चिंतन के गीतों में दिन भर बजी धुन जीत की…
भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में 24 जनवरी को मंगल-मंगल की कामना होती रही। पूरे दिन जीत की धुन बजती रही और सभी दिग्गज चिंतन गीत गुनगुनाते रहे। इन गीतों का मुखड़ा मोदीमय और गुजरात की भीनी खुशबू से सराबोर रहा। अमृतकाल को अपने दल की ऐतिहासिक जीत का साल बनाने को भाजपा आतुर है। सारी उम्मीदें कार्यकर्ताओं पर टिकी हैं, तो तैयारी सत्ता का सुख भोग रहे उन बांकुरों के पर यानि टिकट काटने की भी है…जो सीमाएं पार कर चुके हैं और जिन्हें अब भी अपनी हद समझ में नहीं आ रही है। यह तो बाद की बात है, पर अभी तो दो सौ पार पर पूरा फोकस है। एक ही बात को सभी वक्ताओं ने अपने-अपने लहजे से समझाने की हरसंभव कोशिश की है। जीत रूपी फल फिर चखने के लिए क्या-क्या कड़वी दवाईयां पीनी हैं, यह नसीहत भी खूब दी गई हैं। असर कितना दिखता है, यह आने वाला वक्त बताएगा।तो आओ हम भी समझने की कोशिश करते हैं कि भाजपा सरकार-संगठन के दिग्गजों ने आखिर क्या समझाने में दिन भर अपना समय खपाया है।
हमारे पास अभी पूरे 200 दिन का समय है। यह समय है कि हम नए जोश के साथ पारिवारिक माहौल में काम करें। सब खुश रहें और दूसरों को खुश रखें। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सम्मान दें, बूथ को और ज्यादा सक्रिय करें तथा सब मिलकर जीत का संकल्प लें और खड़े हो जाएं। यह उम्मीद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल की है।
भारतीय जनता पार्टी राजनीति के साथ समाजनीति पर विश्वास करती है। यही वजह है कि देश और दुनिया पर जब-जब भी संकट आए हैं, हमारे कार्यकर्ताओं ने अपनी सामाजिक भूमिका निर्वाह करते हुए उस संकट का डटकर मुकाबला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में हमारी सरकारें उन संकल्पों को साकार कर रही हैं, जो जनसंघ की स्थापना के समय हमारे पूर्वजों ने लिए थे। दुनिया में भारत की भूमिका लगातार विस्तारित हो रही है और यह देश के लिए अमृतकाल का समय है। देश के इस अमृतकाल में पार्टी कार्यकर्ता पूरी कर्त्तव्यनिष्ठा के साथ जनकल्याण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगे बढ़ें। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने मन की बात कुछ इस तरह बयां की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत का मान बढ़ रहा है। आज दुनिया के अधिकांश देश भारत की ओर आशा भरी दृष्टि से देख रहे हैं। कभी बीमारू राज्य रहा मध्यप्रदेश भी अब तेजी से विकास के रास्ते पर चल पड़ा है। इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन के साथ मध्यप्रदेश ने सारी दुनिया में अपनी श्रेष्ठता स्थापित की है। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ता भी अपनी भूमिका पर विचार करें। आगामी चुनावों में पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाकर अपनी ताकत बढ़ाएं और पार्टी के पितृ पुरुषों के सपनों को साकार करें। केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया का युगल सुर कुछ इसी थीम पर केंद्रित था।
विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं। सरकार, संगठन और जनप्रतिनिधि की दृष्टि से हमें 200 दिन में 200 सीट जीतने के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना है। केन्द्र, प्रदेश और नगरों में हमारी सरकार है। वहीं विकास की दृष्टि में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार का मुकाबला किसी से भी नहीं हो सकता। भारतीय जनता पार्टी की सरकार विकास के मामले में रोल मॉडल है। विकास की दृष्टि से आगामी 200 दिन का रोडमैप तैयार करें और चुनाव में जुट जाएं। जीत से प्रीत का यह गीत प्रदेश भाजपा प्रभारी मुरलीधर राव ने गुनगुनाया।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद के दिल से आवाज आई कि हम एक राष्ट्रवादी दल के कार्यकर्ता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश दुनिया का नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़ रहा है। गुजरात चुनाव में बूथ केन्द्र और शक्ति केन्द्र की मजबूती के कारण पार्टी की विराट विजय हुई। इस दिशा में हमें आगे बढ़ते हुए ग्राम केन्द्र और नगर केन्द्र के शक्ति केन्द्रों को मजबूत करना है। पार्टी की योजनानुसार शक्ति केन्द्रों एवं बूथ पर गठन हो। आकांक्षी विधानसभाओं में वरिष्ठ नेताओं के प्रवास होंगे। इस दृष्टि से तैयारियों में जुटें। फरवरी माह में होने वाली विकास यात्रा पर ध्यान केंद्रित करें। और जीत का वर्णन करें।
गीतों के बोल यह भी रहे कि मोदी के नेतृत्व में भारत विश्वगुरु बनने की ओर बढ़ रहा है। भारत की यह विकास यात्रा जारी रहे, इसके लिए जरूरी है कि पार्टी कार्यकर्ता अपनी ताकत बढ़ाएं और आने वाले चुनावों में फिर भाजपा को जिताएं, फिर मोदी सरकार बनाएं। चाहे वह सोलर अलाइंस की सोच हो, या जलवायु परिवर्तन की चिंता, भारत का झंडा और भारतमाता का नाम मोदी के नेतृत्व में सारी दुनिया में चमक रहा है। हमने बीता वर्ष स्व. कुशाभाऊ ठाकरे के जन्मशताब्दी वर्ष के रूप में मनाया है। आने वाले चुनावों में हमें स्व. कुशाभाऊ के नारे ‘संगठन गढ़े चलो, बढ़े चलो-बढ़े चलो’ को साकार करते हुए आगे बढ़ना है और पार्टी के पितृपुरुषों के संकल्पों को साकार करना है। फिर बात वही कि अबकी बार 200 पार सिर्फ नारा नहीं है बल्कि अमृतकाल का वह संकल्प है जिसे हमें मिलकर पूरा करना है। यानि कि भाजपा की चुनावी साल की पहली कार्यसमिति में चिंतन के गीतों में दिन भर धुन जीत की बजती रही…।