आज सिर गर्व से ऊंचा होता है!-vineeta tiwari

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राजा भोज एयरपोर्ट भोपाल में चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर  रावी तिवारी की माँ विनिता तिवारी गर्व से कहती है” हिन्दी कैरियर के लिए भी रास्ते खोल देती है.”

14 सितंबर को देशभर में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. हिंदी भारत की ‘राष्ट्रभाषा’ है,इस दिन भारत के विधानसभा द्वारा आधिकारिक तौर पर हिंदी भाषा राष्ट्रभाषा स्वीकार किया था. 14 सितंबर 1949 को ही भारत के घटक विधानसभा द्वारा हिंदी भाषा को भारतीय गणराज्य की आधिकारिक भाषा के तौर पर अपनाया गया. इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में छात्रों तथा स्टाफ को हमारी राष्ट्रीय भाषा का महत्व बताया जाता है.

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इस दिन विभिन्न हिंदी कहानी लेखन, कविता और बच्चों द्वारा मजेदार हिंदी नाटकों का आयोजन किया जाता है. यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस आधुनिक युग में भी लोगों को हिंदी भाषा के महत्व को याद दिलाता है. हिंदी दिवस पर लोगों के दिलों में देशभक्ति भी जागृत होती कभी-कभी अपने लिए निर्णय , जब गर्वोन्मत करते हैं ,तब पल-पल वह पहली सीढ़ी पर रखा कदम और हर कदम को सहेजे मंजिल तक पहुंचना बहुत याद आता है।

 

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जब मेरी चुक्कू (रावी) का जन्म हुआ था, सिर्फ दो बातें सोची थी ,पहला बच्चा आध्यात्मिक होना चाहिए दूसरा अंग्रेजी पर जबरदस्त अधिकार हो। कच्ची उम्र की सोच थी शायद।अंग्रेजी स्कूल में पढने के बावजुद हिंदी पर उसका जबरजस्त रूझान कभी मुझे डराता था। पर कहीं अपराध बोध पनपने लगा था मन में। मैंने उसे जहां अंग्रेजी के टेबल, काउंटिंग सिखाए वहीं हिंदी की गिनती पहाड़े भी याद कराए। हिंदी, अंग्रेजी दोनों पर उसका समान अधिकार रहा। एनडीपीएस , Saint raphaels जैसे स्कूलों में पढ़ते हुए उस की14 वर्ष की उम्र में नई दुनिया में कहानी प्रकाशित हुई !15 वर्ष में तूलिका पत्रिका में उसकी कहानी ने स्थान पाया! अपनी कॉलेज मैगजीन का सफल संपादन किया। एनसीसी में हस्तलिखित पत्रिका की पूरी जिम्मेदारी उसने वहन की । संपूर्ण पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से की ।हिंदी में कभी नहीं आए 98 प्रतिशत से कम नंबर ।चलती फिरती डिक्शनरी के रूप में जानी जाती है! !आज सिर गर्व से ऊंचा होता है!!मेरी लाडली एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में जेईओ है, कई एयरपोर्ट को हिंदी में काम करने के लिए प्रोत्साहित कर चुकी है। और अभी हाल ही में राजा भोज एयरपोर्ट भोपाल में चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर पद को सुशोभित कर रही है। यहां तक पहुंचने में हिंदी ने एक सीढ़ी की तरह कार्य किया है!मुझे इस बात की काफी खुशी है कि  हिंदी भारत की सबसे ज्यादा  बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है.बेटी हिंदी अधिकारी के रूप में काम कर रही थी। अब वह सुरक्षा  अधिकारी है। बेटी भी मातृ भाषा की तरह सशक्त होती है.