उमा भारती ने दिखाए तीखे तेवर कहा MP में शराबबंदी करा कर रहूंगी

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Bhopal: मध्य प्रदेश की राजनीति में साइड ट्रैक पर चल रही प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने राज्य में शराब बंदी के मुद्दे को लेकर एकबार फिर बीजेपी में उफान ला दिया है. मध्य प्रदेश में 15 जनवरी 2022 के बाद शराब बंदी कानून लागू करने को लेकर उमा भारती ने ताजा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं 15 जनवरी 2022 के बाद यहां शराब बंदी कानून लागू करवा कर ही रहूंगी।’ उन्होंने कहा कि मैं अभी गंगाजी को गंगा सागर छोड़कर आऊंगी, तब तक मध्य प्रदेश में जागरुकता अभियान चलेगा। मध्य प्रदेश में 15 जनवरी के बाद शराब बंदी लागू होकर रहेगी, यही गंगा सागर से तय करके आऊंगी। आगे उन्होंने कहा कि ये अभियान शराब बंदी के लिए अधिकार प्राप्त प्राधिकरण बनाने के लिए होगा। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराब बंदी माडल की तारीफ की।

उमा भारती ने कहा कि गंगाजी की यात्रा 15 जनवरी 2022 को पूरी कर रही हूं। गंगाजी को गंगासागर छोड़कर आऊंगी और वहां से यही तय करके लौटूंगी कि मध्य प्रदेश में शराब बंदी होकर रहेगी। उन्होंने कहा कि जब मैं प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी, तब घोषणा पत्र में नहीं डाला था कि शराब बंदी करेंगे, पर मेरी आत्मा में था। मैंने अधिकारियों से कहा था राजस्व (सरकार की आमदनी) के लिए अलग से रास्ता निकालें।

आज से पहले उन्होंने इसी साल 9 मार्च को मध्यप्रदेश भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को पत्र लिखकर उनकी कार्यप्रणाली की तारीफ करते हुए उनसे शराब बंदी और नशा मुक्ति के लिए कदम उठाने की मांग की थी. उन्होंने शराब दुकानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए भाजपा जिला अध्यक्षों और विधायकों का सहयोग लेने की अपील की थी.

उमा भारती ने अपने पत्र में लिखा था कि समाज को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी सरकार की होती है. इसलिए हमें नशाखोरी रोकने के बारे में सोचना चाहिए. वर्जित स्थानों पर शराब दुकानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए जिला अध्यक्षों और विधायकों का सहयोग लिया जाए, सामूहिक रूप से बैठकर शराब पीने की व्यवस्था बंद हो. पूर्व मुख्यमंत्री ने शराब बंदी के बाद भाजपा को मिलने वाले राजनीतिक फायदे का जिक्र भी अपने पत्र में किया है. उन्होंने गुजरात और बिहार का उदाहरण दिया ​था.

समाज को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी सरकार की होती है

उमा ने आगे लिखा है, ”मध्य प्रदेश एक बहुत ही शांतिप्रिय राज्‍य रहा है. लॉकडाउन हटने के बाद जब सभी कारोबार खुले तो शराब का कारोबार भी खुला. शराब पीने से बहुत सारे लोग मरे, जबकि कोरोना काल में शराबबंदी के दौरान एक भी मौत शराब पीने से नहीं हुई. इसका मतलब है कि शराब मानवता का दुश्मन है. मैं इस बात से सहमत हूं कि शराब और नशा छोड़ना चाहिए, लेकिन समाज को समग्र रूप से स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी भी सरकार की होती है. इसलिए हमें इसे रोकने के बारे में सोचना होगा.”

शराब बंदी से होने वाली राजस्व हानि के लिए भी सुझाव दिए थे

उमा भारती ने शराब बंदी से होने वाली राजस्व हानि के लिए भी अपने पत्र में सुझाव दिए थे. उन्होंने ​वीडी शर्मा को कहा था कि राजस्व हानि के विकल्प तलाशने के लिए एक कमेटी बने. उन्होंने स्वचेतना से शराब एवं नशा छोड़ने के लिए जागरण अभियान चलाने की बात कही थी. साथ ही शराब पीकर पब्लिक प्लेस में घूमने वालों के खिलाफ दंड का प्रावधान करने की मांग भी उमा भारती ने की थी.उन्होंने दूसरे राज्यों से शराब की आवाजाही पर पूर्ण रोक लगाने की बात अपने पत्र में लिखी थी.उन्होंने आखिरी में लिखा था”मुझे आशा है कि आप के कार्यकाल में मध्य प्रदेश में शराब बंदी व नशाबंदी की सफलता का लक्ष्य प्राप्त हो सकता है.”

विष्णु दत्त शर्मा को भेजे अपने पत्र में उमा भारती ने लिखा था, ”जब से आप ने मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का कार्यभार संभाला है, तब से पार्टी ने यशस्वी ऊंचाइयों को छुआ है. हर तरफ सफलताओं का जश्न है. मैं आपको बहुत लंबे समय से जानती हूं. आप एक धर्मशील संस्कारवान राजनेता हैं. आपको और शिवराज जी को ध्यान में रखकर ही मैं यह पत्र लिख रही हूं. इस पत्र को इसलिए सार्वजनिक करूंगी, क्योंकि इसका सार्वजनिक होना जनहित में जरूरी है.”

देखिए उमा भारती ने अपनी बात किस तरह पूरी स्पष्टता के साथ कही-