान दिलीप कुमार बन गए, रणवीर नाथ कपूर ने अपना नाम राज कपूर रख लिया, जतिन खन्ना ने नाम बदलकर राजेश खन्ना रख लिया और राजीव भाटिया अक्षय कुमार बन गए। सिर्फ नायकों ने ही नहीं नायिकाओं ने भी अपने नाम बदले। महजबीं बानो ने अपना नाम मीना कुमारी रख लिया। आज की नायिका कियारा आडवाणी का भी असली नाम आलिया आडवाणी है। लेकिन, इनके असली या बदले नाम से ज्यादा चर्चित हैं कलाकारों के ‘निक नेम’ यानी जिनकी वजह से उनकी पहचान है। कलाकारों को ये नाम धीरे-धीरे ये नाम नाम इतने फैमस हो गए कि कलाकारों की पहचान बन गए। सौ से पुरानी फ़िल्मी दुनिया में नाम बदलने और निक नेम से चर्चित होने का चलन बहुत पुराना है। पहले भी कलाकारों को उनकी अदाकारी के मुताबिक नाम के साथ निक नेम का तमगा मिलता था, आज भी वही होता है!
आज यदि सिर्फ ‘टाइगर’ कहा जाए तो लोग समझ जाएंगे कि बात सलमान खान की हो रही है। ‘बाबा’ बोलते ही दिमाग में संजय दत्त की छवि उभरती है और ‘खिलाड़ी’ यानी अक्षय कुमार! ये चलन आजकल का नहीं, दशकों पुराना है। ये नाम कब और कहां से आए, इसकी जानकारी कम ही मिलती है! लेकिन, दर्शकों या मीडिया जनित यह नाम इतने मशहूर हुए कि इनका जिक्र आते ही उस सितारे की छवि सामने आ जाती है। ‘झकास’ कहते ही अनिल कपूर की मुद्रा सामने आ जाती है और ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट का जिक्र आते ही समझ आता है कि बात आमिर खान की हो रही है। कलाकरों को इस तरह के टाइटल दिए जाने का सिलसिला उतना ही पुराना है, जितना सितारों से जुड़ा उनका स्टारडम!
जब देव आनंद दिलीप कुमार और राजकपूर की तिकड़ी परदे पर राज किया करती थी। इन तीनों सितारों को एक-एक नाम मिला था, जो इनके पर्दे वाले नाम से भले ही अलग था लेकिन इनकी छबि पर एकदम फिट बैठता था। दिलीप कुमार ने अपनी अदाकारी से पर्दे पर इतने आंसू उड़ेंगे कि उन्हें ‘ट्रेजेडी किंग’ कहा जाने लगा। उन्हीं की तरह पर्दे पर हमेशा अपने आसूंओ से सैलाब लाने वाली मीना कुमारी को ‘ट्रेजेडी क्वीन’ कहा गया! ये बात अलग है कि जब भी दिलीप कुमार और मीना कुमारी साथ आए तो परदे पर ट्रेजेडी नहीं काॅमेडी का झरना बहा। कोहिनूर, आजाद और यहूदी में दोनों साथ थे, पर तीनों फिल्मों में एक बूंद आंसू तक नहीं बहा! मुस्कुराते चेहरे वाली मधुबाला को आज भी बॉलीवुड की ‘मोनालिसा’ कहा जाता है। देव आनंद ने आजीवन हीरो की भूमिका निभाई, तो उन्हें ‘एवरग्रीन’ कहा गया! अपनी फिल्मों में भव्यता दिखाने वाले राज कपूर ‘ग्रेट शोमैन’ कहलाए! बाद में यह तमगा सुभाष घई ने जरूर लगाना चाहा, लेकिन वे ‘शौमेन’ तक ही सीमित रहे ‘ग्रेट’ नहीं बन पाए।
इनसे पहले अशोक कुमार का जलवा था, उन्हें ‘दादा मुनि’ कहा जाता रहा। पृथ्वीराज कपूर तो अकबर का किरदार निभाने के बाद भी ‘पापाजी’ ही कहलाए! साठ के उत्तरार्ध में धर्मेन्द्र, राजेन्द्र कुमार, मनोज कुमार शम्मी कपूर, जितेन्द्र आए। धर्मेन्द्र को ‘पत्थर के फूल’ के बाद ‘ही-मैन’ की उपाधि मिली। राजेन्द्र कुमार एक के बाद एक हिट फिल्में देकर ‘जुबली कुमार’ बने। शम्मीकपूर को ‘बागी’ कहा गया तो जीतेन्द्र ‘जम्पिग जैक’ कहलाए। इन्हीं के समकालीन मनोज कुमार ने सेल्युलाइड को देशभक्ति की चासनी में इतना डुबोया कि उन्हें ‘भारत कुमार’ कहा जाने लगा। इसके बाद दौर आया राजेश खन्ना, अमिताभ, मिथुन चक्रवर्ती का। एक के बाद एक 16 गोल्डन जुबली फ़िल्में देने वाले राजेश खन्ना बॉलीवुड के पहले ‘सुपर स्टार’ बने। अमिताभ बच्चन को सलीम-जावेद की ‘जंजीर’ ने ‘एंग्री यंग मैन’ का तमगा दिला दिया। डिस्को डांस करके ‘डिस्को डांसर’ की उपाधि पाने वाले मिथुन को दो नाम मिले। उन्हें गरीबों का अमिताभ बच्चन भी कहा जाता था। उनके साथ आए शत्रुघ्न को ‘शॉटगन’ का नाम मिला तो विनोद खन्ना को ‘डेशिंग’ का! इमरान हाशमी को उनकी भूमिकाओं की वजह से ‘सीरियल किसर’ कहा गया तो रणबीर कपूर को ‘डेबोनियर।’
खिताबों का सिलसिला केवल नायकों तक ही सीमित नहीं रहा। नूतन ने ‘दिल्ली का ठग’ में बिकनी पहनकर पहली ‘बिकनी गर्ल’ का दर्जा पाया, तो अपने दमदार प्रदर्शन के कारण नादिया बनी हंटरवाली।’ हेलन ‘डांसिंग डॉल’ बनी तो नीलम ‘बेबी डाॅल।’ हेमा मालिनी आज भी ‘ड्रीम गर्ल’ ही कहलाती है, तो श्रीदेवी को ‘हवा हवाई’ और विद्या बालन को ‘एंटरटेनमेंट गर्ल’ कहा जाता है। ‘कश्मीर की कली’ की नायिका शर्मिला ‘डिम्पल गर्ल’ कहलाई। अपने दमदार अभिनय से लेकर अपने विवादों तक के लिए सुर्खियां बटोरने वाले संजय दत्त की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ हमेशा चर्चा में रही। फैंस ने संजय दत्त को संजू बाबा, बाबा और ‘खलनायक’ जैसे नामों से नवाजा है। इन्हीं में एक नाम ‘संजू बाबा’ पर तो उनकी बायोपिक भी बनी। दर्शकों और फैंस में सलमान खान ही क्रेज है। एक्शन और रोमांस के जोड़ से दिलों में जगह बनाने वाले सलमान खान का असल नाम तो बस बैनर और पोस्टर पर ही रहा, उनको तो ‘सल्लू भाई’ और ‘भाईजान’ जैसे नाम से ज्यादा जाना जाता है।
अपने ज़माने के विख्यात अभिनेता दिलीप कुमार आज दुनिया में नहीं रहे हैं, लेकिन उनके किरदार आज भी दिलों में जिंदा हैं। मुगल-ए-आजम, सौदागर, क्रांति और ‘देवदास’ जैसी फिल्मों में काम करने वाले दिलीप कुमार को ‘ट्रेजडी किंग’ नाम दिया गया था। इसी तरह मनोज कुमार का वैसे तो असल नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी है, पर सिनेमा से प्रभावित होकर अपना नाम बदल लिया था। शहीद’, क्रांति और ‘पूरब-पश्चिम’ जैसी देशभक्ति प्रधान फिल्मों की वजह से मनोज कुमार को ‘भारत कुमार’ कहा जाता रहा। अमिताभ बच्चन को उनके चाहने वाले कई नाम से पहचानते हैं। उन्हें ‘सदी का महानायक’ और ‘शहंशाह’ कहा जाता है। उन्हें ‘बिग-बी’ कहने वाले भी कम नहीं हैं। लेकिन, फिल्मों में अपने दमदार अभिनय और एक्शन के चलते अमिताभ बच्चन को ‘एंग्री यंग मैन’ का टाइटल मिला। धर्मेंद्र अपनी दमदार बॉडी और एक्शन के लिए मशहूर रहे हैं। उन्हें भी ‘ही-मैन’ नाम से ज्यादा पुकारा जाता है। इंडस्ट्री में रोमांस की नई परिभाषा लिखने वाले शाहरुख खान को किंग खान, बादशाह और ‘किंग ऑफ रोमांस’ जैसे नाम से नवाजा गया। आमिर खान को दर्शक उनकी फिल्मों में परफेक्शन के लिए जानते हैं। कहा जाता है कि वे अपने किरदार को निभाने के लिए किसी भी हद तक गुजर जाते हैं। वजन बढ़ाना हो या फिर सिर मुंडवाना हो आमिर सबके लिए तैयार रहते हैं। उनकी इसी खासियत की वजह से उन्हें ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ नाम दिया गया। अक्षय कुमार को उनके जबरदस्त स्टंट और खिलाड़ी सीरीज की फिल्में करने की वजह से ‘खिलाड़ी कुमार’ का नाम दिया गया।
ये चलन सिर्फ नायकों तक ही सीमित नहीं रहा। 70 के दशक में जब हेमा मालिनी इंडस्ट्री में आई तो अपनी खूबसूरती और डांसिंग स्किल्स की वजह से सुर्खियां बटोरी। दर्शकों ने प्यार से उन्हें ‘ड्रीम गर्ल’ पुकारा। बाद में इसी नाम से 1977 में उनकी एक फिल्म भी आई। मीना कुमारी को ‘ट्रेजेडी क्वीन’ कहा गया तो माधुरी दीक्षित उन अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिनके नाम से ही फिल्में हिट हो जाती थीं। उनका डांस भी लोगों को हैरानी में डाल देता था। माधुरी जितनी कमाल की एक्ट्रेस हैं उतना ही शानदार डांस करती हैं। माधुरी को उनके डांस ‘धक-धक करने लगा’ की वजह से ‘धक-धक गर्ल’ और शानदार डांस की वजह से ‘डांसिंग दीवा’ नाम दिया गया। आज प्रियंका चोपड़ा ग्लोबल आइकॉन बन चुकी हैं। लेकिन, ‘दोस्ताना’ फिल्म के गाने ‘देसी गर्ल’ के बाद से ही अभिनेत्री को फैंस ‘देसी गर्ल’ बुलाया जाने लगा। बात सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। परदे के पीछे रहने वालों में मोहम्मद रफी ‘आवाज के शहंशाह’ कहलाए तो तलत महमूद ‘गजलों के बादशाह।’ नामों का यह सिलसिला कल भी प्रचलित था, आज भी है और उम्मीद है कि आगे भी कलाकार नए-नए नामों से पुकारे जाते रहेंगे। क्योंकि, जब तक मनोरंजन की दुनिया है, कलाकार भी रहेंगे और अदाकारी से साथ उनके नाम भी।