Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista: CM निर्देश देंगे क्या तभी अफसर जागेंगे!

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Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista: CM निर्देश देंगे क्या तभी अफसर जागेंगे!

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इन दिनों अलग ही मूड में हैं। चुनाव से पहले वे जनता को यह अहसास करा देना चाहते हैं कि वे ही असली जननायक है, जो जनता के साथ की हर समस्या में उनके साथ खड़े हैं। यदि पिछले कुछ दिनों की घटनाओं को देखा जाए तो साफ़ लगता है कि इन दिनों मुख्यमंत्री का मिजाज अफसरों को सबक सिखाने वाला ज्यादा है। मंच से जनता से सीधे बात करके उनकी समस्याएं सुनकर अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश देने की कई घटनाएं हुई। अब इसका दूसरा चरण शुरू हो गया। उन्होंने शनिवार को हुई अधिकारियों की बैठक में नशे के खिलाफ मुहिम चलाने के निर्देश दिए! उन्होंने कहा कि नशे के अवैध कारोबार को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया जाए।

(Samras Panchayats

मुख्यमंत्री ने आईएएस और आईपीएस अफसरों से कहा कि ड्रग्स के बारे में मीडिया में भी खबरें आती हैं। स्कूल, कॉलेज के आसपास,से भी इंफॉर्मेशन मिलती है कि छोटी-छोटी दुकानें जो अलग-अलग तरह का दूसरा सामान बेचती हैं, वहां भी ड्रग्स बेची जाती है। ये हमारी युवा पीढ़ी को खोखला करने का षड्यंत्र है। इस अभिशाप से हमारे बच्चों को हमको बचाना है। इसलिए चाहे वो ड्रग्स का हो, चाहे वो अवैध शराब का हो, इनकी जड़ों पर प्रहार करना है।

सवाल उठता है कि क्या हर तरह की कार्रवाई तभी होगी, जब मुख्यमंत्री उसके लिए निर्देश देंगे! प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग का काम ही अवैध नशे के कारोबार पर अंकुश लगाना है, फिर क्या कारण है कि उसके लिए भी मुख्यमंत्री को कहना पड़ रहा है। आजकल देखने में आया है कि सख्ती तभी होती है, जब ‘ऊपर’ से डंडा फटकारा जाता है। लेकिन, ये प्रवृत्ति सही नहीं है। यदि मुख्यमंत्री को अफसरों को अपनी हर जिम्मेदारी की याद दिलाना पड़े, तो फिर प्रशासन की सक्रियता का क्या होगा!

सरकार पर भारी TI!

तीन दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एयरपोर्ट पर इंदौर के कुछ लोगों और नेताओं ने एक TI की शिकायत की थी! लोगों को जबरन उलझाना, अवैध वसूली करना, धमकाना और खुलेआम रुआब दिखाने की बातें मुख्यमंत्री को बताई गई! ये सब सुनने के बाद उन्होंने तत्काल लोगों को भरोसा दिलाया कि आप निश्चिंत रहें, कार्रवाई होगी! दूसरे दिन कलेक्टर्स, कमिश्नर की कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इस TI के कारनामों का नाम लिए बिना उल्लेख किया। साथ में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। लेकिन, TI इतना दमदार निकला कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद उस पर कार्रवाई में 24 घंटे लग गए। मुद्दे की बात यह कि TI तो इतना दमदार हो नहीं सकता! पर, उसके पीछे कोई न कोई ऐसी ताकत जरूर रही होगी, जिसने कार्रवाई में 24 घंटे लगा दिए।

कमिश्नरी का मोह नहीं, मंत्रालय का इंतजार!

प्रशासन का अपना अलग ही जलवा होता है, पर प्रशासन का हर पद ऐसा नहीं होता कि अफसर उसे एंजॉय करें। खासकर कमिश्नर का पद, जिससे ज्यादातर आईएएस अफसर बचना चाहते हैं। क्योंकि, ये पद तो बड़ा है, पर एक्टिव अफसर यहां अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पाते। भोपाल के कमिश्नर गुलशन बामरा तो इसी वजह से छुट्टी पर चले गए कि उन्हें मंत्रालय की कोई कुर्सी चाहिए न कि भोपाल संभाग की कमिश्नरी। वे अपनी छुट्टी बढ़ा भी चुके हैं। यही स्थिति जबलपुर कमिश्नर बी चंद्रशेखर की भी है, जो अब वहां रहना नहीं चाहते! उनके तबादले की तो कई बार बात भी उठी, पर लगता है कि प्रॉपर रिप्लेसमेंट नहीं मिलने से वह हटाए नहीं जा सके।

उज्जैन के कमिश्नर संदीप यादव भी जाने का मूड बनाकर बैठे हैं। महाकाल के दरबार में संभवत इस सदी के सबसे बड़े शासकीय कार्यक्रम में उज्जैन कमिश्नर का नाम कहीं सुनाई तक नहीं देता है। सरकार के सामने भी संकट है कि संभागों में किसे भेजा जाए! बताते हैं कि कुछ संभागों में ऐसे आईएएस को भेजा जाने लगा है, जो अभी सुपर टाइम स्केल में ही नहीं आए हैं! पर उस स्तर के आईएएस की कमी होने से ये रास्ता निकाला जा रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि ये तीन कमिश्नर कब मंत्रालय पहुंचते हैं।

प्रधानमंत्री की युवा IAS अधिकारियों को सलाह!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के युवा अफसरों से जमीनी स्तर पर काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जब कोई आईएएस जमीन पर उतरकर काम करता है, तो वो उसका लोगों से जुड़ाव ज्यादा होता है।

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यही जुड़ाव उसकी कार्यक्षमता और त्वरित फैसले लेने क्षमता बढ़ाता है। प्रधानमंत्री ने मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में प्रशिक्षण के लिए आए इन युवा अधिकारियों को अपने कुछ अनुभव भी बताए। इन युवा ट्रेनी अफसरों के लिए प्रधानमंत्री के सुनाए अनुभव टिप्स और सलाह निश्चित रूप से उनके जीवन में काम आएंगे!

मुख्यमंत्री, कलेक्टर और तोहफे में खुरासानी इमली

जनसंपर्क विभाग में मेरी 37 साल की सरकारी नौकरी में मैंने कभी नहीं देखा कि कोई कलेक्टर मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से कोई वस्तु भेंट करें लेकिन धार के कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने यह कर अन्य कलेक्टरों के लिए रास्ते खोल दिए है।
मुख्यमंत्री बीजेपी के प्रदेश प्रशिक्षण शिविर में जब उद्घाटन के लिए मांडू आए तो कलेक्टर डॉ पंकज जैन उनसे मिलने गए। यहां तक तो ठीक है, इसलिए कि जिले में मुख्यमंत्री भले पार्टी के आयोजन में आए तब भी प्रोटोकॉल के तहत कलेक्टर तो मिलना ही है। लेकिन, गौर करने वाली बात यह कि इस मौके पर कलेक्टर ने मुख्यमंत्री को खुरासानी इमली भेंट की! किसी को समझ नहीं आया कि आखिर इसके पीछे उनकी क्या सोच रही होगी! यदि किसी अधिकारी ने इसकी सलाह भी दी होगी तो क्यों!

When the collector presented Khurasani tamarind to the Chief Minister

मुख्यमंत्री के लिए खुरासानी इमली अनोखी चीज तो होगी नहीं और न वे अब तक इससे अब तक अनभिज्ञ होंगे। फिर क्या कारण था कि कलेक्टर ने खास तौर पर मुख्यमंत्री को खुरासानी इमली बतौर तोहफे में दी। जबकि, डॉ पंकज जैन ये भी जानते होंगे कि ये इमली मुगल आक्रांता अलाउद्दीन खिलजी लाए थे और मांडू में इसका पौधा रोपा था! ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि खुरासानी इमली भेंट करने के पीछे आखिर कलेक्टर की मंशा क्या रही होगी?

केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की अटकलें तेज

केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की अटकलें तेज हो गई है। गलियारों में चल रही चर्चाओं के अनुसार प्रस्तावित विस्तार दीपावली बाद कभी भी हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि नवंबर में संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने की संभावना है और उसके पहले प्रधानमंत्री अपने मंत्रिमण्डल का विस्तार कर सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब. जो हाल ही में राज्य सभा के सांसद बने है, को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है।

बदल सकते हैं आधा दर्जन राज्यपालों के प्रभार

पता चला है कि केंद्र सरकार करीब आधा दर्जन राज्यपालों के प्रभार बदल सकते हैं। फिलहाल पश्चिम बंगाल और मेघालय के राजभवन नये राज्यपालों का इंतजार कर रहे हैं। तीन – चार राज्यपालों को बडे राज्यों में भेजा जा सकता है।

देश के नये प्रधान न्यायाधीश के चयन की प्रक्रिया शुरू

भारत के नये प्रधान न्यायाधीश के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कानून मंत्रालय ने शुक्रवार को वर्तमान मुख्य न्यायाधीश यू ललित को पत्र लिखकर उनसे अपने उत्तराधिकारी का नाम भेजने को कहा है। न्यायाधीश ललित का कार्यकाल 8 नवंबर को समाप्त हो रहा है। फिलहाल वरिष्ठता क्रम में न्यायमूर्ति डी वायी चंद्रचूड सबसे ऊपर है। उन्ही के नये सी जे आई बनने की अधिक संभावना है।

केंद्र में सचिवों के एक और फेरबदल की चर्चा

केंद्र में सचिवों के एक और फेरबदल की चर्चा है। इसी महीने रक्षा सचिव अजय कुमार का रिटायर्मेंट है। उन्ही के पास रक्षा उत्पादन सचिव का चार्ज भी है। कुछ सचिवों के प्रभार भी बदले जा सकते हैं।

नाबार्ड के मुखिया को लेकर तस्वीर साफ नहीं

नाबार्ड के मुखिया को लेकर अभी भी तस्वीर साफ नहीं हुई है। बताया जाता है कि बैंक ब्यूरो बोर्ड द्वारा संस्तुति किए जाने के बाद भी ACC से मोहम्मद मुस्तफा के नाम को मंजूरी नहीं दी है। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1995 बैच के उत्तर प्रदेश केडर के आईएएस अधिकारी है।

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प्रह्लाद पटेल को अब नये PS का इंतजार

मध्य प्रदेश काडर के आईएएस अधिकारी राहुल जैन के संयुक्त सचिव बनने के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल को अब नये पी एस का इंतजार है। जैन 2005 बैच के आईएएस अधिकारी है।

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Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।