Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista : अजब-गजब संयोग: MP के प्रशासनिक और पुलिस मुखियाओं के बच्चे पिता के नक़्शे कदम पर;
MP में इसे अजब-गजब संयोग ठीक कहा जाएगा जब राज्य के प्रशासनिक और पुलिस मुखियाओं के बच्चे पिता के नक़्शे कदम पर चल रहे हैं। देश में शायद यह इकलौता मध्यप्रदेश राज्य है जहां प्रशासनिक और पुलिस मुखिया के बच्चे अपने पिता की लाइन को उसी कदम में आगे बढ़ा रहे हैं।
ये ऐसा मसला है जो शायद पहले किसी राज्य में नजर नहीं आया। प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैस और पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना की दूसरी पीढ़ी भी अपने पिता के नक़्शे कदम पर हैं! बैस के बेटे अमनबीर सिंह बैस IAS बनकर बैतूल में कलेक्टर हैं और DGP की बेटी सोनाक्षी सक्सेना IPS बन गई और इंदौर में पदस्थ हैं। दोनों प्रमुखों के बच्चे मैदानी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। संयोग इस बात का भी है कि दोनों अधिकारियों के बच्चों को मध्यप्रदेश कैडर मिला।
CS बैस के बेटे अमनबीर 2013 बैच के IAS हैं जबकि, DGP सक्सेना की बेटी सोनाक्षी को 2019 में IPS अवार्ड हुआ है। अमनबीर फ़िलहाल बैतूल कलेक्टर हैं। इससे पहले वे सतना नगर पालिका निगम के आयुक्त थे। उज्जैन में असिस्टेंट कलेक्टर पद से उन्होंने सर्विस शुरू की, फिर उन्हें डबरा SDM के तौर पर मैदानी जिम्मेदारी दी गई थी।
सोनाक्षी सक्सेना अभी प्रोबेशन पर हैं और उन्हें इंदौर में एडिशनल एसपी बनाया गया है। यहां यह बताना उल्लेखनीय है कि सोनाक्षी ने अपनी ट्रेनिंग के दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की ट्रॉफी हासिल की।
इस सप्ताह हो सकती है बड़ी प्रशासनिक सर्जरी, कई कलेक्टर एसपी रडार पर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शनिवार को संपन्न कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेस में समीक्षा के दौरान कोई एक दर्जन कलेक्टर और एसपी सरकार के रडार पर आ गए हैं।
माना जा रहा है कि इस सप्ताह एक बड़ी प्रशासनिक सर्जरी हो सकती है जिसमें इन्हें हटाया जा सकता है। कुछ अधिकारियों ने मंत्रियों के माध्यम से अपनी जोड़-तोड़ भी शुरू कर दी है लेकिन सीएम शायद अब मंत्रियों के बात भी ना माने और इन कलेक्टर एसपी को अब फील्ड से वापस मंत्रालय मैं बुलाया जा सकता है।
कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेस में सरकारी योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने में कमजोर साबित हो रहे कलेक्टर और कानून व्यवस्था को कंट्रोल नहीं कर पा रहे पुलिस अधीक्षकों को बदला जा सकता है। जनप्रतिनिधियों की बाते नहीं सुनने और उन्हें नाराज करने वाले अफसरों का भी बदलना तय है।
माना जा रहा है कि दो कमिश्नर, 2 जोनल आईजी और एक दर्जन कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक अगले प्रशासनिक फेरबदल में प्रभावित हो सकते हैं।
अनोखा रिकॉर्ड: पूरे सेवाकाल में यह IAS कभी मंत्रालय में पदस्थ नहीं रहा
यह जानकर आश्चर्य होगा कि मध्य प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक ऐसे अधिकारी भी हैं, जो कई जिलों के कलेक्टर और संभाग के कमिश्नर तक रहे, लेकिन मंत्रालय में उनकी पदस्थापना पूरे सेवाकाल के दौरान कभी नहीं हुई। ये अधिकारी हैं- ग्वालियर के सेवानिवृत्त कमिश्नर बी एम शर्मा। उनके नाम जो अनोखा रिकॉर्ड है वो भारतीय प्रशासनिक सेवा के मान से अलग तरह का है। वे 2 साल पहले सेवानिवृत्त भी हो गए।
भारतीय प्रशासनिक सेवा में 2001 बैच के अधिकारी बी एम शर्मा को 2008 में IAS अवार्ड हुआ। इसके पहले राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में भी वे कभी भी मंत्रालय में पदस्थ नहीं रहे। 36 साल के सेवाकाल के दौरान वे प्रशासनिक सेवा में कभी भी मंत्रालय में पदस्थ नहीं होना, वास्तव में आश्चर्य वाली बात तो है!
जानने वाली महत्वपूर्ण बात यह भी है कि रिटायरमेंट के बाद वे मुख्यमंत्री के OSD बनाए गए और उसी रूप में वे जरूर मंत्रालय में पदस्थ रहे हालांकि उन्होंने इस पद से जल्द ही इस्तीफा दे दिया था।
खबर प्रसार भारती की
केंद्र सरकार का उपक्रम प्रसार भारती बोर्ड पिछले चार साल से अपने लिए एक अदद सदस्य, पर्सनल को नही चुन सका। यह पद फरवरी 2018 से खाली है और बौर्ड के CEO वैम्पति इसका अतिरिक्त चार्ज संभाले हुए हैं। इन चार वर्षों में बोर्ड नै पांच बार इस पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए। हर बार अच्छी खासी संख्या में आवेदन भी मिले लेकिन बोर्ड को हर बार कोई भी लायक उम्मीदवार नही मिला। बोर्ड ने 2020 के अंत में एक बार फिर आवेदक मंगवाए, जिन पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ।
देश के दो प्रमुख पदों पर इस माह होगी नियुक्ति
चालू अप्रैल माह में देश के दो प्रमुख पद खाली हो रहे हैं और इन पर नये उत्तराधिकारियों की नियुक्ति होनी है। सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। इसी तारीख को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष जे बी महापात्र भी रिटायर होंगे। सरकार इन महत्वपूर्ण पदो पर किसकी नियुक्ति करती है इस पर सब की निगाहें टिकी हुई है। सूत्रों का कहना है कि चूंकि संसद का सत्र समाप्त हो गया, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि बीस अप्रैल के बाद नये मुखियाओं की नियुक्ति हो जाएगी।
सेंट्रल विस्टा के गलियारों की चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो सेनाध्यक्ष जनरल मुकुंद नरवणे को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाया जा सकता है। जनरल बिपिन के निधन के बाद से यह पद पिछले साल दिसंबर से खाली पडा है। जनरल नरवणे को ही अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। जनरल नरवणे वर्तमान में सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हैं।
दो सरकारी बैंकों का निजी करण टला
दो सरकारी बैंकों का प्रस्तावित निजी करण फिलहाल टल गया है। इस प्रस्ताव को अभी कैबिनेट से मंजूरी मिलना है। उम्मीद की जा रही है कि कैबिनेट से अनुमोदन लेने के बाद सरकार संसद के मानसूत्र सत्र में इस आशय का बिल ला सकती है। बताया जाता है कि सरकार इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक आफ इंडिया को निजी हाथों में सौपना चाहती है।