Who Will Be Permanent DGP: UP में स्थाई DGP की कवायद शुरू
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में DGP डॉ डी एस चौहान आगामी 31 मार्च को रिटायर हो रहे हैं। वे फिलहाल स्थाई DGP के पद पर नियुक्त नहीं है क्योंकि अभी यूपीएससी से उनका नाम क्लियर नहीं हुआ है। अगर उनकी स्थाई नियुक्ति नहीं होती है तो वह 31 मार्च को रिटायर हो जाएंगे और ऐसे में नए DGP की नियुक्ति करना होगी। फिलहाल इस पद के लिए 1988 बैच के तीन अधिकारी रेस में है।यह है: डॉक्टर राजकुमार विश्वकर्मा, अनिल कुमार अग्रवाल, आनंद कुमार और विजय कुमार।
DGP पद से हटाए जाने के बाद डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर कार्यरत मुकुल गोयल एकमात्र ऐसे अधिकारी हैं जो इन सब से सीनियर हैं लेकिन सरकार ने उन्हें पहले ही मई 22 में हटा दिया है हालांकि उनका कार्यकाल वर्ष 2024 तक का है।
उन्हें फिर से DGP बनाने की कोई संभावना नहीं है।
ऐसे में यह माना जा रहा है कि 1988 बैच के अधिकारियों में से ही कोई DGP की कमान संभालेंगे।
राजकुमार विश्वकर्मा मई में और उसके पहले अनिल कुमार अग्रवाल अप्रैल में रिटायर हो रहे हैं। अगर ऐसे में सेवा काल के आधार पर आनंद कुमार और विजय कुमार की दावेदारी ज्यादा मजबूत है लेकिन अगर अग्रवाल और विश्वकर्मा को स्थाई नियुक्ति मिल जाती है तो इन्हें 2 साल का वैसे भी फायदा मिल सकता है। राज्य शासन ने डीजीपी की स्थाई नियुक्ति की कवायद शुरू कर दी है और शीघ्र ही नाम भेजे जा रहे हैं। राज्य सरकार ने पिछले साल मई में मुकुल गोयल को हटाकर डॉ डीएस चौहान को DGP का प्रभार सौंप दिया था। वे उस समय DG इंटेलिजेंस और निदेशक विजिलेंस का प्रभार भी देख रहे थे। उसी समय से उनके पास तीनों पदों का प्रभार है। इस माह सेवानिवृत्ति के पहले यदि उन्हें स्थाई DGP पद पर नियुक्ति मिलती है तो उन्हें अपने आप 2 साल का सेवा विस्तार मिल सकता है।