
50 Thousand fine on State Govt : हाई कोर्ट ने राज्य सरकार पर 50 हजार का जुर्माना लगाया!
Jabalpur : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को जागृत आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ता अंतराम अवासे का जिलाबदर आदेश खारिज कर दिया। साथ ही उनकी याचिका स्वीकार कर राज्य सरकार पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। यह राशि कलेक्टर से वसूलने के लिए अधिकार भी दिए गए।
जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर राजनीतिक दबाव में आकर ऐसी कार्रवाई की गई है तो यह न्यायोचित नहीं है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे सभी कलेक्टरों की बैठक बुलाएं और इस तरह की जिला बदर कार्रवाई को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। इस मामले में प्रशासन फिर से कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है।
अंतराम अवासे पर जंगलों को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं। उस पर 11 अपराध दर्ज हैं। 23 जनवरी 2024 को कलेक्टर ने उसे जिला बदर किया था। अवासे ने कलेक्टर के आदेश को इंदौर संभाग आयुक्त के यहां चुनौती दी, लेकिन वहां आदेश यथावत होने पर उसने हाईकोर्ट की शरण ली थी। अवासे के वकील काजी फखरुद्दीन ने कोर्ट को बताया कि अवासे ने 2023 में वन कटाई के खिलाफ आवाज उठाई थी। 2024 में कलेक्टर ने उनके खिलाफ जिला बदर आदेश पारित किया।
प्रशासन फिर हाईकोर्ट में अपील करेगा
प्रशासन का पक्ष रखते हुए वन विभाग के बुरहानपुर के एसडीओ अजय सागर ने बताया कि 2022-23 में जिले के वनों को नुकसान पहुंचाने वाले माफिया में अंतराम अवासे भी शामिल थे। 6 जुलाई 2023 को हाईकोर्ट ने माना था कि वन अपराध के मामले में भी जिला बदर अधिनियम 1990 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। क्योंकि, वन लोक संपत्ति है। हालांकि, जबलपुर हाईकोर्ट के नए फैसले में वन विभाग के प्रकरण को मान्य नहीं किया गया है।
एसडीओ ने बताया कि चूंकि दोनों निर्णय हाईकोर्ट के हैं, इसलिए प्रशासन पहले वाले निर्णय के आधार पर तथ्य एकत्रित कर रहा है और कानूनी सलाह लेकर इस फैसले को लेकर अपील करने की तैयारी कर रहा है।
प्रदेश में हुई थी, सबसे बड़ी कार्रवाई
सालभर पहले बुरहानपुर में जंगल में अतिक्रमण हटाने की प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई थी। इस दौरान करीब एक हजार से अधिक अतिक्रमणकारियों की झोपड़ियां तोड़ी गई थी। लगातार 17 दिनों तक कार्रवाई कर अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा गया था। कई पर केस दर्ज करने के साथ उनकी गिरफ्तारी की गई थी। साथ ही जिला बदर की भी कार्रवाई की गई। जागृत आदिवासी दलित संगठन की कार्यकर्ता माधुरी बेन को भी जिला बदर किया गया था।
दर्ज हैं 11 केस, 6 में सीधा आरोपी
बुरहानपुर एसडीओ अजय सागर के अनुसार अंतराम अवासे सीवल का रहने वाला है। उस पर 11 अपराध दर्ज हैं। जिसमें 6 में वह सीधे-सीधे आरोपी है और अन्य 5 में उसे सह-आरोपी बनाए गया है। उस पर दो एफआईआर भी दर्ज हैं। प्रशासन ने उसे आदतन अपराधी बताते हुए कहा था कि जंगलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा था। इसलिए विभाग ने जिला बदर की कार्रवाई का प्रस्ताव दिया था। 23 जनवरी 24 को कलेक्टर ने उन्हें जिला बदर कर दिया।





