सुपरवाइजर की हत्या करने वाले गनमैन को आजीवन कारावास, जुर्माना भी लगा
Bhopal : किसी बात पर नाराज होकर अपने ही सुपरवाइजर की गोली मारकर हत्या करने वाले गनमैन को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
इसी के साथ ₹1000 का जुर्माना भी लगाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कम्पनी में गनमेन की नौकरी करने वाले महेन्द्र तिवारी द्वारा कार्य के प्रति लापरवाही बरतने को लेकर कम्पनी के सुपरवाइजर राजकुमार ठाकुर द्वारा बार-बार समझाइए दी जाती रही। पर वे फिर भी लापरवाही बरतते रहे। सुपरवाइजर ठाकुर की डाट डपट से खिल्लाए गनमेन महेंद्र तिवारी ने कम्पनी के सुपरवाइजर राजकुमार ठाकुर की गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में न्यायालय मनोज कुमार श्रीवास्तव प्रधान सत्र न्यायाधीश ने आरोपी को धारा 302 भादवि एवं 30 आयुध अधिनियम के अपराध में दोषी पाते हुए धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास व 1 हजार रूपए अर्थ दण्ड एवं धारा 30 आयुध अधिनियम में 03 माह के कारावास की सजा सुनाई।
प्रकरण में जनसंपर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि 30-सितम्बर -2021 को थाना एमपी नगर के तत्कालीन निरीक्षक सुधीर अरजरिया को प्रत्यक्षदर्शी साक्षी ने घटना स्थल पर हुए अपराध के बारे में रिपोर्ट लिखवाई कि 09:40 मिनट पर आरोपी महेन्द्र तिवारी गनमेन (सर्वोदय सर्विस निर्माण सदन CPWD अरेरा हिल्स भोपाल) द्वारा सुपरवाइजर मृतक राजकुमार ठाकुर को अपनी 12 बोर की बन्दूक से 2 गोली मारकर हत्या कर दी।
रिपोर्ट पर पुलिस ने थाने पर अपराध क्रमांक 535/21धारा 302 भादवि का अपराध दर्ज कर मामला अनुसंधान में लिया गया। पुलिस ने अनुसंधान के दौरान घटना स्थल का निरीक्षण किया।साक्षियों और प्रत्यक्षदर्शियों के कथन अंकित किए गए,मृतक के शव का परीक्षण शासकीय चिकित्सालय से करवाया जाकर विस्तृत शव परीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त किया गया।पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर 12 बोर की बन्दूक एवं जिन्दा कारतूस एवं खाली खोका जप्त किए एवं मृतक के शव से पोस्टमार्टम के दौरान प्राप्त कारतूस के अवशेष एवं अन्य जप्त आर्टिल्स को विशेषज्ञ अभिमत हेतु राज्य वैज्ञानिक प्रयोगशाला सागर एवं क्षेत्रीय वैज्ञानिक प्रयोगशाला भोपाल परीक्षण के लिए भेजे गए चिकित्सकीय अभिमत एवं अन्य प्रत्यक्ष एवं साक्ष्य व घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज से आरोपी के विरूद्ध धारा 302 भादवि एवं 30 आयुध अधिनियम का अपराध सिद्ध पाए जाने से अभियोग पत्र आरोपी महेन्द्र तिवारी के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्राप्त आर्टिकल्स न्यायालय में प्रस्तुत किए गए।
न्यायालय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत किए गए न्याय दृष्टांत,साक्ष्य,तथ्यों व दस्तावजों एवं तर्को से सहमत होते हुए आरोपी महेन्द्र तिवारी को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास व 1 हजार रूपए के अर्थ दण्ड एवं धारा 30 आयुध अधिनियम में 03 माह का कारावास के दण्ड की सजा सुनाई।
मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती सुधा विजय सिंह भदौरिया ने की।वहीं विवेचनाकर्ता अधिकारी तत्कालीन निरीक्षक सुधीर अरजरिया द्वारा प्रकरण में कुशलता एवं सतर्कता से प्रत्येक बिन्दु पर साक्ष्य एकत्रित करते हुए सशक्त विवेचना की गई।