2 महीने में 2 बार हुई नक्सलियों से मुठभेड़ लेकिन नहीं आया वीरता पदक MP पुलिस की झोली में

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2 महीने में 2 बार हुई नक्सलियों से मुठभेड़ लेकिन नहीं आया वीरता पदक MP पुलिस की झोली में

भोपाल. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली में घोषित हुए राष्ट्रपति के पुलिस पदकों में इस बार मध्य प्रदेश के खाते में वीरता का पदक नहीं आ सका। हालांकि ऐसा नहीं है कि वीरता पदक को लेकर प्रस्ताव नहीं गया, लेकिन इस प्रस्ताव पर फिलहाल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पदक दिए जाने पर विचार नहीं किया।

मध्य प्रदेश में अब आमतौर पर नक्सलियों से मुठभेड़ होने पर ही राष्ट्रपति का पुलिस पदक मिलता है। प्रदेश में पिछले कुछ सालों में नक्सलियों से पुलिस जवानों की कई बार मुठभेड़ हुई थी। जिस पर पिछले दो साल से लगातार वीरता का पुलिस पदक मिल रहा था।

हाल ही में हुई ये मुठभेड़

बालाघाट जिले के रूपझर थाना क्षेत्र के धारमारा के जंगल में नवंबर में पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ हुई थी। नक्सलियों ने हाकफोर्स को देखकर फायरिंग शुरू कर दी थी। इसमें एक जवान को गोली लगी थी। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की और नक्सली यहां पर अपना सामान छोड़ कर भाग खड़े हुए। इसी तरह इस साल के शुरूआत में भी धारमार गांव में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस घटना में भी नक्सलियों ने पुलिस पर फायर किए, पुलिस ने भी जवाबी कार्यवाही करते हुए गोलियां चलाई। इस घटना में भी नक्सली भागने में सफल रहे।