सोलहवीं विधानसभा में दहाड़ेंगे यह सत्ता के सिंह…

सोलहवीं विधानसभा में दहाड़ेंगे यह सत्ता के सिंह…

मध्यप्रदेश की सोलहवीं विधानसभा में बहुत कुछ ऐसे दृश्य देखने को मिलने वाले हैं, जो इससे पहले कभी नहीं देखे गए। एक दिन पहले हमने पांच‌ टाइगर शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और पंडित गोपाल भार्गव की बात की थी। और आज हम बात कर रहे हैं सिंहों की। हां सत्तारूढ़ दल में टाइगर शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र मोदी सिंह तोमर के अलावा भी करीब पौन दर्जन सिंह चेहरे हैं, जिन्हें सोलहवीं विधानसभा में दहाड़ते हुए देखा जा सकेगा। यह बात और है कि इनमें से कोई कम तो कोई थोड़ा सा ज्यादा बोलने में भरोसा रखता है। पर कम या ज्यादा बोलने से फर्क नहीं पड़ता, दहाड़ने की गूंज तो विधानसभा में अपना अहसास कराएगी ही। विधानसभा में सांसद पद से इस्तीफा देकर पहली दफा प्रवेश करने वाले राकेश सिंह और उदय प्रताप सिंह हैं। तो प्रदेश में मंत्री पदों को सुशोभित कर चुके भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, बृजेंद्र प्रताप सिंह, इंदर सिंह परमार, नागेंद्र सिंह नागौद जैसे नाम शामिल हैं।

राकेश सिंह (जन्म 4 जून 1962) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और 17वीं लोकसभा में जबलपुर से संसद सदस्य थे। हाल ही में वह जबलपुर पश्चिम से विधायक चुने गए हैं और सांसद पद से इस्तीफा दे चुके हैं। वह 2004 के आम चुनावों से मध्य प्रदेश के जबलपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्हें 18 अप्रैल 2018 को नंदकुमार सिंह चौहान की जगह मध्य प्रदेश इकाई का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।  फरवरी 2020 में उनकी जगह वीडी शर्मा को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्हें 2016 में अर्जुन राम मेघवाल की जगह लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त किया गया था, जिन्हें मोदी सरकार में शामिल किया गया था।

उदय प्रताप सिंह (9 जून 1964) नर्मदापुरम से भारतीय लोकसभा के सदस्य थे। वह 2009 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संसद सदस्य के रूप में चुने गए, लेकिन बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने भाजपा के सदस्य के रूप में संसद सदस्य के लिए 2014 और 2019 का चुनाव जीता। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में नर्मदापुरम लोकसभा क्षेत्र से 5,53,682 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की। इसके बाद उदय प्रताप सिंह ने गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र से 2023 में विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें उन्होंने मौजूदा विधायक सुनीता पटेल को हराकर 56 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की है।

भूपेन्द्र सिंह (जन्म 20 मई 1960) हाल ही में खुरई से विधायक चुने गए हैं। 2018 में भी वह खुरई से चुने गए थे और नगरीय विकास और आवास मंत्री थे। 2013 से दिसंबर 2018 तक, वह मध्य प्रदेश सरकार में आईटी और परिवहन विभाग के कैबिनेट मंत्री थे, बाद में 2016 में बाबूलाल गौर के पद छोड़ने के बाद उनके आईटी विभाग को गृह विभाग में बदल दिया गया। 2009 के आम चुनाव में , वह क्रमशः सुरखी और खुरई से 2003 और 2008 के विधानसभा चुनाव में लगातार दो हार के बाद मध्य प्रदेश के सागर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 15 वीं लोकसभा के लिए चुने गए। वह 1993-2003 के दौरान सुरखी से मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य भी थे।

गोविंद सिंह राजपूत ( 1 जुलाई 1961) 2023 में सुरखी से विधायक चुने गए हैं।दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक सागर जिले के सुरखी से कांग्रेस से मध्य प्रदेश विधान सभा सदस्य थे। दिसंबर 2018 में, उन्हें मध्य प्रदेश में राजस्व और परिवहन मंत्री के रूप में कमल नाथ कैबिनेट में शामिल किया गय। 2020 के मध्य प्रदेश राजनीतिक संकट के दौरान,उन्होंने पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का समर्थन किया और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। 21 अप्रैल 2020 को वह शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इससे पहले वह 2003 से 2013 तक विधानसभा सदस्य रहे।

प्रद्युम्न सिंह तोमर (1 जनवरी 1968) वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। वह दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक ग्वालियर से कांग्रेस के विधायक और मंत्री थे। मार्च 2020 में वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आ गए और बाद में शिवराज कैबिनेट में मंत्री बने। वह 2008 में ग्वालियर से विधान सभा के सदस्य थे। 2023 में वह चौथी बार विधानसभा सदस्य चुने गए हैं।

बृजेंद्र प्रताप सिंह (जन्म 29 अगस्त 1967) 2023 में पन्ना विधानसभा क्षेत्र से मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गए हैं। 2018 में भी वह पन्ना से विधायक थे।वह 2021 से मध्य प्रदेश सरकार में खनिज संसाधन मंत्रालय और श्रम विभाग में मंत्री के रूप में कार्यरत रहे। उन्होंने 2009 से 2013 के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश सरकार में किसान विकास और कृषि कल्याण और पर्यटन और लोक सेवा प्रबंधन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में कार्य किया। उन्होंने अपना पहला चुनाव वर्ष 2003 में मध्य प्रदेश के पवई निर्वाचन क्षेत्र से जीता। वह 2008 में फिर से यहां से निर्वाचित हुए थे।

इंदर सिंह परमार (1 अगस्त 1964) वर्तमान में शुजालपुर से विधायक चुने गए। 2018 में परमार भारतीय जनता पार्टी के टिकट से शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे। पेशे से कभी वकील रहे परमार शाजापुर के ही रहने वाले हैं। वह मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री और सामान्य प्रशासन मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे हैं। परमार पहली बार विधानसभा चुनाव 2013 में कालापीपल से विधायक चुने गए थे।

नागेंद्र सिंह नागौद (जन्म 2 मार्च 1943) भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और उन्होंने खजुराहो लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 2014 का चुनाव जीता था। सांसद बनने से पहले वह मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री थे। वह 2023 में नागोद विधानसभा से छठवीं बार विधायक बने हैं।

वैसे तो इनके अलावा भी सोलहवीं विधानसभा में सिंहों की लंबी फेहरिस्त है। इसमें 80 वर्षीय नागेंद्र सिंह गुढ़ भी शामिल हैं। विक्रम सिंह और दिव्यराज सिंह, कामाख्या प्रताप सिंह और कई अन्य विधायक शामिल हैं। पर जिनका खास उल्लेख है, वह इस सरकार में खास नजर आने वाले हैं। सोलहवीं विधानसभा में इनकी दहाड़ भी खास मायने रखने वाली है।

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कौशल किशोर चतुर्वेदी

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के जाने-माने पत्रकार हैं। इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में लंबा अनुभव है। फिलहाल भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र एलएन स्टार में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले एसीएन भारत न्यूज चैनल के स्टेट हेड रहे हैं।

इससे पहले स्वराज एक्सप्रेस (नेशनल चैनल) में विशेष संवाददाता, ईटीवी में संवाददाता,न्यूज 360 में पॉलिटिकल एडीटर, पत्रिका में राजनैतिक संवाददाता, दैनिक भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ, एलएन स्टार में विशेष संवाददाता के बतौर कार्य कर चुके हैं। इनके अलावा भी नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित विभिन्न समाचार पत्रों-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन किया है।