जैसा आपने इस वीडियो में देखा कि समुद्र की लहर अपने शिखर पर पहुंचने के बाद, बादल जैसी संरचना के माध्यम से ब्रशिंग करती हुई, धीरे से छूती हुई, और फिर नीचे आती हुई दिखाई देती है।
यह वीडियो पूरी तरह असली है, लेकिन आपको बता दें की लहरों के ऊपर “बादल” नहीं बल्कि असल में यह एक प्राकृतिक घटना है जिसे वास्तव में समुद्री एरोसोल (SSA) कहते हैं। विशेषज्ञ बताते है कि एसएसए सबसे व्यापक रूप से वितरित प्राकृतिक एरोसोल में से एक है।
अमेरिकी सरकार की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की वेबसाइट के मुताबिक, एसएसए बादलों की तरह दिखता है, लेकिन यह समुद्र द्वारा ज्यादातर समुद्र-हवाओं के आपस में मिलने (इंटरफेस) पर बुलबुले फूटने से निकलने पर बनता है। यह समुद्र की सतह पर निर्मित होता है और इसे ऊपरी क्षोभमंडल में उतारा जा सकता है, जहां वे वैश्विक विकिरण बजट में योगदान करते हैं। साइंस डायरेक्ट के अनुसार, एसएसए कण वायुमंडलीय रासायनिक प्रक्रियाओं और पृथ्वी के विकिरण संतुलन में एल्बीडो (Albedo), जीवनकाल, और क्षेत्र सहित क्लाउड गुणों को बदलकर, और सीधे सौर विकिरण को बिखेर कर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हाला की समुद्री एरोसोल का यह पुराना वीडियो है, जिसे फिर से हाल ही में नीदरलैंड से buitengebieden ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। यह लेख लिखे जाने तक इस वीडियो को लगभग 1.60 मिलियन व्यूज मिल चुके थे।
(कॉलमिस्ट एवं एनालिस्ट)