Nemawar : बीमार भाई के स्वस्थ होने की मन्नत पूरी होने के बाद पिंटू पिता आत्माराम विश्वकर्मा ने पानीगांव से से नेमावर तक की दंडवत यात्रा शुरू की। नेमावर को नर्मदा नदी की नाभि माना जाता है। पानीगांव तक की 65 किलोमीटर तक की इस यात्रा को पूरा करने में पिंटू विश्वकर्मा को 10 से 12 दिन लग सकते हैं।
पिंटू ने बताया कि लॉकडाउन में मेरे छोटे भाई तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। हालात ऐसे थे कि किसी बड़े अस्पताल में जाना भी मुश्किल था। क्योंकि, उस समय कोरोना का डर बहुत ज्यादा था। कोई रास्ता न देखकर उन्होंने मां नर्मदा से मन्नत मांगी थी, कि यदि मेरा छोटा भाई पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा, तो मैं नेमावर तक दंडवत प्रणाम करते हुए मां नर्मदा के नाभि कुंड तक जाऊंगा! माँ नर्मदा ने मेरी कामना सुनी और मेरा भाई स्वस्थ हो गया।
रविवार से उन्होंने नेमावर तक की अपनी नर्मदा यात्रा प्रारंभ की है। भाई के प्रति पिंटू विश्वकर्मा का प्रेम देखकर क्षेत्रवासियों ने उनकी प्रशंसा की। जगह-जगह हार फूलों से उनका स्वागत किया गया। उनके साथ अउ भी कई लोग चल रहे हैं।