Waqf Amendment Bill Introduced : ‘वक्फ संशोधन बिल’ लोकसभा में पेश, NDA सरकार और विपक्ष में 8 घंटे की बहस शुरू!

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Waqf Amendment Bill Introduced : ‘वक्फ संशोधन बिल’ लोकसभा में पेश, NDA सरकार और विपक्ष में 8 घंटे की बहस शुरू!

विपक्ष ने बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिमों से उनके घर-दुकान छीनने की साजिश बताया!

New Delhi : बुधवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल 2024 पेश किया। 12 बजे से बिल पर 8 घंटे की चर्चा शुरू हुई, जो बढ़ाई भी जा सकती है। बिल के जरिए वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को कानूनी दायरे में लाए जाने का सरकार का प्रस्ताव है। इस बिल को एनडीए सरकार में शामिल TDP और JDU ने भी समर्थन दिया। शिवसेना UBT सांसद अरविंद सांसद ने अपने भाषण में ये क्लियर नहीं किया कि वे बिल के पक्ष में है या विरोध में। रिजिजू ने इस पर सवाल किया, लेकिन सावंत ने कोई जवाब नहीं दिया।

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वक्फ बिल पर चर्चा में रिजिजू ने 58 मिनट अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने 5 मार्च 2014 को 123 प्राइम प्रॉपर्टी को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दीं। ऐसा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अल्पसंख्यक वोटों के लिए किया गया, पर फिर भी चुनाव हार गए। रिजिजू ने कहा कि अगर हमने आज यह संशोधन बिल पेश नहीं किया होता, तो जिस इमारत में हम बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में नहीं आती तो कई अन्य संपत्तियां भी गैर-अधिसूचित हो गई होतीं।

विपक्ष ने बिल का विरोध किया

समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिमों से उनके घर-दुकान छीनने की साजिश बताया। तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी मुस्लिम समुदाय के लिए बैकबोन है। यह पूरी तरह धार्मिक संस्था है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का कहना है कि वक्फ मुसलमानों के लिए बहुत पवित्र है। जिन लोगों ने यह बिल बनाया, उन्हें वक्फ, मुस्लिम सिद्धांतों और इस्लामिक कानून में क्या पवित्र है, इसकी बिल्कुल जानकारी नहीं थी।
उन्होंने यह भी कहा कि नए संशोधन के बाद, 22 सदस्यों की परिषद में 10 मुस्लिम, 2 महिलाएं और 12 गैर-मुस्लिम होंगे।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड विरोध में

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बोला कि बिल पास हुआ तो देशभर में आंदोलन करेंगे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने बिल पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है। AIMPLB के प्रवक्ता डॉ सैयद कासिम रसूल इलियास ने बिल की निंदा करते हुए कहा कि अगर यह बिल संसद में पास हो जाता है, तो हम इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि हम चुप नहीं बैठेंगे। हम अपने पास उपलब्ध सभी कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों का उपयोग करेंगे। जब तक प्रस्तावित संशोधन वापस नहीं लिए जाते, हम शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएंगे। बिल भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक रूप से प्रेरित है।