
World Elephant Day 2025: मैट्रियार्क्स और मेमोरीज़ – संरक्षण की नई कहानी और रोमांचकारी वैज्ञानिक विश्लेषण
डॉ. तेज प्रकाश व्यास
प्रकृतिविद एवं वन्य जीव वैज्ञानिक
हर साल 12 अगस्त को मनाया जाने वाला विश्व हाथी दिवस हमें यह याद दिलाने का अवसर देता है कि हाथी केवल एक अद्भुत वन्य जीव नहीं, बल्कि धरती के पारिस्थितिक संतुलन के आधार स्तंभ हैं। इन्हें “इको-इंजीनियर्स” कहा जाता है, क्योंकि ये जंगल, घासभूमि, जल स्रोत और जैव-विविधता के निर्माण और संरक्षण में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
वर्ष 2025 की थीम: Matriarchs and Memories
इस वर्ष की आधिकारिक थीम “Matriarchs & Memories” दो गहरे और आपस में जुड़े संदेश देती है।
1. मैट्रियार्क हाथी – झुंड की अनुभवी मातृ-नेत्री, जो अपनी असाधारण स्मृति और अनुभव के बल पर अपने समूह को जल, भोजन और सुरक्षा की ओर मार्गदर्शन करती हैं।
2. मानव समाज की संरक्षणकारी महिलाएँ – वे स्त्रियाँ जो हाथियों के संरक्षण के लिए नीतियों, शोध, बचाव और जागरूकता अभियानों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
इस वर्ष का वैश्विक संदेश है:
This World Elephant Day, stand with the matriarchs, the memory-keepers of the wild.”
भारत में आयोजन;भारत, जहाँ विश्व के लगभग 60% एशियाई हाथी पाए जाते हैं, 33 हाथी आरक्षित क्षेत्रों और 150 मान्यता प्राप्त कॉरिडॉर्स के साथ संरक्षण में अग्रणी है।
राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम:कोयम्बटूर, तमिलनाडु में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और तमिलनाडु वन विभाग द्वारा आयोजित किया गया है।
विशेष कार्यशाला:मानव–हाथी संघर्ष (Human-Elephant Conflict, HEC) पर, जिसमें नीति-निर्माता, वन अधिकारी, वैज्ञानिक, स्थानीय समुदाय और छात्र भाग ले रहे हैं।
जागरूकता अभियान: 12 लाख से अधिक विद्यार्थी और 5,000+ विद्यालय सक्रिय सहभागिता करेंगे।
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पारिस्थितिकी तंत्र में हाथियों की महत्ता
बीज प्रसारक: हाथी फलों को खाकर उनके बीज दूर-दूर तक फैलाते हैं, जिससे नए जंगल पनपते हैं।
जल स्रोत निर्माता: सूखे मौसम में ये जमीन खोदकर जल तक पहुँचते हैं, जिससे अन्य जीव भी लाभान्वित होते हैं।
भूमि संरचना निर्माता: इनके रास्तों से वन्य मार्ग खुलते हैं, जो कई अन्य प्रजातियों के लिए जीवन रेखा होते हैं।
संतुलन बनाए रखने वाले: वनस्पति की अधिकता को नियंत्रित करके ये घासभूमि और जंगल दोनों में संतुलन बनाए रखते हैं।
गिरावट और खतरे – क्यों यह दिन और भी जरूरी है?

आज हाथी कई मोर्चों पर संकट का सामना कर रहे है।
1. अवैध शिकार: हाथीदांत के लिए शिकार, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद जारी है।
2. आवास विनाश: शहरीकरण, खेती का विस्तार और उद्योगीकरण से वन्य मार्ग टूट रहे हैं।
3. मानव–हाथी संघर्ष: आवास में अतिक्रमण से हाथियों और मनुष्यों दोनों की जान खतरे में पड़ रही है।
4. जलवायु परिवर्तन: वर्षा और वनस्पति पैटर्न में बदलाव से भोजन और पानी की उपलब्धता प्रभावित हो रही है।
5. कैद और शोषण: पर्यटन और श्रम के लिए हाथियों का अमानवीय उपयोग।
Vatsala, the World’s Oldest Female Elephant: मादा हाथी वत्सला की पन्ना टाइगर रिजर्व में 100 साल से ज्यादा उम्र में मौत
स्थिति गंभीर है:
एशिया में केवल 4–5 हजार जंगली हाथी बचे हैं।
क्या कर सकते हैं हम? – संरक्षण की दिशा में कदम

कदम विवरण
विश्व हाथी दिवस की प्रतिज्ञा: हाथीदांत उत्पादों का बहिष्कार, संरक्षण संगठनों को सहयोग, जागरूकता फैलाना
शैक्षिक भागीदारी स्कूल-कॉलेज में प्रतियोगिताएँ, चित्रकला, लेखन, विशेष व्याख्यान
नैतिक पर्यटन उन पर्यटन स्थलों का समर्थन जहाँ हाथियों का शोषण नहीं होता
स्थानीय भागीदारी Project Elephant जैसे कार्यक्रमों में योगदान, स्वयंसेवा
वृक्षारोपण और कॉरिडॉर संरक्षण जंगल और हाथी मार्गों की सुरक्षा में सहयोग
आध्यात्मिक विवेचन
भारतीय संस्कृति में हाथी गणेश के रूप में बुद्धि, विवेक और बाधा-निवारण के प्रतीक हैं। एक श्लोक जो हाथी की महिमा को दर्शाता है—
गजाननं भूतरावदगणेशं कपीत्थजम्बूफलचारुभक्षम्।
उमासुतं शोकविनाशकारकं, नमामि विघ्नेश्वरपादपद्मम्॥
अर्थ: मैं गजानन, जो समस्त प्राणियों के अधिपति हैं, कपित्थ और जम्बू फलों के प्रिय भक्षक हैं, माता उमा के पुत्र हैं और दुःख व विघ्नों का नाश करते हैं—उनके चरणों में प्रणाम करता हूँ।
श्लोक (अथर्ववेद 10.4.19):
गजः पृथिव्या अधिपः स्याम्, मेघानां च वहकः, वनानां रक्षकः
अर्थ: “गज (हाथी) पृथ्वी का अधिपति है, मेघों का वाहक है और वनों का रक्षक है।”
यह श्लोक दर्शाता है कि प्राचीन भारत में हाथियों को केवल शक्ति और वैभव का प्रतीक नहीं, बल्कि प्राकृतिक संतुलन के संरक्षक के रूप में भी सम्मानित किया जाता था।
यह हमें सिखाता है कि हाथी केवल पारिस्थितिकी का अंग नहीं, बल्कि हमारी आध्यात्मिक चेतना का भी हिस्सा हैं।

हाथियों का आध्यात्मिक विवेचन
श्लोक (अथर्ववेद 10.4.19):
गजः पृथिव्या अधिपः स्याम्, मेघानां च वहकः, वनानां रक्षकः।
अर्थ: “गज (हाथी) पृथ्वी का अधिपति है, मेघों का वाहक है और वनों का रक्षक है।”
यह श्लोक दर्शाता है कि प्राचीन भारत में हाथियों को केवल शक्ति और वैभव का प्रतीक नहीं, बल्कि प्राकृतिक संतुलन के संरक्षक के रूप में भी सम्मानित किया जाता था।
हाथियों के दस रहस्य और अद्भुत वैज्ञानिक तथ्य
1. दुनिया के सबसे बड़े स्थलीय जीव
अफ्रीकी सवाना हाथी औसतन 3 मीटर ऊँचे और 6,000 किलोग्राम वज़नी होते हैं।
जीवनकाल: 60–70 वर्ष।
नवजात शिशु का जन्म-वज़न लगभग 120 किलोग्राम होता है।
2. कानों से पहचान
अफ्रीकी हाथियों के कान महाद्वीप के आकार जैसे बड़े।
एशियाई हाथियों के कान छोटे और गोल, सूँड़ के सिरे पर केवल एक “उंगली” (अफ्रीकी में दो)।
3. सूँड़ का जादू
1,50,000 से अधिक मांसपेशी इकाइयाँ।
8 लीटर पानी खींचने की क्षमता, तैरते समय स्नॉर्कल का काम।
4. दाँत असल में दाँत ही हैं
बढ़े हुए कृंतक दाँत, जीवनभर बढ़ते हैं।
भोजन जुटाने, पेड़ों की छाल उतारने और रक्षा में सहायक।
5. मोटी लेकिन संवेदनशील त्वचा
2.5 सेमी मोटी, पर झुर्रियों में 10 गुना अधिक पानी सोखने की क्षमता।
कीचड़ स्नान से त्वचा को ठंडक और सूर्य से सुरक्षा।
6. लगातार भोजन
प्रतिदिन लगभग 150 किलो भोजन।
दिन का 75% हिस्सा खाने में व्यतीत।
7. कंपन के माध्यम से संवाद
ध्वनियों, शारीरिक भाषा, गंध के अलावा, ज़मीन के कंपन से भी संदेश देते हैं।
8. जन्म के 20 मिनट बाद खड़े होने की क्षमता
1 घंटे में चलने लगते हैं, 2 दिन में झुंड के साथ गति बनाए रखते हैं।
9. स्मृति की शक्ति
मस्तिष्क का टेम्पोरल लोब मनुष्यों से बड़ा और घना।
यही कारण है कि कहा जाता है—“हाथी कभी नहीं भूलते”।
10. 90% अफ्रीकी हाथी 100 साल में लुप्त
हाथीदांत व्यापार, आवास विनाश और शिकार प्रमुख कारण।
एशियाई हाथियों की संख्या पिछले तीन पीढ़ियों में 50% घट चुकी है।
स्लोगन्स
🌿 संरक्षण प्रेरक
1. हाथी बचाओ, धरती सजाओ! 2. मैट्रियार्क्स की यादें — प्रकृति की धड़कन!
3. हाथियों के संग है हमारी संस्कृति का रंग। 4. धरती के दिग्गज, हम सबके संरक्षक।
5. हाथीदांत नहीं, हाथी का सम्मान चाहिए।

🌏 सह-अस्तित्व
6. उनकी चाल में है जंगल का संतुलन।7. मैट्रियार्क्स का नेतृत्व, भविष्य की गारंटी।
8. यादें बचेंगी, तो हाथी बचेंगे।9. वन बचाओ, ताकि हाथी लौट आएं।
10. हम बदलेंगे, तभी हाथी बचेंगे।
🐘 बच्चों और सोशल मीडिया के लिए
11. Big Ears, Big Hearts — Save Elephants!
12. Matriarchs Lead, Memories Live!
13. Be a trunk-lover, not a tusk-buyer!
14. एक कदम संरक्षण की ओर, एक जीवन हाथियों का।
15. उनके बिना जंगल अधूरा, हमारे बिना उनका कल अधूरा।
निष्कर्ष
विश्व हाथी दिवस 2025 का सार यही है कि जब हम हाथी बचाते हैं, तब हम केवल एक प्रजाति नहीं, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बचाते हैं।
“Matriarchs & Memories” हमें यह सिखाती है कि अनुभवी नेतृत्व, सामूहिक स्मृति और स्त्री-शक्ति के सहयोग से ही भविष्य सुरक्षित हो सकता है—न केवल हाथियों का, बल्कि हमारी धरती का भी।
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