MP में उद्योगों के प्रमोशन के लिए GIS से पहले 20 नई नीतियों को मिलेगी मंजूरी

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MP में उद्योगों के प्रमोशन के लिए GIS से पहले 20 नई नीतियों को मिलेगी मंजूरी

भोपाल: मध्यप्रदेश में 24 और 25 फरवरी को होंने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले प्रदेश में उद्योगों की स्थापना और निवेशकों के लिए उत्साहजनक वातावरण निर्मित करने राज्य सरकार इंडस्ट्रियल प्रमोशन पॉलिसी सहित बीस नई पॉलिसी लाने जा रही है। जीआईएस से पहले इन सभी नीतियों को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है ताकि जीआईएस में देश-विदेश से आने वाले उद्योपतियों और निवेशकों को इनके जरिए प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगपतियों के लिए रेड कारपेट बिछाने और उनकी सभी मुश्किले आसान करने नई इंडस्ट्रियल प्रमोशन पॉलिसी लाने जा रही है। इसमें मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने के इच्छुक उद्योगपतियों को सिंगल विंडो प्रणाली से सारी अनुमतियां दिलाने का इंतजाम किया जाएगा। प्रदेश के युवाओं को इन उद्योगों में रोजगार देने पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि बढ़ाई जाएगी। उद्योगों की जरुरत के मुताबिक कुशल श्रमिक तैयार करने राज्य सरकार इनके प्रशिक्षण का खर्च भी निवेशकों को उपलब्ध कराएगी। सौर उर्जा के जरिए सस्ती बिजली, उद्योग की स्थापना के दस वर्षो तक बिजली और पानी के बिलों में छूट या रियायत देने का इंतजाम भी किया जाएगा। प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए सभी सुविधाओं से युक्त जमीन भी देने की तैयारी है। सहायक उद्योगों के लिए भी इसमें इंतजाम होगा। बड़े औद्योगिक पार्क के लिए भी इसमें अलग इंतजाम किए जाएंगे।

मध्यप्रदेश में तैयार होंने वाले उत्पादों का विदेशों में निर्यात किया जा सके इसके लिए मध्यप्रदेश एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी भी राज्य सरकार ला रही है। प्रदेश में अनाज और फलों के उत्पादन के बाद उनके संग्रहण का इंतजाम करने और बड़े उद्योगों के लिए कच्चा माल रखने के लिए एमपी लाजिस्टिक पॉलिसी लाई जाएगी। मध्यप्रदेश में लघु, मध्यम एवं कुटीर उद्योंगों का पर्याप्त विकास हो सके। इसके लिए राज्य सरकार मध्यप्रदेश एमएसएमई डेवलपमेंट पॉलिसी लेकर आ रही है। एम एसएमई को अपना उद्योग लगाने आसानी से जमीन मिल सके इसके लिए पहली बार एमपी एमएसएमई लेंड अलोकेशन पॉलिसी लाई जाएगी। वहीं अपना खुद का नया स्टार्ट अप शुरु करने वालों को प्रोत्साहन देने उन्हें सुविधाएं देने नई एमपी स्टार्ट अप पॉलिसी भी लाई जा रही है।

आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल और सीएनजी की जगह हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाना है। इससे वाहन चलाने से लेकर अन्य काम भी किए जा सकेंगे। इसके लिए एमपी हाईड्रोजन पॉलिसी राज्य सरकार लाएगी। प्रदूषण कम करने और पेट्रोल, डीजल की खपत कम करने एमपी में बॉयोफ्यूल को बढ़ावा दिया जाएगा इसके लिए बॉयोफ्यूल प्रमोशन पॉलिसी लाई जाएगी। मध्यप्रदेश में अब गैस सिलेंडरों की जगह पाइपलाईन से गैस आपूर्ति की शुरुआत हो चुकी है। इसके विस्तार के लिए राज्य सरकार सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी लाने जा रही है। एमपी ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर पॉलिसी भली लाई जा रही है। राज्य की नई एविएशन पॉलिसी भी आ रही है जिसके जरिए प्रदेश में विमानन विभाग हवाई यातायात से मध्यप्रदेश को अधिक से अधिक स्थानों पर सेवाएं शुरु कर सकेगा। लेंड पूलिंग पॉलिसी भी राज्य सरकार ला रही है। इसके अलावा मध्यप्रदेश टूरिज्म इन्वेस्टमेंट पॉलिसी भी आ रही है मेडिकल कॉलेज के साथ अस्पतालों के निर्माण और संचालन के लिए पीपीपी पर काम करने भी सरकार एक पॉलिसी ला रही है। प्रेसराइज्ड पाईप इरीगेशन सिस्टम को पीपीपी मोड पर आपरेशन और संचालन करने के लिए भी राज्य सरकार पॉलिसी ला रही है।

 

*तीन नीतियों को मिल चुकी मंजूरी-* मध्यप्रदेश में सेमी कंडक्टर पॉलिसी , एमपी ड्रोन प्रमोशन पॉलिसी और एमपी एवीजीसी पॉलिसी को सरकार कैबिनेट में मंजूरी प्रदान कर चुकी है।