Vallabh Bhawan Corridors to Central Vista: मुख्यमंत्री के तेवरों से अफसरों में घबराहट!
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों अलग ही मूड में हैं। वे दौरे के समय फैसले करने के लिए मंत्रालय पहुंचने का भी इंतजार नहीं कर रहे! वे मंच से ही अफसरों का हिसाब-किताब कर रहे! जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं CM अफसरों से दूरी बनाकर जनता के नजदीक जाते दिखाई दे रहे। रविवार को भी उन्होंने थांदला में अनाज की गड़बड़ी के मामले में जिला खाद्य अधिकारी (DFO) मुकुल त्यागी को हटाने की घोषणा की। अलीराजपुर में अपनी बात को दोहराया कि अभी मैं पेटलावद आया था, शिकायत मिली कि कलेक्टर गड़बड़ कर रहे हैं तो हमने तत्काल कलेक्टर को हटा दिया। इसलिए कि हमें जनसेवक अधिकारी चाहिए, गड़बड़ी करने वाले तो जेल जाएंगे। CM के अभी तक के कार्यकाल में कभी ऐसा देखने में नहीं आया कि अफसरों को मंच से ही सस्पेंड किया गया हो या चेतावनी दी हो!
झाबुआ के SP अरविंद तिवारी की शिकायत उन्हें सुबह मिली और उसी समय उनको सस्पेंड कर भोपाल बुला लिया गया। दूसरे दिन कलेक्टर सोमेश मिश्रा का नंबर आया। इसके बाद गुरुवार को छिंदवाड़ा में अफसरों को लताड़ लगाई और शुक्रवार को वे डिंडौरी में अफसरों पर सख्ती करते नजर आए। ‘उज्ज्वला योजना’ का लक्ष्य पूरा नहीं करने पर उन्होंने जिला खाद्य अधिकारी टीआर अहिरवार को मंच से ही निलंबित करने के आदेश दिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कलेक्टर रत्नाकर झा की क्लास ली। अगर 31 अक्टूबर के बाद जिले में कोई पात्र हितग्राही बचा, तो आपको भी नहीं छोड़ूंगा।
गुरुवार को छिंदवाड़ा में भी CM शिवराज सिंह चौहान ने अपने सख्त तेवर दिखाए। उन्होंने कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को तलब किया। CM ने आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना सहित राजस्व विभाग के नामांतरण कार्य की जानकारी ली। इस दौरान CM की अफसरों से लगातार नाराजी दिखाई दी। CM जब अफसरों को मंच पर बुलाकर फटकार लगाते हैं, तो ग्रामीणों की तालियों की आवाज तेज होने लगती है। उन्हें लगता है कि अब CM उनके साथ खड़े हैं।
शिवराज कैबिनेट की बैठक इस बार उज्जैन में क्यों?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए इस बार सबसे बड़ा इवेंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उज्जैन दौरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन आकर यहां कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। इस आयोजन को भव्यता देने और इसे यादगार बनाने के लिए लिए मुख्यमंत्री ख़ास ध्यान दे रहे हैं। वे इस इवेंट को वाराणसी की तरह भव्यता देना चाहते हैं और इसके लिए कोई मौका नहीं छोड़ रहे।
मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक भी इस बार उज्जैन में बुलाने का कारण यही बताया जा रहा। मुख्यमंत्री कैबिनेट की बैठक के अलावा प्रधानमंत्री उज्जैन कॉरिडोर लोकार्पण दौरे को लेकर चल रही तैयारियों की भी समीक्षा करेंगे। वे प्रधानमंत्री को खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं। संभावना जताई जा रही है कि उज्जैन में होने वाली इस कैबिनेट बैठक में कुछ खास और यादगार फैसले लिए जा सकते हैं। कयास ये भी हैं कि ये फैसले उज्जैन को लेकर लिए जाएं! पहली बार है जब महाकाल के दरबार में सरकार बैठक करेगी। शिवराज सरकार के मंत्री और अफसर उज्जैन के नवनिर्मित प्रशासनिक संकुल में मंगलवार दोपहर साढ़े 12 बजे बैठेंगे।
छुट्टी क्यों बढ़ाते जा रहे गुलशन बामरा!
भोपाल के कमिश्नर गुलशन बामरा पिछले सवा महीने से छुट्टी पर हैं। उन्होंने छुट्टी पूरी होने से पहले उसे आगे बढ़ा लिया। इसका सीधा सा मतलब ये है कि वे अभी दफ्तर लौटने के मूड में नहीं है। ऐसा भी नहीं कि वे भोपाल से कहीं बाहर हैं, इसलिए उन्होंने छुट्टी बढ़ाई!
दरअसल, कहा ये जा रहा कि उन्हें अब इस पद पर काम करने में मजा नहीं आ रहा। वे प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी हैं और अब वे कमिश्नर बनकर काम करना नहीं चाहते। शायद यही कारण है कि वे लगातार छुट्टी बढ़ाते जा रहे हैं। समझा जा सकता है कि अब वे तभी लौटेंगे जब सरकार उन्हें किसी विभाग में प्रमुख सचिव बना देगी। लेकिन, ऐसा कब होगा कहा नहीं जा सकता। अनुमान ये भी है कि संभवतः नई नियुक्ति को लेकर उन्हें कोई आश्वासन मिला हो और वे उसी का इंतजार कर रहे हों!
ग्वालियर-चंबल का अगला कमिश्नर कौन?
इस महीने की आखिरी तारीख यानी 30 सितंबर को ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर आशीष सक्सेना रिटायर हो रहे हैं। सक्सेना की जगह कौन नया कमिश्नर बनेगा इसको लेकर कई नाम चर्चा में हैं लेकिन एक नाम जो सबसे प्रभावशाली तरीके से सामने आ रहा है वह एक अन्य संभाग के कमिश्नर का ही है। माना जा रहा है कि यह नाम सर्व सम्मत रूप से उभर कर सामने आ रहा है। पता चला है कि सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर से लेकर सभी नेताओं की इस नाम पर सहमति बनती नजर आ रही है।
दिल्ली में MP केडर के इस अधिकारी के अचानक तबादले को लेकर खासी चर्चा
सत्ता के गलियारों में आशीष श्रीवास्तव के अचानक तबादले को लेकर खासी चर्चा है। केंद्र में आज हुए प्रशासनिक फेरबदल में 1992 बैच के मध्य प्रदेश काडर के IAS अधिकारी को कम महत्वपूर्ण विभाग में भेजा गया है।
सूत्रों का कहना है कि करीब एक महीने पहले स्वास्थ्य मंत्रालय मे ही पदस्थ एक अन्य एडीशनल सेक्रेट्री से इनका विवाद इतना बढ़ गया था कि बात हाथापाई तक पहुंच गई थी। सूत्र उनके हालिया तबादले को उससे भी जोड़ कर देख रहे हैं। दूसरे एडिशनल सेक्रेटरी भी मध्यप्रदेश काडर के ही है।
बने रहेंगे राष्ट्रपति के प्रेस सचिव
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव फिलहाल बने रहेंगे। अजय कुमार सिंह के कांट्रैक्ट की अवधि सरकार ने दो साल और 26 सितंबर 2024 तक बढा दी है।
राष्ट्रपति सचिवालय में नए संयुक्त सचिव
सरकार ने राकेश गुप्ता को राष्ट्रपति सचिवालय में नया संयुक्त सचिव नियुक्त किया है। वे हरियाणा काडर के 1997 बैच के IAS अधिकारी है।