Why Excesses by Agencies?उदारवादी मोदी समर्थक भी हतप्रभ!
40 वर्षों के बाद भारत में लोक सभा के चुनाव परिणाम पहले से ही विदित हैं। बीजेपी अर्थात मोदी का सरकार बनाना निश्चित है। विपक्ष ने एकजुट होने के गंभीर प्रयास किये हैं, परंतु वह जनता में विश्वसनीय नहीं बन सका है। विपक्ष मन ही मन हतोत्साहित और हताश है। 2019 में थोड़ा-बहुत चुनाव परिणामों में अनिश्चितता बनी हुई थी, परंतु अब 10 वर्ष की तथाकथित एंटी इंकम्बंसी के बाद चुनाव परिणाम आश्चर्यजनक रूप से निश्चित हैं।
लोक सभा चुनावों के परिप्रेक्ष्य में केंद्रीय एजेंसियों CBI, ED और इंकम टैक्स की अति सक्रियता से विपक्ष के नेताओं के अतिरिक्त निष्पक्ष प्रेक्षक तथा उदारवादी मोदी समर्थक भी हतप्रभ हैं। चुनावों के ठीक पहले झारखंड तथा दिल्ली के मुख्यमंत्रियों की गिरफ़्तार से प्रश्न उठने स्वाभाविक है। बहुत बड़ी संख्या में राजनीतिक नेताओं के विरुद्ध CBI और ED में अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं और उन्हें लगातार समन भेजे जा रहे हैं।बंगाल के मंत्रियों तथा लालू परिवार के विरुद्ध भी कार्रवाई चल रही है। तमिलनाडु और महाराष्ट्र में ये एजेंसियां बहुत सक्रिय हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी अचानक अति सक्रिय हो गया है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को उसने एक के बाद एक नोटिस भेज कर उसे असंतुलित कर दिया है। भारत के पश्चिमी मित्र देशों में भी इसकी प्रतिक्रिया हुई है और जर्मनी तथा अमेरिका ने तो औपचारिक रूप से चुनावों की निष्पक्षता बनाए रखने की अपील की है। यहाँ तक कि UN के एक प्रवक्ता ने भी इस ओर इशारा किया है। यद्यपि भारत ने इस सब को आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कह कर ख़ारिज कर दिया है, परन्तु फिर भी यह स्थिति भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र के लिए शोभनीय नहीं है।
मतदाताओं में मोदी के प्रति बहुत सदाशयता है। मोदी ने दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए ग़रीब वर्ग के लोगों को सामाजिक और आर्थिक योजनाओं का लाभ पहुँचाया है। देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन मिल रहा है। पीएम आवास योजना से निर्धनतम लोगों को भी स्वयं का मकान प्राप्त हुआ है। रसोई गैस और शौचालय निर्माण से ग्रामीण क्षेत्र की निर्धन महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। वंचित वर्ग के लोगों के पास बैंक खाते हो जाने से उनमें आत्मविश्वास जागृत हुआ है। केंद्र सरकार की आयुष्मान तथा अनेक योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से एक विशाल लाभार्थी वोट बैंक मोदी ने निर्मित कर लिया है। मध्यम वर्ग के लोगों में हिंदुत्व की भावना को प्रगाढ़ किया गया है तथा राम मंदिर के निर्माण से बीजेपी के हिंदुत्व एजेंडे को विश्वसनीयता मिली है। मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के लोग देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार से सरकार के प्रति उत्साहित हैं। एयरपोर्ट, बंदरगाह, सड़क तथा रेलवे के आधुनिकीकरण से देश की GDP तेज़ी से बढ़ा रही है तथा इसका बड़ा हिस्सा सम्पन्न वर्ग के पास जा रहा है। बिज़नेस फ्रेंडली वातावरण बनाने के प्रयासों से उद्योगपति वर्ग को अपना विस्तार करने में बहुत सहायता मिली है। मोदी एकमात्र विश्व में ऐसे लोकप्रिय नेता हैं जिन्हें अपने देश की एलीट का भी व्यापक समर्थन है।
यह प्रश्न उठता है कि यदि मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी इतनी सशक्त है तो उसे विपक्षियों के विरुद्ध अनुपातहीन कार्रवाई करने से क्या लाभ होगा? पार्टी को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और उसकी भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्यवाही सबको निष्पक्ष दिखनी चाहिए। जिनके ऊपर अपराध पंजीबद्ध है और वे बीजेपी पार्टी में सम्मिलित हो जाते हैं तो उनके विरुद्ध भी उसी तत्परता से कार्रवाई जारी रहनी चाहिए जितनी दूसरे विपक्षियों के विरुद्ध हो रही है। देश को मोदी के 2047 के विकसित भारत की परिकल्पना में विश्वास है। देशवासी बहुत आशा से और उमंग से भविष्य को देख रहे हैं। भविष्य निर्माण में पूरे समर्पित भाव से लगने के लिए देश में एक सामान्य सहमति तथा सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अनिवार्यता है।