Vallabh Bhawan Corridors to Central Vista: शिवराज की कुर्सी को फिलहाल कोई खतरा नहीं दिखता!
शिवराज की कुर्सी को फिलहाल कोई खतरा नहीं दिखता!
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर पिछले दो सप्ताह से राजनीति में जबरदस्त हलचल है। रोजाना कोई न कोई नई चर्चा का बाजार गर्म रहता है। दावे किए जाने लगे कि अब शिवराज सिंह को हटाया जाने वाला है। उन्हें बीजेपी संसदीय दल से हटाए जाने के बाद तो उल्टी गिनती की जाने लगी! कई तरह के कारण ढूंढे जाने लगे। लेकिन, अब बीजेपी के जिम्मेदार सूत्रों का कहना है, कि मुख्यमंत्री बदले जाने को लेकर जो बातें की जा रही है, उसमें फिलहाल कोई दम है।
कुछ दिन पहले कांग्रेस के नेता सज्जन सिंह वर्मा ने तो ताल ठोंककर दावा किया था कि अगले 10 दिन में शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद से हटाया जा रहा है। भाजपा की संसदीय बोर्ड से हटाने के पीछे भ्रष्टाचार सबसे बड़ा कारण है। सज्जन सिंह वर्मा ने सोनकच्छ में जब शिवराज सिंह के बारे में ये कहा था तो इसका वीडियो भी वायरल हुआ। इस वीडियो में वे शिवराज सिंह पर निशाना साधते नजर आए थे। लेकिन, न तो कांग्रेसियों का दावा सही निकलता दिखाई दे रहा है और न बीजेपी के उन नेताओं की बात में कोई दम नजर आ रहा है जो प्रतिदिन सीएम बनने के सपने देखते रहते हैं। जिन ज्योतिरादित्य सिंधिया को शिवराज सिंह का उत्तराधिकारी बताया जा रहा है, वे रविवार शाम तीन मंत्रियों तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर और प्रभुराम चौधरी के साथ सीएम हाउस मिलने गए। दोनों के बीच सौजन्य माहौल में बातचीत हुई। क्या इसके बाद भी इस बात की कोई गुंजाइश रह जाती है कि शिवराज की कुर्सी को कोई खतरा है?
इस नई दोस्ती को लेकर कयासों का दौर
ज्योतिरादित्य सिंधिया का पिछले दिनों इंदौर आना और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का आतिथ्य स्वीकारना भले ही सामान्य बात हो, पर ये बात सियासी हलकों में हजम नहीं हो रही! इसे लेकर नए-नए समीकरण गढ़े जा रहे हैं। इसलिए कि क्रिकेट को लेकर एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे इन दोनों नेताओं की नजदीकी को प्रदेश में राजनीति के नए गठजोड़ के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। दोनों बीते सोमवार को हंसते हुए गले क्या मिले बीजेपी के कई नेताओं में खलबली मच गई और कयासों की बवंडर उछाल मारने लगा। इस नए समीकरण को लेकर कई तरह के मायने निकाले जाने लगे हैं।
कैलाश विजयवर्गीय के घर मीडिया से बात करते हुए सिंधिया ने कहा ‘वे पारिवारिक वातावरण में कैलाश जी के यहां परिवार के रूप में आया हूं। मैं मानता हूं कि उनके मार्गदर्शन में पार्टी क्षेत्र और प्रदेश के विकास का जो बीड़ा सौंपेगी, उसे नई उमंग और नए जोश के साथ पूरा करूंगा। इसके लिए कैलाश विजयवर्गीय के साथ मिलकर इसे करेंगे।’ जबकि इस पूरे प्रसंग पर कैलाश विजयवर्गीय ने कोई टिप्पणी नहीं की!
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शोभा ओझा को महाराष्ट्र क्यों भेजा
कांग्रेस ने राहुल गांधी की प्रस्तावित ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की मीडिया गतिविधियों के समन्वय के लिए कुछ नेताओं को नई जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी ने यह दायित्व उन राज्यों के लिए सौंपा है, जहां से यह यात्रा गुजरेगी। प्रदेश की कांग्रेस नेता शोभा ओझा को महाराष्ट्र का प्रभारी बनाया गया है। इंदौर की कांग्रेस नेता शोभा ओझा को महाराष्ट्र का दायित्व किस नजरिए से सौंपा गया, ये स्पष्ट नहीं हुआ।
वे महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। साथ ही कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी शोभा ओझा ने निभाई, पर उनके नाम के आगे जनप्रतिनिधि होने का कोई तमगा नहीं लगा! मीडिया में भी उनकी छवि के बारे में कहा जा सकता है कि जब मध्यप्रदेश में उनके मीडिया से कोई विशेष सामंजस्य दिखाई नहीं दिया तो महाराष्ट्र में वे क्या कर पाएंगी! ऐसे में वे महाराष्ट्र में क्या चमत्कार करेंगी, ये देखना दिलचस्प होगा। कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक गुजरने वाली कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत 7 सितंबर से होगी।
नरोत्तम मिश्रा की ख़ुशी का कारण!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रदेश के दतिया में चलाए जा रहे कुपोषण के खिलाफ ‘मेरा बच्चा अभियान’ की तारीफ की। उन्होंने कहा कि गीत, संगीत और उत्सव के माध्यम से दतिया ने कुपोषण के खिलाफ जो अलख जगाई है, वह तारीफ के काबिल है। वैसे तो कुपोषण का गीत, संगीत से कोई वास्ता नहीं होता! लेकिन दतिया में इस अभियान को गति देने के लिए भजन-कीर्तन हुए और उसके जरिए लोगों को कुपोषण के खिलाफ तैयार किया गया।
वास्तव में इस तरह का कार्यक्रम तारीफ के काबिल तो है और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की खुशी का सबसे बड़ा कारण भी यही है, कि प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम में उनके चुनाव क्षेत्र की एक उपलब्धि का उल्लेख किया। भाजपा के किसी भी नेता के लिए प्रधानमंत्री के लिए मुख से अपने या अपने क्षेत्र की किसी उपलब्धि के बारे में सुनने से बड़ी ख़ुशी और कोई नहीं होती! स्वाभाविक है, कि नरोत्तम मिश्रा इसलिए बल्ले बल्ले हैं कि उनके दतिया का एक कार्यक्रम प्रधानमंत्री की तारीफ का हिस्सा बना!
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55 में एमपी से केवल एक IAS
मध्य प्रदेश काडर के IAS अधिकारी केंद्र में आनै से फिर चूक गए। शुक्रवार को जिन 55 IAS अधिकारियों का संयुक्त सचिव के लिए केंद्र में एम्पैनलमेंट हुआ है उनमें मध्य प्रदेश काडर के केवल एक अथिकारी सुदाम खाड़े को ही संयुक्त सचिव पैनल मे शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के तीन IAS अधिकारी पैनल में शामिल हुए हैं। ये सभी अधिकारी 2006 बैच के है।
विशेष गढ़पाले FCI में
इस बीच एक अच्छी खबर यह है कि मध्य प्रदेश काडर के 2008 बैच के अधिकारी विशेष गढपाले FCI में मध्य प्रदेश रीजन के महाप्रबंधक नियुक्त किए गए हैं।
वे भोपाल में ही पदस्थ होंगे। उनकी नियुक्ति सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम के तहत तीन साल के लिए की गई है।
सदस्यों की कमी से जूझ रहे हैं दो बोर्ड
केंद्र सरकार के कर वसूली संबंधी दोनों बोर्ड सदस्यों की कमी से जूझ रहे हैं। आयकर के सीबीडीटी और अप्रत्यक्ष कर जीएसटी तथा कस्टम से संबंधित सीबीआईसी – में सदस्यों के दो दो पद महीनों से खाली पडे है। बताया जाता है कि इन पदों के लिए इंटरव्यू करीब तीन महीने पहले हो गये थे लेकिन पोस्टिंग का अभी इंतजार है।