केस-1
शहर के गौरव गृह निर्माण समिति की कई शिकायतें अब तक हो चुकी हैं, लेकिन किसी में पीड़ितों को न्याय नहीं मिल रहा। कुछ दिन पूर्व की गई सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों को, तो सहकारिता विभाग के अफसरों ने फोर्स क्लोजर लगाकर बंद कर दिया। फरियादी इस इंतजार में थे, कि उनकी सुनवाई होगी, लेकिन कुछ नहीं उल्टा शिकायतें बंद कर दीं।
केस-2
जाटखेड़ी रोड पर रहने वाले एक बैंककर्मी ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की उनके घर के पास सीवर लाइन का काम हुआ है। लेकिन सड़क किसी ने नहीं बनाई। वे कई बार इसको लेकर नगर निगम सहित कई अन्य जगहों पर बोल चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। आखिर में सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो उसे फोर्स क्लोज कर दिया।
भोपाल. जिले में सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद जनता इंतजार करती रहती है कि अफसर उनकी समस्या का समाधार करेंगे। लेकिन दूसरी तरफ विभागीय अधिकारी बिना जांच-पड़ताल और शिकायतकर्ता से बातचीत किए बगैर शिकायतों को फोर्स क्लोज कर रहे हैं। लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। कलेक्टर अविनाश लवानिया हर बैठक में सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निपटारे को लेकर जोर देते हैं, इसके बाद ये स्थिति है कि लोगों की शिकायतों का समाधान नहीं हो रहा है। लोग अपनी परेशानियों को लेकर इधर-उधर भटक रहे हैं।
शिकायतकर्ता को संतुष्ट बताकर बंद कर रहे शिकायतें
जिले में सीएम हेल्पलाइन में बीते महीने तक करीब 2218 शिकायतें लंबित हैं। बताया जा रहा है कि ये संख्या पिछले कुछ महीनों से कम हो गई है, लेकिन अधिकांश शिकायतों में फोर्स क्लोजर लगाया जा रहा है। कई शिकायत तो ऐसी हैं, जिनमें शिकायतकर्ता को संतुष्ट बताकर बंद कर दी जाती हैं, जबकि हकीकत में शिकायतकर्ता को पता ही नहीं होता।
राजस्व, स्कूल शिक्षा और कृषि विभाग फिसड्डी
सीएम हेल्पलाइन की 768 शिकायतें ऐसी हैं, जिन्हें काफी दिन बीते गए फिर भी इनका अब तक निराकरण नहीं किया जा सका है। इसमें राजस्व विभाग की 192, स्कूल शिक्षा विभाग की 150, कृषि विभाग की 108, गृह विभाग की 69, परिवहन विभाग की 56 शिकायतें सबसे अधिक हैं।
हर बैठक में सीएम हेल्पलाइन पर जोर
कलेक्टर अविनाश लवानिया कलेक्टोरेट में होने वाली हर बैठक में सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों को समय से निपटारे के लिए निर्देश देते हैं। टीएल से लेकर राजस्व अधिकारियों की बैठक में इस पर जोर रहता है। लेकिन अफसर जनता की सुने बिना ही शिकायतों को फोर्स क्लोज कर देते हैं। हालांकि अब जिले में सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को नजरअंदाज करने वालों पर कार्रवाई शुरू हुई है, लेकिन ज्यादा सख्ती नहीं होने से अफसर अपनी मनमर्जी से काम कर रहे हैं।