Suggested by Narayana Murthy : यूपीएससी परीक्षा से नहीं मैनेजमेंट स्कूलों से IAS अधिकारियों का चयन हो, नारायण मूर्ति का सुझाव!

60
Suggested by Narayana Murthy

Suggested by Narayana Murthy : यूपीएससी परीक्षा से नहीं मैनेजमेंट स्कूलों से IAS अधिकारियों का चयन हो, नारायण मूर्ति का सुझाव!

बुद्धिजीवियों को कैबिनेट मंत्री के बराबर समितियों का अध्यक्ष बनाने का भी सुझाव!

New Delhi : इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति ने सुझाव दिया कि यूपीएससी परीक्षा की जगह बिजनेस स्कूल से हो आईएएस अधिकारियों का चयन हो। यह प्रशासनिक मानसिकता से प्रबंधन की ओर बदलाव का हिस्सा होगा। मूर्ति ने इस दौरान प्रशासनिक और मैनेजमेंट दृष्टिकोण में अंतर भी स्पष्ट करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट का रुख दूरदर्शिता, उच्च आकांक्षा, असंभव को हासिल करने के साथ लागत नियंत्रण, लोगों का भरोसा बढ़ाना और चीजों को तेजी से पूरा करने पर है। जबकि, प्रशासनिक दृष्टिकोण यथास्थिति पर जोर देता है।

CNBC टीवी-18 के कार्यक्रम में बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी अर्थव्यवस्था को गति देने के मामले में अब तक अच्छा काम किया है। ऐसे में वे इस बात पर गौर कर सकते हैं कि सरकार में क्या हमें प्रशासकों के बजाय अधिक प्रबंधकों की जरूरत है। सरकार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) प्रतिभा के लिए मौजूदा प्रणाली के बजाय मैनेजमेंट स्कूलों का इस्तेमाल करने की जरूरत है।

Also Read: PM Modi Dedicated 2 Tribal Museums: PM मोदी ने मध्यप्रदेश के 2 जनजातीय संग्रहालय राष्ट्र को किये समर्पित,जनजातीय गौरव दिवस का राज्यस्तरीय कार्यक्रम शहडोल में आयोजित

उन्होंने कहा कि अभी सिविल सेवा में शामिल होने के लिए उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा में शामिल होकर तीन या चार विषयों की परीक्षा देते हैं। एक बार जब उम्मीदवार का चयन हो जाता है, तो उसे प्रशिक्षण के लिए मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी ले जाया जाता है। वहां उसे विशेष क्षेत्र कृषि, रक्षा या विनिर्माण में प्रशिक्षित किया जाता है।

1858 के सिस्टम को बदलने की जरूरत

नारायण मूर्ति ने कहा कि सफल उम्मीदवार प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद विषय के विशेषज्ञ बन जाएंगे और 30-40 साल तक अपने संबंधित क्षेत्र में देश की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रशासनिक रुख 1858 से जुड़ा है। इसमें बदलाव लाने की जरूरत है। इन्फोसिस के सह-संस्थापक ने लोगों की मानसिकता को बदलने की अपील करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि भारत एक ऐसा राष्ट्र बनेगा जो सिर्फ प्रशासन उन्मुख होने के बजाय प्रबंधन उन्मुख होगा।

Also Read: Gambling Caught: खजुराहो के होटल में जुआ पकड़ा,20 लाख रुपए नगद, 4 लग्जरी वाहन, 13 मोबाइल फोन समेत एक करोड़ की संपत्ति जप्त, UP के सपा नेता सहित 18 गिरफ़्तार 

बुद्धिजीवियों को समितियों का अध्यक्ष बनाने का सुझाव

मूर्ति ने निजी क्षेत्र में सेवारत बुद्धिजीवियों को कैबिनेट मंत्री के स्तर के बराबर समितियों के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने और मंत्री और नौकरशाहों के हर बड़े निर्णय को मंजूरी देने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश में सरकारी दखल को कम करने, कार्रवाई में सुस्ती और अक्षमता को कम करने की आवश्यकता है। सप्ताह में 70 घंटे काम करने पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर मूर्ति ने कहा कि वह अपनी टिप्पणी पर कायम हैं।
उन्होंने कहा कि जब 1986 में इन्फोसिस के कामकाज को सप्ताह में पांच दिन किया गया, तो उन्हें निराशा हुई। लेकिन, वे खुद हफ्ते में साढ़े छह दिन 14 घंटे काम करते थे। उन्होंने 2014 में कंपनी में कार्यकारी पद छोड़ दिया था।

Also Read: IFS Rahul Shrivastava: 1999 बैच के IFS राहुल श्रीवास्तव बने नामीबिया गणराज्य के उच्चायुक्त