
Suman Help Desk: शिशु मृत्यु दर कम करने की अनूठी पहल
भोपाल: मध्य प्रदेश के शहडोल में कलेक्टर वंदना वैद्य द्वारा जिले में शिशु मृत्यु दर, नवजात शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर को कम करने की अनूठी पहल शुरू की गई है। इस पहल के तहत अस्पतालों में सुमन हेल्पडेस्क को प्रभावी बनाया गया है। इस डेस्क को ब्लॉक स्तर के अस्पताल तक स्थापित किया गया है। हाल ही में भोपाल में संपन्न कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री के समक्ष कलेक्टर ने इस नवाचार की प्रस्तुति दी थी। पता चला है कि मुख्यमंत्री ने कलेक्टर की इस पहल को पसंद किया था।
कलेक्टर वंदना वैद्य बताती है कि जिले में ऐसे 32 अस्पतालों में यह डेस्क पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है। इन अस्पतालों में समस्त उपकरणों का शत-प्रतिशत preventive मेंटेनेंस कराया जाता है ताकि प्रसव के दौरान महिला और नवजात शिशु को संक्रमण ना हो। इस उद्देश से हर बुधवार को Fumigation डे मनाया जाता है। इसके लिए समस्त स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण और दक्षता के लिए ट्रेनिंग दी गई है ।
कलेक्टर बताती है कि high-risk गर्भवती माता के सुरक्षित प्रसव में सबसे बड़ी समस्या यह महसूस की गई है कि वह ऐसी महिलाएं डिलीवरी दिनांक के पहले अस्पताल में नहीं आती है। इसके लिए सुमन हेल्पडेस्क को और प्रभावी बनाया जा रहा है। इस दिशा में विचार यह है कि डॉक्टर और काउंसलर समझाएं कि उसे कब अस्पताल पहुंच जाना चाहिए।

कलेक्टर ने बताया कि यह जानने के लिए कि क्षेत्र में कितनी गर्भवती महिलाएं हैं , अनमोल पोर्टल में सारा डाटा उपलब्ध रहता है। ऐसी महिलाओं से काउंसलिंग कर सीधे संपर्क में रहा जाता है। अगर किसी महिला को सिजेरियन डिलीवरी करना होती है तो उसे पहले से तय कर लिया जाता है। इस कार्य के लिए सभी बीएमओ, सेवानिवृत्त स्त्री रोग विशेषज्ञ के मोबाइल नंबर दिए हैं ताकि वह महिलाओं से संवाद बनाए रखें।
कलेक्टर ने बताया कि इसकी पूर्ण तैयारी में जिले में पदस्थ सेवानिवृत्त स्त्री रोग विशेषज्ञ की विशेष मदद ली जा रही है ताकि वह काउंसलिंग कर स्पेशल हाईरिस्क गर्भवती माताओं के सतत संपर्क में रहें।
सुमन हेल्प डेस्क की गतिविधियों को सशक्त बनाने के लिए विकासखंड स्तर पर दो दो कर्मचारी की फॉलोअप ड्यूटी लगाई गई है ताकि 108 एंबुलेंस एवं ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध वाहन से गर्भवती माता को समय पर डिलीवरी पॉइंट पर लेकर आ जाए। सभी गर्भवती महिलाओं की सूची प्रसव के 1 सप्ताह पूर्व ही जननी एक्सप्रेस के कोऑर्डिनेटर को उपलब्ध करा दी जाती है।
कलेक्टर बताती है कि प्रशासन की इस अनूठी पहल से शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और नवजात शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आ रही है।





