भोपाल: प्रदेश कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद पर फार्मूला लागू होने की अटकले तेज हो चली है। इस फार्मूले के लागू होने की अटकलों के साथ ही यह तय माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ को एक पद छोड़ना होगा। उनके नेता प्रतिपक्ष के पद छोड़ने पर इस पद पर एससी या एसटी वर्ग के किसी सीनियर विधायकों को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
हाल ही राजस्थान में एक नेता एक पद का फार्मूला लागू होने के बाद प्रदेश में भी एक नेता एक पद का फार्मूला लागू करने की बात कांग्रेस के गलियारों में तेज हो गई है। ऐसे में कमलनाथ पर नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने का दिल्ली से दबाव बना सकता है। इस फार्मूले का पालन कर कांग्रेस अनुसूचित जाति जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग के बीच में केश करवा सकती है।
सूत्रों की मानी जाए तो भाजपा का आदिवासियों को साधने के चल रहे प्लान के बीच में कांग्रेस इस वर्ग से नेता प्रतिपक्ष देकर प्रदेश में आदिवासी नेता को आगे बढ़ाने का संदेश देने का प्रयास करेगी।
इस वर्ग से पांच बार के विधायक बाला बच्चन का नाम सबसे ऊपर हो सकता है। हालांकि इस पद के लिए उन्हें प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पद छोड़ना होगा। वहीं तीन बार के विधायक ओमकार सिंह मरकाम के नाम पर भी विचार किया जा सकता है।
इस वर्ग के सबसे सीनियर लीडर एवं विधायक कांतिलाल भूरिया हैं, लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके नाम पर विचार नहीं होगा क्योंकि उनका बेटा पहले से ही प्रदेश युवक कांग्रेस का अध्यक्ष है।