मध्य प्रदेश के सियासी और प्रशासनिक गलियारों में इन दिनों बड़ी चर्चा है कि मध्य प्रदेश के 2 पूर्व आईएएस अधिकारी महापौर पद के लिए अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। इनमें एक नाम हाल ही में वीआरएस के लिए आवेदन देने वाले 2014 बैच के अधिकारी वरद मूर्ति मिश्रा का है। बताया गया है कि वे छिंदवाड़ा से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमा सकते हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वे कमलनाथ के निकट के अधिकारियों में हैं।
दूसरे अधिकारी का नाम वेद प्रकाश है। जबलपुर में इन दिनों बड़ी चर्चा है कि वेद प्रकाश को भाजपा आगामी चुनाव में महापौर पद का प्रत्याशी बना सकती है। वेद प्रकाश जबलपुर में मई 2013 से मई 2018 लगातार 5 साल तक नगर निगम के आयुक्त रहे। इस दौरान उन्होंने शहर के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है और लोग उन्हें आज दिल से याद करते हैं। वे जबलपुर में ही रिटायरमेंट के बाद निवास कर रहे हैं।
पता चला है कि श्याम वेद प्रकाश जी महापौर का चुनाव लड़ने में रुचि दिखा रहे हैं और वह संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं।
पूर्व IAS उप्पल को लेकर हमारी खबर पर लगी मुहर
हमने अपने पिछले सोमवार को अपने कॉलम में लिखा था कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और बीजेपी नेता शमशेर सिंह उप्पल की पूछ परख बीजेपी में बढ़ती जा रही है। हमने कारण भी लिखा था कि राज्यसभा,पंचायत और नगर निकाय चुनाव में उप्पल अपने अनुभव के आधार पर चुनाव आयोग से बेहतर समन्वय करते रहे हैं।
हमारी इस खबर पर मुहर उस समय लग गई जब राज्यसभा के लिए बीजेपी की दोनों महिला नेत्रियों का चुनावी फॉर्म भरना था। सूत्रों की खबर पर अगर भरोसा किया जाए तो फॉर्म भरने के आखिरी दिन जब एक दिन पहले देर रात को सुमित्रा बाल्मीकि का नाम तय हुआ तो मुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उप्पल को फोन कर बताया कि जल्दी से सुमित्रा की सारी जानकारी लेकर फार्म भरने की तैयारी करो।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अगले दिन सुबह 8:00 बजे उप्पल के अरेरा कॉलोनी स्थित बंगले पर दोनों बीजेपी महिला प्रत्याशी कविता पाटीदार और सुमित्रा बाल्मीकि मौजूद थे और उनका फॉर्म उप्पल भरवा रहे थे।
इतना ही नहीं राज्य निर्वाचन कार्यालय में फॉर्म भरने से लेकर प्रमाण पत्र दिलवाने तक उप्पल की अहम भूमिका रही।
सामान्य सीट पर ओबीसी पॉलिटिक्स कहीं भारी न पड़े!
प्रदेश के नगर निकाय चुनाव के महापौर के लिए आरक्षण हो गया। किस नगर निगम से किस वर्ग का महापौर उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा, ये तय है। लेकिन, इंदौर नगर निगम में राजनीतिक समीकरणों के कारण भाजपा भारी गफलत में है। वैसे तो यहां कि महापौर सीट से सामान्य वर्ग का उम्मीदवार चुनाव लडेगा। लेकिन, अभी भाजपा में जितने नामों की हलचल है वे सभी ओबीसी वर्ग से हैं। जबकि, कांग्रेस ने चुनाव की घोषणा से पहले ही क्षेत्र क्रमांक 1 के विधायक संजय शुक्ला का नाम महापौर पद के उम्मीदवार के लिए घोषित कर दिया।
जब शहर का महापौर सामान्य वर्ग से होगा तो भाजपा के नेता ओबीसी नेताओं के नाम क्यों चला रहे हैं, ये समझ से परे हैं। जबकि, कांग्रेस उम्मीदवार ब्राह्मण हैं और ब्राह्मणों के बीच उनके परिवार की पकड़ भी है। ये देखकर भी भाजपा सिर्फ ओबीसी कार्ड की खातिर जो कर रही है, वो सामान्य वर्ग को चिढ़ा सकता है। पार्टी ने किसी विधायक को महापौर पद की उम्मीदवारी न देकर रमेश मेंदोला का दावा खत्म कर दिया, वरना वे संजय शुक्ला के सामने सबसे दमदार साबित होते। जब जिले से अभी अभी एक ओबीसी नेता को राज्यसभा में भेजा गया है, फिर भी पार्टी ओबीसी को ही साधने की कोशिश में है। कहीं ऐसा न हो कि सामान्य वर्ग की सीट पर किसी ओबीसी नेता को चुनाव लड़वाना भाजपा को भारी पड़ जाए?
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अब खबरें दिल्ली से
गोयल के बाद कौन बनेगा सुरक्षा सचिव?
दिल्ली की सत्ता के गलियारों में सुरक्षा सचिव की नियुक्ति को लेकर इन दिनों चर्चा जोरों पर है। रा प्रमुख ही सुरक्षा सचिव (आर) होता है। रा प्रमुख सामंत गोयल इस पद पर तैनात हैं। उनके दो साल अगस्त में पूरे होंगे। गलियारों में बैठे शुभचिंतकों को चिंता इस बात को लेकर है कि गोयल के बाद इस कुर्सी पर कौन बैठेगा। यह भी तय है कि इस महत्वपूर्ण पद पर प्रधानमंत्री की पसंद का ही अधिकारी बैठेगा।
रेलवे बोर्ड में खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया जल्दी होगी शुरू
रेलवे बोर्ड में सदस्यों और अन्य महत्वपूर्ण खाली चल रहे पदों को भरने की प्रक्रिया जल्दी शुरू हो सकती है। रेलवे ने हाल ही में इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (आई आर एम एस) की नियमावली जारी कर दी है। सूत्रों के अनुसार सभी पद इन्ही नियमो के तहत भरे जाऐगे।
नवगठित दिल्ली महानगर परिषद अधिकारियों के हाथ में
नव गठित दिल्ली महानगर परिषद इस पूरी तरह से अधिकारियों के हाथ में है। एक आई ए एस अधिकारी परिषद के अध्यक्ष हैं तो दूसरे सचिव /सीईओ। दिल्ली में स्थानीय इकाइयों के चुनावों की घोषणा से पहले ही केंद्र सरकार ने कानून बना कर पहले के तीनों निगमो को मिला कर एक कर दिया और मई महीने से एकीकृत महानगर अस्तित्व में आ गया है। अब सबकी नजर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा पर टिकी है।
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केंद्र में सचिव स्तर पर मामूली फेरबदल की सुगबुगाहट
सत्ता के गलियारों में एक बार फिर सचिव स्तर पर मामूली फेरबदल की सुगबुगाहट चल रही है। वरिष्ठ अधिकारी भी इस बात को लेकर खासे परेशान हैं कि सात महीनों से खाली पड़े सचिव, रक्षा उत्पादन के पद पर आखिर नियमित नियुक्ति क्यो नही हो रही? कई वरिष्ठ अधिकारी इस पद को पाने के लिए जोर आजमाईश का असफल प्रयास भी कर रहे हैं। इस पद पर कौन बैठेगा, इसकी जानकारी तो केवल PMO ही के पास है।
हटाया जा सकता है नागर विमानन सचिव को
सूत्रों की माने तो केंद्र में नागर विमानन सचिव रवि बंसल को हटाया जा सकता है। वे मणिपुर काडर के आईएएस अधिकारी है। बताया जाता है कि हाल में उनकी विदेश यात्रा को लेकर उपजे विवाद के कारण उन्हें हटाने की बात चल रही है। बताया जाता है कि नये सचिव को लाने की कवायद भी शूरू हो गयी है।