Uproar Over Fake Video of Uma Bharti : उमा भारती के फर्जी वीडियो की शिकायत पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ शिकायत!

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Uproar Over Fake Video of Uma Bharti : उमा भारती के फर्जी वीडियो की शिकायत पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ शिकायत!

वीडियो में एक फर्जी महिला IPS अफसर को उमा भारती को गिरफ्तार करते दिखाया!

Bhopal : प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिखाया गया कि एक कथित महिला आईपीएस अफसर उमा भारती को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार करती है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के निजी सचिव द्वारा क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई गई।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के निजी सचिव उमेश गर्ग की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने बीएनएस की धारा 336(4) और 356(2) के तहत अज्ञात आरोपी के खिलाफ के खिलाफ केस दर्ज किया। इस शिकायत में बताया गया कि पूर्व सीएम उमा भारती की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया।

आखिर क्या है इस वीडियो में?

45 सेकंड के वीडियो में कहा गया है कि यह एक ऐसी आईपीएस अफसर हैं, जो मुख्यमंत्री के काले कारनामे देखने उनके ही घर नौकरानी बनकर पहुंच गई। लेकिन, बाद में जो हुआ उसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे, 40 सेकंड रुकिए।

वीडिया में आगे कहा गया कि 2000 बैच की तेजतर्रार आईपीएस अफसर दीपा दिवाकर मौदगिल उर्फ डी रूपा जिस राज्य में होती हैं, वहां कोई भी कानून का उल्लंघन नहीं कर सकता। यह चर्चा में तब आईं जब इन्हें पता चला कि मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ठेकेदारों से जबरदस्ती पैसे मांग रहीं हैं। तभी रूपा जी मुख्यमंत्री के घर नौकरानी बनकर पहुंच गईं।

आगे कहा गया कि जैसे ही उन्होंने मुख्यमंत्री को ठेकेदारों से पैसे मांगते देखा तभी रूपा जी ने अपना असली चेहरा दिखाया तो सभी के होश उड़ गए। आईपीएस अफसर डी रूपा ने मुख्यमंत्री को उनके ही घर से गिरफ्तार कर लिया। अब आप बताइए क्या हर आईपीएस ऑफिसर को अपना काम ऐसी ही ईमानदारी से करना चाहिए।

छवि खराब करने की कोशिश

इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के सचिव ने अपनी शिकायत में लिखा कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा यह रील जानबूझकर पूर्व सीएम और बीजेपी की वरिष्ठ नेता की छवि धूमिन करने, उनकी मानहानि करने की नियत से यूट्यूब पर अपलोड कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है। इसमें फोटो और वीडियो में काट-छांट कर एडिट कर तथ्यहीन जानकारी दी गई है।