ईद कब मनाना है बताता है चांद ही, केवल रोशनी नहीं, खुशियां भी देता है चांद,बिना भेदभाव हर किसी को समय बताने वाली आकाशीय घड़ी के कांटें है चांद और सूरज

प्रकृति की घड़ी हैं चांद और सूरज बोलीं सारिका धारू

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ईद कब मनाना है बताता है चांद ही, केवल रोशनी नहीं, खुशियां भी देता है चांद,बिना भेदभाव हर किसी को समय बताने वाली आकाशीय घड़ी के कांटें है चांद और सूरज

 

ईद के चांद की प्रतीक्षा बेला में चंद्रोदय के वैज्ञानिक मर्म पर केंद्रित संभागीय ब्यूरो चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट

नर्मदापुरम। विभिन्न धर्मो में आमतौर पर त्यौहारों के आयोजन की तिथि चंद्रमा, नक्षत्र या सूर्य की आकाश में स्थिति से निश्चित की जाती है । मुस्लिम धर्म में खुशियां मनाने वाला त्यौहार ईद उल फितर भी अमावस्या के बाद पश्चिम में सूर्य डूबने के बाद दिखने वाले हंसियाकार चंद्रमा के दीदार से जुड़ा है।

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इस बारे में खगोल विज्ञान से जुड़ी जानकारी देते हुये नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मीडियावाला को आज बताया कि भारत में चंद्रमा सूर्यास्त के बाद शुक्रवार, (21 अप्रैल) को आकाश में क्षितिज से कुछ उपर रहेगा। पृथ्वी से लगभग 3 लाख 80 हजार 700 किमी दूर रहते हुये यह 1.6 प्रतिशत चमक के साथ पतले आकार में दिख रहा होगा । अगर बादल बाधा न बनें तो इसे देखा जा सकेगा ।

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सारिका घारू ने बताया कि खगोलविज्ञान के अनुसार चंद्रमा को पृथ्वी से किसी एक स्थिति में देखने के बाद अगली बार वही स्थिति 29.5 दिन बाद आती है, इसे एक माह माना जाता है । जैसे अमावस्या के बाद पहला चांद दिखने के 29.5 दिन बाद उस तरह का चांद दिखेगा। अगर 12 महीने से इसे गुणा करा जाये तो साल 354 दिन का होगा । लेकिन पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर घूमने से बना साल 365 दिनों का होता है। इस तरह इन दोनो गणनाओं में लगभग 11 दिन का अंतर रह जाता है। अगर इसका समायोजन न किया जाये तो हर साल कोई खास त्यौहार 11 दिन पहले आता जाता है।

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सारिका ने बताया कि केवल चंद्र कैलेंडर का पालन किये जाने की मान्यता के कारण से लगभग 33 साल बाद लगभग उस ही दिनांक के आसपास त्यौहार की पुनरावृत्ति होती है । उसी प्रक्रिया के अनुसार लगभग 33 साल बाद ईद पुनः मध्य अप्रैल में 17 अप्रैल 2056 को रहेगी। इसके पहले 16 अप्रेल 1991 को ईद मनाई गई थी।

*बीते तीन सालों में ईद-*

2020,25 मई 2020

2021, 14 मई 2021

2022, 3 मई 2022

*21 अप्रैल को सूर्यास्त के बाद कब तक दिख सकेगा चांद-*
भौगोलिक स्थिति के अनुसार सूर्यास्त के बाद दिखकर यह विभिन्न नगरों में यह अलग -अलग समय तक चांद को देखा जा सकेगा- यह समय चांद के अस्त होने का समय है। चांद तो सूर्यास्त के बाद लालिमा कम होते ही दिखने लगेगा ।

नगर चंद्रास्त का समय शाम pm

पटना 7ः32

अंबिकापुर 7ः36

सिंगरौली 7ः40

रीवा 7ः46

जबलपुर 7ः49

छिंदवाड़ा 7ः52

इटारसी 7ः57

नर्मदापुरम 7ः58

भोपाल 8:00

बुरहानपुर 8ः02

खरगौन 8ः05

इंदौर 8ः06

झाबुआ 8ः11

जयपुर 8ः13

नागौर 8ः22

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