यह खबर सबसे ज्यादा खुशी दे रही है…

573

यह खबर सबसे ज्यादा खुशी दे रही है…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

सुनीता विलियम्स…भारतीयता की सुगंध को खुद में समेटे हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सुनीता खुद की मर्जी से ही अंतरिक्ष में गईं थीं? इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह अमेरिका या नासा के लिए काम कर रही थी। फर्क यदि पड़ रहा था तो इससे कि सुनीता का जीवन खतरे में था। फर्क यदि पड़ रहा था तो इससे कि कहीं स्पेस से वापस पृथ्वी पर आने से पहले सुनीता का जीवन खतरे में न पड़ जाए। और इसीलिए जबसे सुनीता विलियम्स के लौटने की खबर मिली है, तब से मन को अलग तरह की खुशी मिल गई है। और यह खबर मन को सुकून दे रही है। मन को संतुष्टि से भर रही है। हर भारतीय का मन सुनीता विलियम्स का धरती पर लौटने का स्वागत कर रहा है। और सुनीता विलियम्स के लौटने की खबर सभी को सबसे ज्यादा खुशी दे रही है।

खबर यही है कि नौ महीने बाद स्पेस से सुनीता विलियम की वापसी हो रही है। नासा ने तारीख और समय बता दिया है। और यह भी बताया है कि लौटने पर सुनीता विलियम्स को दिक्कतें हो सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में करीब नौ महीने गुजारने के बाद भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम और बुच विलमोर की पृथ्वी पर वापसी होने जा रही है। इन्हें वापस लाने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल आईएसएस पहुंच गया है। और बहुप्रतीक्षित वापसी के बारे में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिन और समय बता दिया है। नासा का कहना है कि दोनों अंतरिक्षयात्री 18 मार्च यानी मंगलवार शाम को धरती पर कदम रखेंगे। दोनों अंतरिक्ष यात्री बीते जुलाई से आईएसएस पर हैं। दरअसल बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी दिक्कत आ गई। इस वजह से दोनों की वापसी टल गई। नासा के मुताबिक फ्लोरिडा तट पर अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर ये यान मंगलवार शाम लगभग 5:57 बजे (भारत में 19 मार्च, बुधवार तड़के 3:27 बजे) आएगा। अंतरिक्ष में लंबा समय गुजारने के बाद अंतरिक्ष यात्री जब वापस धरती पर लौटते हैं तो उन्हें सामान्य होने में कुछ वक्त लगता है और इस दौरान उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।अंतरिक्ष के बाद पृथ्वी पर उन्हें दोबारा से अपना संतुलन बिठाना पड़ता है। संतुलन बिगड़ने से उन्हें चक्कर और मतली आती है। कई दिनों तक दिल की धड़कन भी सामान्य नहीं रहती। पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। खुशी यही है कि सुनीता विलियम्स के स्पेस से न लौट पाने की दुविधा पर विराम लग जाएगा।

सुनीता के गुजरात स्थित गांव में लोगों ने अखंड ज्योति जलाकर मन्नत मांगी है।ग्रामीणों का कहना है कि सुनीता उनके ख्यालों एवं प्रार्थनाओं में बसती हैं। सुनीता के पिता दीपक पांड्या के पैतृक घर के रूप में जाना जाने वाला झूलासन गांव उत्साह से भरा हुआ है। गांव वाले उनकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। कई लोग विशेष प्रार्थना कर रहे हैं और स्थानीय देवी डोला माता के मंदिर में अखंड ज्योति जला रहे हैं। गुजरात के मेहसाणा जिले में सुनीता विलियम्स के पैतृक झूलासन गांव के लोग दीपावली जैसे उत्सव के लिए तैयार हैं। तो सुनीता विलियम्स को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र लिखकर भारत आने का निमंत्रण दिया है। एक मार्च को लिखे गए इस पत्र को नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो के माध्यम से सुनीता को भेजा गया। नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर केवल आठ दिनों के मिशन के लिए अंतरिक्ष गए थे। जहां पर वे तकनीकी दिक्कतों के कारण 9 महीनों से अधिक समय के लिए फंसे रहे।

तो करीब नौ महीनों तक अंतरिक्ष में समय व्यतीत करने के बाद नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स बुधवार को तड़के सुबह धरती पर पहुंचेंगी। तब हर भारतीय का मन एक अलग तरह की खुशी से सराबोर होगा। तब हर भारतीय का दिल होली के रंगों में रंगकर दीपावली का त्यौहार मनाएगा। और सुनीता के लौटने की खबर सबसे ज्यादा खुशी देने वाली खबर रहेगी…।