SIPRI Report 2025: दुनिया में तेज़ हुई परमाणु हथियारों की होड़, भारत ने बढ़ाई ताकत

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SIPRI Report 2025: दुनिया में तेज़ हुई परमाणु हथियारों की होड़, भारत ने बढ़ाई ताकत

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (SIPRI) की ताज़ा वार्षिक रिपोर्ट ने दुनिया को एक बार फिर परमाणु हथियारों की बढ़ती होड़ की ओर ध्यान दिलाया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, रूस, चीन, भारत समेत सभी नौ परमाणु संपन्न देशों ने 2024 में अपने परमाणु शस्त्रागार को न सिर्फ आधुनिक बनाया, बल्कि नए हथियार और डिलीवरी सिस्टम भी जोड़े हैं। भारत ने भी इस दौरान अपनी परमाणु क्षमता में इज़ाफ़ा करते हुए पाकिस्तान पर बढ़त बनाई है और अत्याधुनिक मिसाइल तकनीक विकसित की है।

वैश्विक परमाणु हथियारों की स्थिति: SIPRI रिपोर्ट 2025

1- दुनिया में 9 देश- अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इसराइल परमाणु हथियार रखते हैं।
2- जनवरी 2025 तक दुनिया में कुल अनुमानित 12,241 परमाणु वॉरहेड्स हैं।
3- लगभग 9,614 वॉरहेड्स सैन्य स्टॉकपाइल में हैं, यानी तैनाती या उपयोग के लिए तैयार हैं।
4- कुल 3,912 वॉरहेड्स मिसाइलों और विमानों के साथ तैनात हैं, जबकि बाकी केंद्रीय भंडार में रखे गए हैं।
5- करीब 2,100 वॉरहेड्स उच्च ऑपरेशनल अलर्ट पर हैं, जिनमें से अधिकांश अमेरिका और रूस के पास हैं।
6- सभी नौ देशों ने 2024 में अपने परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण और विस्तार की प्रक्रिया को तेज किया है। नए वर्ज़न, बेहतर डिलीवरी सिस्टम और मल्टीपल वॉरहेड्स वाली मिसाइलों का विकास जारी है।
7- शीत युद्ध के बाद पहली बार परमाणु हथियारों की संख्या में कमी की प्रवृत्ति थम गई है और अब फिर से हथियारों की दौड़ तेज हो रही है।

“देशवार अनुमानित वॉरहेड्स (जनवरी 2025)”

– रूस: 4,309
– अमेरिका: 3,700
– चीन: 600
– फ्रांस: 290
– यूनाइटेड किंगडम: 225
– भारत: 180
– पाकिस्तान: 170
– इसराइल: 90
– उत्तर कोरिया: 50
कुल = 12,241

“अन्य महत्वपूर्ण तथ्य”

– रूस और अमेरिका के पास दुनिया के लगभग 90% परमाणु हथियार हैं और दोनों अपने हथियारों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं।
– चीन ने पिछले एक वर्ष में 100 नए वॉरहेड्स जोड़े हैं और अब उसके पास 600 वॉरहेड्स हैं, जो सबसे तेज़ वृद्धि है।
– भारत और पाकिस्तान दोनों देश नए डिलीवरी सिस्टम और तकनीकी नवाचारों पर काम कर रहे हैं, भारत ने 2024 में 8 नए वॉरहेड्स जोड़े हैं।
– आर्म्स कंट्रोल समझौते कमजोर हुए हैं, जिससे हथियारों की दौड़ और खतरा दोनों बढ़े हैं।

निष्कर्ष:

SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक परमाणु हथियारों की संख्या स्थिर या बढ़ती दिख रही है। सभी परमाणु संपन्न देश अपने हथियारों को आधुनिक बना रहे हैं और नई तकनीकों को शामिल कर रहे हैं, जिससे वैश्विक सुरक्षा पर नए सवाल खड़े हो रहे हैं।