हद है… GMC में 3 साल से नहीं हुई सलाहकार समिति की बैठक, नियम है हर 3 माह में बैठक बुलाने का

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हद है… GMC में 3 साल से नहीं हुई सलाहकार समिति की बैठक, नियम है हर 3 माह में बैठक बुलाने का

भोपाल। सरकारी विभागों में शासन के निदेर्शों का कितना पालन हो रहा है। इसका अंदाजा आप राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में डॉक्टरों से लेकर कर्मचारियों का विरोध यह बता रहा है। दरअसल चकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन गांधी मेडीकल कॉलेज में तीन साल से परामर्शदात्री समिति की बैठक नहीं बुलाई गई है। जबकि यहां स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनेक समस्याएं हैं। जबकि महाविद्यालय डीन की अध्यक्षता में यह बैठक बुलाई जाती रही है। जिसमें चिकित्सक नर्सेस सहित अन्य संवर्गों के कर्मचारी संगठन नेता शामिल होकर समस्याएं रखते रहे हैं। बैठक न होने के कारण पेंडिंग मुद्दे बढ़ते ही चले जा रहे हैं।

चिकित्सकों एवं कर्मचारियों का कहना है कि तीन साल में ग्याहर पत्र डीन कार्यालय को दिए जा चुके हैं। मांग भी की गई कि बैठकों में सभी कर्मचारी संघों को बुलाकर उनके पक्ष सुने जाएं।

0 डॉक्टर्स से लेकर कर्मचारी भी परेशान

डॉक्टर्स, नर्सिंग सटाफ और कर्मचारियों के जिला स्तर पर अनेक मुद्दे होते हैं जो सलाहकार समिति की बैठक के माध्यम से सक्षम अधिकारी ही सुलझाने के अधिकार रखता है। अनेक डाक्टरों और नर्सेस सहित अनेक कर्मचारी रिटायर्ड हो जाते हैं, लेकिन उनके स्वत्व का भुगतान बाबू अटका कर रखते हैं। शाखाओं में तीन साल से ज्यादा कर्मचारियों का हो गया तो इन्हें हटाना जरूरी होता है। ऐसे मुद्दे भी सलाहकार समिति की बैठक में पहुंचते हैं। लंबित डीए का भुगतान, कर्मचारियों की पदस्थापना, शाखा बदलाव सहित विभिन्न मामले स्थानीय स्तर पर सुलझ जाते हैं। जो शासन स्तर की समस्याएं होती हैं। इन्हें अधिकारी के अनुमोदन उपरांत उन्हें विभाग के पास भेजा जता है। कर्मचारियों का कहना है कि सलाहकार समिति की बैठक में विलंब होने के कारण निरंतर दिक्कतें बढ़ रही हैं।