
Uniform Toll Policy : देशभर में एक समान टोल टैक्स की तैयारी, इससे नेशनल हाईवे पर यात्रियों को राहत!
New Delhi : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों (नेशनल हाईवे) पर यात्रियों को राहत देने के लिए ‘एक समान टोल नीति’ पर काम कर रहा है। इससे यात्रियों को होने वाली समस्याओं का समाधान होगा। गडकरी अधिक टोल शुल्क और खराब सड़क की शिकायतों के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वालों के बीच बढ़ते असंतोष पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक बाधा रहित वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (जीएनएसएस) आधारित टोल संग्रह प्रणाली को लागू करने का फैसला किया है।
सोमवार को एक मीडिया इंटरव्यू में गडकरी ने कहा कि सड़कपरिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सोशल मीडिया पर यात्रियों की शिकायतों को बहुत गंभीरता से ले रहा है। इसमें शामिल ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी कर रहा है। इस समय राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल यातायात में निजी कारों की हिस्सेदारी लगभग 60% हैं। जबकि, इन वाहनों का टोल राजस्व संग्रह में हिस्सा मुश्किल से 20% से 26% है। पिछले 10 साल में अधिक से अधिक खंडों पर टोल संग्रह शुरू होने से टोल शुल्क बढ़ा है, जिससे अक्सर यात्रियों में असंतोष बढ़ता है। भारत में कुल टोल संग्रह 2023-24 में ₹64,809.86 करोड़ तक पहुंच गया, जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में 35% अधिक है।
वर्ष 2019-20 में संग्रह ₹27,503 करोड़ था। उन्होंने भरोसा जताया कि राजमार्ग मंत्रालय 2020-21 में प्रतिदिन 37 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण के पिछले रिकॉर्ड को चालू वित्त वर्ष में पार कर जाएगा। चालू वित्त वर्ष में अभी तक करीब 7,000 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण हो चुका है। भारतमाला परियोजना की जगह लेने के लिए नई योजना के अभाव में राजमार्ग परियोजनाएं आवंटित करने की गति काफी धीमी हो गई है। गडकरी के अनुसार, पहले भारतमाला परियोजना के तहत मंत्रालय के पास ₹3,000 करोड़ तक की राजमार्ग परियोजनाएं आवंटित करने का अधिकार था, लेकिन अब मंत्रालय भारतमाला परियोजना के तहत किसी भी नई परियोजना को मंजूरी नहीं दे सकता है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि ₹1,000 करोड़ से अधिक की किसी भी परियोजना के लिए अब हमें मंत्रिमंडल की मंजूरी लेनी होगी। हमने 50-60 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजा है। मंजूरी मिलने के बाद इन परियोजनाओं पर काम शुरू हो जाएगा।