Jabalpur : बरगी से कांग्रेस विधायक संजय यादव (MLA Sanjay Yadav) के 17 साल के बेटे विभव उर्फ विभु ने अपने किसी दोस्त की मौत से दुखी होकर आत्महत्या कर ली। उसने पिता की लाइसेंसी पिस्टल को कनपटी पर रखकर चला दी। घर में मौजूद नौकर ने गोली की आवाज सुनकर भागकर देखा तो विभु खून से लथपथ पड़ा था। पिस्टल जमीन पर थी, उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
पुलिस के मुताबिक विभु ने गोली चलाने से पहले सुसाइड नोट लिखा और उसे अपने 5 मित्रों को सोशल मीडिया से भेजा। इस सुसाइड नोट में लिखा कि उसका दोस्त चला गया और अब वह भी उसके पास जा रहा है।
MLA संजय यादव के हाथीताल कॉलोनी स्थित निवास पर यह दर्दनाक घटना दोपहर डेढ़ बजे हुआ। उस वक्त संजय यादव बरगी क्षेत्र में ग्रामीणों की बैठक ले रहे थे और मां सीमा भोपाल स्थित मायके गई थी। बड़ा बेटा चरगवां स्थित पेट्रोल पंप चला गया था। घर में सिर्फ विभु और नौकर हरिनाथ ही थे। निवास की पहली मंजिल से पिस्टल चलने की आवाज सुनकर हरिनाथ ऊपर पहुंचा था। विभु ने चेंजिंग रूम में खुद को गोली मार ली और उसे अस्पताल में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
ASP City रोहित कासवानी ने बताया कि विभु 12वीं का छात्र था और उसने सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए किसी को जिम्मेदार न ठहराते हुए मम्मी-पापा को बहुत अच्छा बताया है। सुसाइड नोट में लिखा है कि मेरे सभी दोस्त अच्छे हैं। मेरा दोस्त चला गया अब मैं भी उसके पास जा रहा हूं। ASP का कहना है कि शायद वह अपने किसी दोस्त के न रहने से दुखी था। पुलिस आत्महत्या के कारण जानने का प्रयास कर रही है।
पहली बार बरगी से कांग्रेस से MLA बने संजय यादव महाकौशल के जुझारू और सक्रिय विधायकों में हैं। शहर की पश्चिम सीट से दो बार चुनाव हारने के बाद संजय यादव 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्रामीण सीट बरगी से भाजपा की प्रत्याशी प्रतिभा सिंह को पराजित कर विधायक बने।
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि मेरे करीबी साथी विधायक संजय यादव के पुत्र विभु के निधन से बेहद दुखद खबर मिली,परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
पारिवारिक रूप से खुशहाल नर्मदा भक्त संजय यादव के निवास पर घटना के बाद पूर्व मंत्री तरुण भनोत, विधायक द्वय विनय सक्सेना, इंदु तिवारी सहित तमाम नेता पहुंच गए। अस्पताल में मौजूद राजनीति व समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों के चेहरे शोक संतप्त थे।